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पाकिस्तान को बड़ा झटका- एफएटीएफ की 'ग्रे सूची' में ही रहेगा - पाकिस्तान को बड़ा झटका

पाकिस्तान की इमरान खान सरकार को बड़ा झटका लगा है. क्योंकि फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) की बैठक में फैसला किया गया है कि पाकिस्तान अभी ग्रे लिस्ट में रहेगा.

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Published : Jun 25, 2021, 6:11 PM IST

Updated : Jun 25, 2021, 7:49 PM IST

इस्लामाबाद : धन शोधन और आतंकवाद को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने वाले संगठनों पर लगाम लगाने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था 'फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स' (एफएटीएफ) ने शुक्रवार को कहा कि इस्लामाबाद, संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादियों हाफिज सईद और मसूद अजहर पर कार्रवाई करने में विफल रहा इसलिए पाकिस्तान को 'ग्रे (संदिग्ध)सूची' में बरकरार रखा जाएगा.

एफएटीएफ ने यह भी कहा कि पाकिस्तान को अपनी रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण कमियों को दूर करने के लिए काम करना जारी रखना चाहिए. पेरिस स्थित एफएटीएफ के प्रमुख मार्कस प्लेयर ने कहा कि डिजिटल माध्यम से आयोजित बैठक में यह निर्णय लिया गया.

प्लेयर ने डिजिटल माध्यम से आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पाकिस्तान इन्क्रीज्ड मॉनिटरिंग लिस्ट' (निगरानी की सूची) में रहेगा जिसे ‘ग्रे सूची’ के नाम से भी जाना जाता है. प्लेयर ने कहा कि पाकिस्तान को 2018 में जिन 27 बिंदुओं पर कार्रवाई करने का लक्ष्य दिया गया उसमें से 26 पर कार्रवाई की गई है.

उन्होंने कहा कि एफएटीएफ ने पाकिस्तान से कहा है कि वह संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादियों के विरुद्ध कार्रवाई करे. पाकिस्तान में रह रहे इन आतंकवादियों में जैश ए मोहम्मद का सरगना अजहर, लश्कर ए तय्यबा का संस्थापक सईद और उसका ‘ऑपरेशनल कमांडर’ जकीउर रहमान लखवी शामिल है.

अजहर, सईद और लखवी, 26/11 मुंबई हमला और 2019 में पुलवामा में सीआरपीएफ पर हुए हमलों समेत कई आतंकी वारदातों में शामिल रहे हैं जिसके कारण भारत को उनकी तलाश है. प्लेयर ने कहा कि पाकिस्तानी सरकार धन शोधन को रोकने में नाकामयाब रही है जिससे भ्रष्टाचार और आतंकवाद का वित्त पोषण होता है.

प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन और उनके प्रमुख हाफिज सईद, मसूद अजहर और सैयद सलाहुद्दीन को पाकिस्तान में संरक्षण प्राप्त है.

इस साल की शुरूआत में जारी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि तीनों आतंकवादी समूह अफगानिस्तान में अल कायदा और तालिबान के साथ सहयोग कर रहे हैं.

इस्लामाबाद : धन शोधन और आतंकवाद को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने वाले संगठनों पर लगाम लगाने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था 'फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स' (एफएटीएफ) ने शुक्रवार को कहा कि इस्लामाबाद, संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादियों हाफिज सईद और मसूद अजहर पर कार्रवाई करने में विफल रहा इसलिए पाकिस्तान को 'ग्रे (संदिग्ध)सूची' में बरकरार रखा जाएगा.

एफएटीएफ ने यह भी कहा कि पाकिस्तान को अपनी रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण कमियों को दूर करने के लिए काम करना जारी रखना चाहिए. पेरिस स्थित एफएटीएफ के प्रमुख मार्कस प्लेयर ने कहा कि डिजिटल माध्यम से आयोजित बैठक में यह निर्णय लिया गया.

प्लेयर ने डिजिटल माध्यम से आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पाकिस्तान इन्क्रीज्ड मॉनिटरिंग लिस्ट' (निगरानी की सूची) में रहेगा जिसे ‘ग्रे सूची’ के नाम से भी जाना जाता है. प्लेयर ने कहा कि पाकिस्तान को 2018 में जिन 27 बिंदुओं पर कार्रवाई करने का लक्ष्य दिया गया उसमें से 26 पर कार्रवाई की गई है.

उन्होंने कहा कि एफएटीएफ ने पाकिस्तान से कहा है कि वह संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादियों के विरुद्ध कार्रवाई करे. पाकिस्तान में रह रहे इन आतंकवादियों में जैश ए मोहम्मद का सरगना अजहर, लश्कर ए तय्यबा का संस्थापक सईद और उसका ‘ऑपरेशनल कमांडर’ जकीउर रहमान लखवी शामिल है.

अजहर, सईद और लखवी, 26/11 मुंबई हमला और 2019 में पुलवामा में सीआरपीएफ पर हुए हमलों समेत कई आतंकी वारदातों में शामिल रहे हैं जिसके कारण भारत को उनकी तलाश है. प्लेयर ने कहा कि पाकिस्तानी सरकार धन शोधन को रोकने में नाकामयाब रही है जिससे भ्रष्टाचार और आतंकवाद का वित्त पोषण होता है.

प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन और उनके प्रमुख हाफिज सईद, मसूद अजहर और सैयद सलाहुद्दीन को पाकिस्तान में संरक्षण प्राप्त है.

इस साल की शुरूआत में जारी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि तीनों आतंकवादी समूह अफगानिस्तान में अल कायदा और तालिबान के साथ सहयोग कर रहे हैं.

Last Updated : Jun 25, 2021, 7:49 PM IST
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