इस्लामाबाद : पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के तालिबान पर कई वित्तीय प्रतिबंध लगाए हैं. उसने ऐसे समय में तालिबान पर यह प्रतिबंध लगाए हैं जब अमेरिका के नेतृत्व में पड़ोसी राष्ट्र में आतंकवादी समूह के साथ शांति प्रक्रिया जारी है. खबरों के मुताबिक पाकिस्तान ने 88 प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों और हाफिज सईद, मसूद अजहर और दाऊद इब्राहीम समेत उनके आकाओं पर कड़े वित्तीय प्रतिबंध लगाये हैं .
यह आदेश शुक्रवार की देर रात जारी किया गया. प्रतिबंध में शामिल लोगों में तालिबान के मुख्य शांति वार्ताकार अब्दुल गनी बारादर और हक्कानी परिवार के कई सदस्य शामिल हैं. इनमें हक्कानी परिवार का सिराजुद्दीन भी शामिल है जो वर्तमान में हक्कानी नेटवर्क का प्रमुख है और तालिबान का उप प्रमुख है.
प्रतिबंधित सूची में तालिबान के अलावा अन्य समूह भी हैं और इसे संयुक्त राष्ट्र की तरफ से अफगान समूहों पर लगाए गए पांच वर्ष के प्रतिबंध और उनकी संपति जब्त किए जाने की तर्ज पर ही लागू किया गया है.
नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान द्वारा वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) द्वारा पाकिस्तान को काली सूची में डाले जाने से बचने के तहत ये आदेश जारी किए गए हैं. एफएटीएफ धनशोधन के मामलों पर नजर रखता है और आतंकवादी समूहों की गतिविधियों की निगरानी करता है.
अधिसूचनाओं में घोषित प्रतिबंध जमात-उद-दावा, जैश-ए-मोहम्मद, तालिबान, दाएश, हक्कानी समूह, अलकायदा और अन्य पर लगाये गये हैं.
खबर के अनुसार सरकार ने इन संगठनों और आकाओं की सभी चल और अचल संपत्तियों को जब्त करने और उनके बैंक खातों को सील करने के आदेश दिये है.
खबर के अनुसार सईद, अजहर, मुल्ला फजलुल्ला (उर्फ मुल्ला रेडियो), जकीउर रहमान लखवी, मुहम्मद यह्या मुजाहिद, अब्दुल हकीम मुराद, नूर वली महसूद, उजबेकिस्तान लिबरेशन मूवमेंट के फजल रहीम शाह, तालिबान नेताओं जलालुद्दीन हक्कानी, खलील अहमद हक्कानी, यह्या हक्कानी, तथा इब्राहीम और उनके सहयोगी सूची में हैं.
सरकार ने 18 अगस्त को दो अधिसूचनाएं जारी करते हुए 26/11 मुंबई हमले के साजिशकर्ता और जमात-उद-दावा के सरगना सईद, जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख अजहर और अंडरवर्ल्ड डॉन इब्राहीम पर प्रतिबंधों की घोषणा की थी.
इब्राहीम 1993 मुंबई बम विस्फोटों के बाद भारत के लिए सबसे वांछित आतंकवादी बन कर उभरा है.