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इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने नवाज शरीफ को तलब करने का आदेश किया जारी - अखबारों में विज्ञापन

इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को वापस बुलाने के लिए समाचार पत्रों में विज्ञापन जारी किए जाने के आदेश दिए है. न्यायालय ने डॉन और जंग अखबारों में विज्ञापन पोस्ट किए जाने का आदेश दिया.

पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ
पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ
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Published : Oct 7, 2020, 10:57 PM IST

इस्लामाबाद : पाकिस्तान की एक अदालत ने बुधवार को आदेश दिया कि पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को वापस बुलाने के लिए समाचार पत्रों में विज्ञापन जारी किए जाएं. यह फैसला तब लिया गया है जब लंदन में उनके प्रतिनिधि ने भ्रष्टाचार के मामलों में गिरफ्तारी वारंट प्राप्त करने से इनकार कर दिया था.

इस्लामाबाद उच्च न्यायालय लंदन में नवाज शरीफ के निवास पर प्रतिनिधियों के रवैये को कोर्ट के आदेश का अपमान माना और डॉन और जंग अखबारों में विज्ञापन पोस्ट किए जाने का आदेश दिया.

अदालत ने संघीय सरकार को विज्ञापनों की लागत वहन करने का निर्देश दिया. इसके साथ ही अतिरिक्त अटॉर्नी जनरल तारिक खोखर को दो दिनों के भीतर शुल्क का भुगतान करने के लिए कहा.

पढ़ें- पाक हाईकोर्ट शरीफ के भाषण पर प्रतिबंध की मांग वाली याचिका पर करेगा सुनवाई

लंदन में पाकिस्तानी उच्चायोग में तैनात एक अधिकारी ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय को सूचित किया कि आदेश के बाद शरीफ के एक प्रतिनिधि ने गिरफ्तारी वारंट प्राप्त करने के लिए सहमति व्यक्त की थी, लेकिन बाद में अपना पलट गया.

बता दें कि शरीफ, उनकी बेटी मरियम और दामाद मोहम्मद सफदर को छह जून 2018 को एवनफील्ड सम्पत्तियों के मामले में दोषी ठहराया गया था. लाहौर हाईकोर्ट ने शरीफ (70) को उपचार के लिए चार सप्ताह के लिए विदेश जाने की अनुमति दी थी, जिसके बाद शरीफ पिछले साल नवंबर से लंदन में हैं.

इस्लामाबाद : पाकिस्तान की एक अदालत ने बुधवार को आदेश दिया कि पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को वापस बुलाने के लिए समाचार पत्रों में विज्ञापन जारी किए जाएं. यह फैसला तब लिया गया है जब लंदन में उनके प्रतिनिधि ने भ्रष्टाचार के मामलों में गिरफ्तारी वारंट प्राप्त करने से इनकार कर दिया था.

इस्लामाबाद उच्च न्यायालय लंदन में नवाज शरीफ के निवास पर प्रतिनिधियों के रवैये को कोर्ट के आदेश का अपमान माना और डॉन और जंग अखबारों में विज्ञापन पोस्ट किए जाने का आदेश दिया.

अदालत ने संघीय सरकार को विज्ञापनों की लागत वहन करने का निर्देश दिया. इसके साथ ही अतिरिक्त अटॉर्नी जनरल तारिक खोखर को दो दिनों के भीतर शुल्क का भुगतान करने के लिए कहा.

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लंदन में पाकिस्तानी उच्चायोग में तैनात एक अधिकारी ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय को सूचित किया कि आदेश के बाद शरीफ के एक प्रतिनिधि ने गिरफ्तारी वारंट प्राप्त करने के लिए सहमति व्यक्त की थी, लेकिन बाद में अपना पलट गया.

बता दें कि शरीफ, उनकी बेटी मरियम और दामाद मोहम्मद सफदर को छह जून 2018 को एवनफील्ड सम्पत्तियों के मामले में दोषी ठहराया गया था. लाहौर हाईकोर्ट ने शरीफ (70) को उपचार के लिए चार सप्ताह के लिए विदेश जाने की अनुमति दी थी, जिसके बाद शरीफ पिछले साल नवंबर से लंदन में हैं.

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