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पाकिस्तानी अदालत ने आईएसआई के पूर्व प्रमुख पर लगी वायु यात्रा रोक हटाने को कहा

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Published : Mar 4, 2021, 10:25 PM IST

पाकिस्तान में एक उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को सरकार से कहा कि आईएसआई के पूर्व प्रमुख लेफ्टिनेंट (सेवानिवृत्त) असद दुर्रानी को उड़ान की अनुमित नहीं होने वाले यात्रियों की सूची से बाहर निकाला जाए.

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इस्लामाबाद : पाकिस्तान में एक उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को सरकार से कहा कि आईएसआई के पूर्व प्रमुख लेफ्टिनेंट (सेवानिवृत्त) असद दुर्रानी को उड़ान की अनुमित नहीं होने वाले यात्रियों की सूची से बाहर निकाला जाए. इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अतर मिनल्ला ने 80 वर्षीय दुर्रानी की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया.

दुर्रानी ने बाहर जाने पर रोक संबंधी सूची (ईसीएल) से अपना नाम हटाने का आग्रह किया था. इसमें उन लोगों का नाम है, जिन्हें विदेश जाने से प्रतिबंधित किया गया है. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि अदालत ने सभी रिकॉर्ड की जांच की और पाया कि दुर्रानी के खिलाफ कोई जांच नहीं चल रही है. उन्होंने कहा, 'सभी नागरिकों की भांति इस सेवानिवृत्त तीन स्टार वाले जनरल के भी अधिकार हैं.

दुर्रानी ने अगस्त 1990 से मार्च 1993 तक इंटर सर्विसेज इंटेलीजेंस (आईएसआई) का नेतृत्व किया और 2018 में तब वह विवादों में घिर गए जब उन्होंने रिसर्च एंड एनालिसिस विंग के पूर्व प्रमुख ए एस दुलत के साथ मिलकर 'द स्पाई क्रॉनिकल्स : रॉ, आईएसआई एंड इल्यूजन ऑफ पीस' किताब लिखी.

यह भी पढ़ें-चीन ने तियानवेन-1 प्रोब यान से ली गई मंगल की तस्वीरें जारी कीं

उन्हें वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों की उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने तलब किया था, जिसके बाद सैन्य खुफिया इकाई ने मई 2018 में गृह मंत्रालय से उन्हें ईसीएल में डालने के लिए कहा था. दुर्रानी ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में 2019 में इस कदम को चुनौती दी थी.

इस्लामाबाद : पाकिस्तान में एक उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को सरकार से कहा कि आईएसआई के पूर्व प्रमुख लेफ्टिनेंट (सेवानिवृत्त) असद दुर्रानी को उड़ान की अनुमित नहीं होने वाले यात्रियों की सूची से बाहर निकाला जाए. इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अतर मिनल्ला ने 80 वर्षीय दुर्रानी की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया.

दुर्रानी ने बाहर जाने पर रोक संबंधी सूची (ईसीएल) से अपना नाम हटाने का आग्रह किया था. इसमें उन लोगों का नाम है, जिन्हें विदेश जाने से प्रतिबंधित किया गया है. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि अदालत ने सभी रिकॉर्ड की जांच की और पाया कि दुर्रानी के खिलाफ कोई जांच नहीं चल रही है. उन्होंने कहा, 'सभी नागरिकों की भांति इस सेवानिवृत्त तीन स्टार वाले जनरल के भी अधिकार हैं.

दुर्रानी ने अगस्त 1990 से मार्च 1993 तक इंटर सर्विसेज इंटेलीजेंस (आईएसआई) का नेतृत्व किया और 2018 में तब वह विवादों में घिर गए जब उन्होंने रिसर्च एंड एनालिसिस विंग के पूर्व प्रमुख ए एस दुलत के साथ मिलकर 'द स्पाई क्रॉनिकल्स : रॉ, आईएसआई एंड इल्यूजन ऑफ पीस' किताब लिखी.

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उन्हें वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों की उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने तलब किया था, जिसके बाद सैन्य खुफिया इकाई ने मई 2018 में गृह मंत्रालय से उन्हें ईसीएल में डालने के लिए कहा था. दुर्रानी ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में 2019 में इस कदम को चुनौती दी थी.

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