इस्लामाबाद : पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने 2002 में अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल के अपहरण और हत्या मामले में मुख्य संदिग्ध एवं ब्रिटिश मूल के अलकायदा आतंकवादी अहमद उमर सईद शेख को फौरन रिहा करने का मंगलवार को आदेश दिया. जियो टीवी की खबर के मुताबिक न्यायालय ने शेख को दो दिनों के लिए सामान्य बैरक में भेजने का आदेश दिया, जिसके बाद उसे कड़ी सुरक्षा में एक सरकारी रेस्ट हाउस भेजा जाएगा. वहां उसके परिवार के सदस्य उससे सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक मिल सकेंगे.
शीर्ष न्यायालय ने सोमवार को शेख और उसके तीन अन्य सहयोगियों फहद नसीम, शेख आदिल और सलमान साकिद की रिहाई को निलंबित करने के सरकार के अनुरोध को खारिज कर दिया था. लेकिन मामले पर सरकार के पक्ष को सुनने के लिए उनकी अंतरिम हिरासत आदेश को एक दिन के लिए विस्तारित कर दिया था. ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की खबर के मुताबिक मंगलवार को न्यायमूर्ति उमर अता बंदियाल की अध्यक्षता वाली पाकिस्तानी उच्चतम न्यायालय की पीठ ने आदेश दिया कि ‘रेस्ट हाउस’ से शेख का बाहरी दुनिया से कोई संपर्क नहीं होना चाहिए.
हालांकि, न्यायालय ने आरोपी को बरी किए जाने के सिंध उच्च न्यायालय के फैसले को निलंबित करने की सरकार की अपील फिर से खारिज कर दी और उससे (सरकार से) उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ फिर से अपील दायर करने को कहा था. सिंध सरकार और पर्ल के परिवार ने अप्रैल 2020 के सिंध उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए शीर्ष न्यायालय में याचिकाएं दायर की थी. उच्चतम न्यायालय ने शेष को बरी किए जाने के खिलाफ दायर अपीलों को बृहस्पतिवार को खारिज कर दिया और उसे रिहा करने का आदेश जारी किया. हालांकि, इस फैसले की अमेरिकी पत्रकार के परिवार ने निंदा करते हुए इसे न्याय का उपहास करार दिया था.
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पर्ल (38) 'द वाल स्ट्रीट जर्नल' के दक्षिण एशिया ब्यूरो प्रमुख थे. वह 2002 में एक खबर के सिलसिले में जब पाकिस्तान की गुप्तचर एजेंसी आईएसआई और आतंकवादी संगठन अलकायदा के बीच संबंधों की इस देश में छानबीन कर रहे थे, तभी उनका अपहरण कर लिया गया था और उनका सिर कलम कर दिया गया था.