इस्लामाबाद : पाकिस्तान के विधानसभा अध्यक्ष असद कैसर (Asad Qaiser) ने इमरान खान की सत्ताधारी पार्टी के तीन सांसदों सहित सात सांसदों पर प्रतिबंध लगा दिया. बुधवार को कैसर ने सात सांसदों को सदन में प्रवेश करने से रोक दिया.
स्पीकर ने ये फैसला एक दिन पहले हुई उस घटना के बाद लिया जिसमें सदन में एक-दूसरे को गालियां देने के साथ बजट की प्रतियां फेंक दी गई थीं.
व्यवहार 'असंसदीय' और 'अनुचित'
स्पीकर कैसर ने कहा कि नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ के भाषण के दौरान सत्र को बाधित करने वाले सदस्यों को सदन में प्रवेश करने से रोक दिया गया है क्योंकि उनका व्यवहार 'असंसदीय' और 'अनुचित' था. स्पीकर ने कहा कि 'उन्होंने नियमों का उल्लंघन किया और निर्देश के बावजूद सदन की कार्यवाही बाधित की.'
इन पर हुई कार्रवाई
पीटीआई (PTI ) और पीएमएल-एन ( PML-N) के तीन-तीन सांसदों और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (Pakistan Peoples Party) के एक सदस्य को सत्र में शामिल होने से रोक दिया गया है. इनमें अली गोहर खान (पीएमएल-एन), चौधरी हामिद हमीद (पीएमएल-एन), शेख रोहले असगर (पीएमएल-एन), फहीम खान (पीटीआई), अब्दुल मजीद खान (पीटीआई), अली नवाज अवान (पीटीआई) और सैयद आगा रफीउल्लाह (पीपीपी) शामिल हैं. अध्यक्ष ने कहा कि इनका आचरण 'बेहद अव्यवस्थित था.'
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उन्होंने कहा कि उन्हें अगले आदेश तक संसद भवन के परिसर में प्रवेश नहीं करने के लिए कहा गया है.' वर्जित सदस्यों में से एक अवान, पूंजी विकास प्राधिकरण मामलों पर प्रधान मंत्री के विशेष सहायक भी हैं. उन्हें पीएमएल-एन के एक विधायक के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए सुना गया था.
ये है पूरा मामला
सदन में अजीब दृश्य तब देखा गया जब पीएमएल-एन के अध्यक्ष शरीफ ने बजट पर बहस के लिए प्रथागत भाषण देने का प्रयास किया. कुछ ही समय में सदन युद्ध के मैदान में बदल गया. माहौल इतना तनावपूर्ण था कि स्पीकर कैसर को तीन बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी. पीटीआई नेता और कानून की संसदीय सचिव, मलीका बोखारी के चेहरे पर किसी अज्ञात वस्तु से प्रहार किया गया, जिससे उनकी आंख में चोट लग गई और उनका इलाज संसद भवन औषधालय में किया गया.
कार्रवाई से पहले इमरान से की मुलाकात
दोषी सदस्यों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लेने से पहले कैसर ने प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात की. उन्होंने शरीफ और पीपीपी नेता बिलावल भुट्टो-जरदारी से भी सदन की स्थिति पर फोन पर बात की.
(पीटीआई)