इस्लामाबाद / लाहौर : पाकिस्तान में फ्रांसीसी राजदूत को निलंबित करने पर पाक सरकार ने फैसला ले लिया है. खबरों के मुताबिक, इमरान सरकार ने यह फैसला तहरीक ए लबाइक पाकिस्तान (TLP) के दबाव में लिया है. पाकिस्तान सरकार फ्रांसीसी राजदूत के निष्कासन पर संसद में एक प्रस्ताव पेश किया है.
पाक में प्रतिबंधित टीएलपी के खिलाफ दायर सभी मामलों को भी रद्द करने की घाेषणा की गई है. यह निर्णय कट्टरपंथी इस्लामिक पार्टी के साथ एक बैठक के बाद लिया गया. मैराथन बातचीत के बाद टीएलपी और इमरान सरकार के बीच हुए एक समझौते के तहत, फ्रांसीसी राजदूत के निष्कासन पर एक प्रस्ताव मंगलवार को पाक की नेशनल असेंबली में पेश किया गया.
जारी रहेगी बातचीत
पाक के आंतरिक मामलाें के मंत्री शेख राशिद ने एक वीडियो संदेश में कहा कि बातचीत में टीएलपी ने लाहाैर और देश के अन्य जगहाें पर हाे रहे अपने धरने काे समाप्त करने का भराेसा दिया है. उन्हाेंने कहा कि टीएलपी के साथ आगे बातचीत जारी रहेगी.
प्रधानमंत्री इमरान खान का पक्ष
गौरतलब है कि सरकार और टीएलपी के बीच समझौता प्रधानमंत्री इमरान खान के उस बयान के एक दिन बाद आया जिसमें उन्हाेंने कहा था कि पाकिस्तान से फ्रांसीसी राजदूत का निष्कासन पश्चिमी दुनिया में ईश निंदा की घटनाओं को रोकने के लिए समाधान नहीं है.
मामलों को वापस लेगी सरकार
शेख राशिद ने कहा कि टीएलपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज आतंकवाद के आरोपों वाले मामलों को वापस लिया जाएगा. इसके अलावा चौथी अनुसूची से टीएलपी नेताओं के नाम भी हटाए जाएंगे.
फ्रांस के खिलाफ प्रदर्शन के कारण प्रतिबंध
बता दें कि फ्रांसीसी राजदूत को निकालना टीएलपी की चार प्रमुख मांगों में से एक है. पार्टी के सदस्यों द्वारा देशभर में फ्रांस विरोधी प्रदर्शन किए जाने के बाद पिछले सप्ताह उस पर प्रतिबंध लगाया गया था.
संसद के सत्र पर अनिश्चितता
इससे पहले सोमवार को पाक की नेशनल असेंबली का सत्र 22 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दिया गया था. हालांकि मंत्री के बयान के कुछ ही देर बाद घोषणा की गयी कि कार्यक्रम में बदलाव किया गया है और सत्र की बैठक अब 20 अप्रैल को अपराह्न तीन बजे से होगी.
नवंबर में शुरू हुए प्रदर्शन
टीएलपी ने फ्रांस में प्रकाशित पैगंबर मोहम्मद के कार्टूनों को लेकर फ्रांस के राजदूत को पाकिस्तान से निष्कासित करने के लिए 20 अप्रैल की समयसीमा दी थी. कार्टूनों के खिलाफ पार्टी ने पिछले साल नवंबर में व्यापक प्रदर्शन शुरू किए थे.
बता दें कि पाकिस्तान में सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रही तहरीक ए लबाइक पाकिस्तान (TLP) के आक्रामक विरोध प्रदर्शन के बीच कुछ ऐसे वीडियो सामने आए हैं, जिनमें मांगें पूरी न होने पर सरकार को अंजाम भुगतने की धमकी दी जा रही है. सोशल मीडिया पर किए जा रहे पोस्ट्स में लिखा जा रहा है कि टीएलपी के विरोध-प्रदर्शन को सेना और पुलिस के जवानों से भी समर्थन मिल रहा है.
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जानकारी के मुताबिक, टीएलपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ आतंकवाद के आरोपों के तहत दर्ज मामलों को भी समाप्त कर दिया जाएगा. फ्रांसीसी राजदूत का निष्कासन कट्टरपंथी इस्लामवादी पार्टी की मुख्य चार मांगों में से एक है, जिसे पिछले सप्ताह प्रतिबंधित कर दिया गया था क्योंकि इसके सदस्यों ने देश भर में फ्रांस विरोधी हिंसक प्रदर्शन किया था.