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एफएटीएफ के सौंपे छह प्रमुख काम करने में नाकाम रहा है पाक

नापाक पकिस्तान को एक बार फिर से झटका लगा है. वित्तीय कार्रवाई कार्यदल द्वारा पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में रखे जाने की संभावना है. एफएटीएफ के अधिकारियों ने अपने बयान में बताया कि पाकिस्तान छह प्रमुख दायित्वों को पूरा करने में विफल रहा है. इनमें भारत के दो सबसे वांछित आतंकवादी मौलाना मसूद अजहर और हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई शामिल है.

fatf action against pak
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Published : Oct 18, 2020, 10:15 PM IST

नई दिल्ली : भारत में वांछित आतंकवादियों मौलाना मसूद अजहर और हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई करने समेत एफएटीएफ के दिए छह प्रमुख कार्यों को पूरा नहीं करने तथा उसकी आधिकारिक सूची से अचानक से 4,000 से अधिक आतंकवादियों के गायब हो जाने के बाद पाकिस्तान के 'ग्रे सूची' में ही बने रहने की संभावना है. अधिकारियों ने रविवार को यह बात कही.

वित्तीय कार्य कार्रवाई बल (एफएटीएफ) का डिजिटल पूर्ण सत्र 21-23 अक्टूबर को आयोजित किया जाएगा, जिसमें धन शोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ लड़ाई में वैश्विक प्रतिबद्धताओं और मानकों को पूरा करने में इस्लामाबाद के प्रदर्शन की पूरी तरह समीक्षा के बाद उसके ग्रे सूची में बने रहने पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा.

घटनाक्रम से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि एफएटीएफ ने पाकिस्तान को आतंकवाद के वित्तपोषण को पूरी तरह रोकने के लिए कुल 27 कार्ययोजनाएं पूरी करने की जिम्मेदारी दी थी, जिनमें से उसने अभी 21 को पूरा किया है और कुछ काम पूरे नहीं कर सका है.

पढ़ें-23 अक्टूबर तक पता चलेगा पाकिस्तान ग्रे सूची में रहेगा या नहीं

पाकिस्तान ने जिन कार्यों को पूरा नहीं किया है, उनमें जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर, लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख हाफिज सईद और संगठन के ऑपरेशनल कमांडर जाकिउर रहमान लखवी जैसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करना शामिल है.

इसके अलावा एफएटीएफ ने इस बात का पुरजोर संज्ञान लिया है कि आतंकवाद रोधी कानून की अनुसूची पांच के तहत पाकिस्तान की 7,600 आतंकियों की मूल सूची से 4,000 से अधिक नाम अचानक से गायब हो गए.

अधिकारी ने कहा इन हालात में लगभग तय है कि पाकिस्तान एफएटीएफ की ग्रे सूची में बना रहेगा.

इसके अलावा नामित करने वाले चार देश-अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी भी पाकिस्तान की सरजमीं से गतिविधियां चला रहे आतंकी संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की उसकी प्रतिबद्धता से संतुष्ट नहीं हैं.

अजहर, सईद और लखवी भारत में अनेक आतंकी हमलों में संलिप्तता के लिए सर्वाधिक वांछित आतंकवादी हैं.

नई दिल्ली : भारत में वांछित आतंकवादियों मौलाना मसूद अजहर और हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई करने समेत एफएटीएफ के दिए छह प्रमुख कार्यों को पूरा नहीं करने तथा उसकी आधिकारिक सूची से अचानक से 4,000 से अधिक आतंकवादियों के गायब हो जाने के बाद पाकिस्तान के 'ग्रे सूची' में ही बने रहने की संभावना है. अधिकारियों ने रविवार को यह बात कही.

वित्तीय कार्य कार्रवाई बल (एफएटीएफ) का डिजिटल पूर्ण सत्र 21-23 अक्टूबर को आयोजित किया जाएगा, जिसमें धन शोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ लड़ाई में वैश्विक प्रतिबद्धताओं और मानकों को पूरा करने में इस्लामाबाद के प्रदर्शन की पूरी तरह समीक्षा के बाद उसके ग्रे सूची में बने रहने पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा.

घटनाक्रम से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि एफएटीएफ ने पाकिस्तान को आतंकवाद के वित्तपोषण को पूरी तरह रोकने के लिए कुल 27 कार्ययोजनाएं पूरी करने की जिम्मेदारी दी थी, जिनमें से उसने अभी 21 को पूरा किया है और कुछ काम पूरे नहीं कर सका है.

पढ़ें-23 अक्टूबर तक पता चलेगा पाकिस्तान ग्रे सूची में रहेगा या नहीं

पाकिस्तान ने जिन कार्यों को पूरा नहीं किया है, उनमें जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर, लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख हाफिज सईद और संगठन के ऑपरेशनल कमांडर जाकिउर रहमान लखवी जैसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करना शामिल है.

इसके अलावा एफएटीएफ ने इस बात का पुरजोर संज्ञान लिया है कि आतंकवाद रोधी कानून की अनुसूची पांच के तहत पाकिस्तान की 7,600 आतंकियों की मूल सूची से 4,000 से अधिक नाम अचानक से गायब हो गए.

अधिकारी ने कहा इन हालात में लगभग तय है कि पाकिस्तान एफएटीएफ की ग्रे सूची में बना रहेगा.

इसके अलावा नामित करने वाले चार देश-अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी भी पाकिस्तान की सरजमीं से गतिविधियां चला रहे आतंकी संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की उसकी प्रतिबद्धता से संतुष्ट नहीं हैं.

अजहर, सईद और लखवी भारत में अनेक आतंकी हमलों में संलिप्तता के लिए सर्वाधिक वांछित आतंकवादी हैं.

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