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पाक अदालत ने हाफिज के खिलाफ आतंकी वित्तपोषण मामलों को लाहौर स्थानांतरित किया - pak court transfers hafiz to lahore

पाकिस्तान की आतंकवाद निरोधी अदालत ने मंगलवार को मुंबई हमले के मास्टमाइंड हफिज सईद की याचिका पर इसके खिलाफ पंजाब के मुल्तान और साहिवाल में चल रहे आतंकी वित्तपोषण मामलों को लाहौर स्थानांतरित कर दिया है. पढे़ं विस्तार से.....

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हाफिज सईद
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Published : Feb 18, 2020, 6:35 PM IST

Updated : Mar 1, 2020, 6:21 PM IST

लाहौर: पाकिस्तान की एक आतंकवाद-निरोधी अदालत ने मंगलवार को मुंबई के हमले के मास्टरमाइंड और जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद के खिलाफ उसके अनुरोध पर दो आतंकी वित्तपोषण मामलों को लाहौर स्थानांतरित कर दिया.

सईद, संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी है. अमेरिका ने इसतके सर पर 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर का इनाम रखा गया है. 17 जुलाई को आतंकी वित्तपोषण मामलों में हाफिज को गिरफ्तार किया गया था. 70 वर्षीय मौलवी उच्च सुरक्षा वाली कोट लखपत जेल में बंद है.

लाहौर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश मामून रशीद शेख ने सईद और उनके करीबी ज़फ़र इकबाल की याचिका पर सुनवाई की, जो अल-अनफाल ट्रस्ट का सचिव है.

हाफिज ने याचिका दायर कर अपने केस को पंजाब के मुल्तान और साहिवाल शहर, लाहौर कोर्ट में स्थानांतरित करने की मांग की थी. ताकि आतंकवादी-निरोधी अदालत में हाफिज की सुनवाई की जा सके.

अदालत ने अभियोजन पक्ष द्वारा इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई और याचिका को स्वीकार कर लिया.

पढ़ें- 26/11 हमलों के लिए सईद जिम्मेदार : अमेरिका

12 फरवरी को, सईद और इकबाल को पंजाब पुलिस के काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट (CTD) के आवेदन पर लाहौर और गुजरांवाला शहरों में उनके खिलाफ दर्ज दो आतंकी वित्तपोषण मामलों में सजा सुनाई गई थी.

आतंकवाद निरोधक अदालत के न्यायाधीश अरशद हुसैन भुट्टा ने सईद और इकबाल को साढ़े पांच साल की सजा सुनाई और प्रत्येक मामले में 15,000 रुपये का जुर्माना लगाया. कुल 11 साल की सजा समवर्ती रूप से चलेगी.

अमेरिका ने सईद की सजा का स्वागत किया है. साथ हि इसे आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने के लिए अपनी अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को पूरा करने वाला कदम बताया है. साथ ही गैर-राज्य अभिनेताओं को अपनी मिट्टी से संचालित करने की अनुमति नहीं देने के लिए पाकिस्तान का महत्वपूर्ण कदम बताया है.

लाहौर: पाकिस्तान की एक आतंकवाद-निरोधी अदालत ने मंगलवार को मुंबई के हमले के मास्टरमाइंड और जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद के खिलाफ उसके अनुरोध पर दो आतंकी वित्तपोषण मामलों को लाहौर स्थानांतरित कर दिया.

सईद, संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी है. अमेरिका ने इसतके सर पर 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर का इनाम रखा गया है. 17 जुलाई को आतंकी वित्तपोषण मामलों में हाफिज को गिरफ्तार किया गया था. 70 वर्षीय मौलवी उच्च सुरक्षा वाली कोट लखपत जेल में बंद है.

लाहौर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश मामून रशीद शेख ने सईद और उनके करीबी ज़फ़र इकबाल की याचिका पर सुनवाई की, जो अल-अनफाल ट्रस्ट का सचिव है.

हाफिज ने याचिका दायर कर अपने केस को पंजाब के मुल्तान और साहिवाल शहर, लाहौर कोर्ट में स्थानांतरित करने की मांग की थी. ताकि आतंकवादी-निरोधी अदालत में हाफिज की सुनवाई की जा सके.

अदालत ने अभियोजन पक्ष द्वारा इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई और याचिका को स्वीकार कर लिया.

पढ़ें- 26/11 हमलों के लिए सईद जिम्मेदार : अमेरिका

12 फरवरी को, सईद और इकबाल को पंजाब पुलिस के काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट (CTD) के आवेदन पर लाहौर और गुजरांवाला शहरों में उनके खिलाफ दर्ज दो आतंकी वित्तपोषण मामलों में सजा सुनाई गई थी.

आतंकवाद निरोधक अदालत के न्यायाधीश अरशद हुसैन भुट्टा ने सईद और इकबाल को साढ़े पांच साल की सजा सुनाई और प्रत्येक मामले में 15,000 रुपये का जुर्माना लगाया. कुल 11 साल की सजा समवर्ती रूप से चलेगी.

अमेरिका ने सईद की सजा का स्वागत किया है. साथ हि इसे आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने के लिए अपनी अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को पूरा करने वाला कदम बताया है. साथ ही गैर-राज्य अभिनेताओं को अपनी मिट्टी से संचालित करने की अनुमति नहीं देने के लिए पाकिस्तान का महत्वपूर्ण कदम बताया है.

Last Updated : Mar 1, 2020, 6:21 PM IST
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