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LOC के पास पाक ने सक्रिय किये 20 आतंकी शिविर और लांच पैड

भारत ने जब से जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म किया है, पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान बौखला गया है और भारत में बड़े आतंकी हमले की फिराक में हैं. यही वजह है कि पाकिस्तान ने एलओसी पर ढेरों आतंकी शिविर और लांच पैड सक्रिय कर दिये हैं. पढ़ें पूरी खबर...

प्रतीकात्मक तस्वीर
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Published : Oct 8, 2019, 8:13 PM IST

नई दिल्ली : भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा जब से खत्म किया है, तभी से बौखलाया पाकिस्तान लगातार भारत में आतंकी हमला कराने की साजिश रच रहा है. अधिकारियों ने मंगलवार को जानकारी दी कि सर्दियों की शुरुआत से पहले जम्मू-कश्मीर में आतंकी घुसपैठ कर सकें, इसके लिए पाकिस्तान ने नियत्रंण रेखा (एलओसी) के पास कम से कम 20 आतंकी शिविर व इतने ही 20 लांच पैड सक्रिय कर दिये हैं.

बता दें कि बीती फरवरी में पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की बस पर आतंकियों ने हमला किया था. उस दौरान 40 से अधिक जवान शहीद हो गए थे. भारतीय वायुसेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए बालाकोट में स्थित आतंकी शिविरों पर हमला किया था. उस दौरान प्रत्येक शिविर और लांच पैड पर कम से कम 50 आतंकी मौजूद थे.

सुरक्षा एजेंसी के एक खुफिया आधिकारी के हवाले से कहा गया कि जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने को लेकर पाकिस्तानी एजेंसियां जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमला करना चाहती हैं.

हालांकि अब तक आतंकवादी बड़े हमले को अंजाम देने में नकाम रहे हैं, लेकिन पाकिस्तानी एजेंसियां लगातार जम्मू-कश्मीर में आतंकियों को भेजने की कोशिश कर रही हैं.

आधिकारी ने कहा, ' हमारे पास खुफिया सूचना है कि पाकिस्तान ने कम से कम 20 आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर और इतने ही लांच पैडों को सक्रिय किया है. प्रत्येक लांच पैड और शिविर में कम से कम 50 आतंकवादी हैं. ये सभी आतंकवादी एलओसी के माध्यम से या इन्हें जहां से भी अवसर मिलेगा, वहीं से घुसपैठ करेंगे'.

बता दें कि जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है और सीमा पर सेना ने सुरक्षा चौकसी बढ़ा दी है. इसके बावजूद हाल के हफ्तों में कई आतंकवादी देश में घुसपैठ करने में सफल रहे हैं.

जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि प्रदेश में 200 से 300 आतंकवादी सक्रिय हैं. इसके साथ ही पाकिस्तान सर्दियों की शुरुआत से पहले भारत में आतंकी भेजने के लिए सीमा पर गोलीबारी तेज कर दी है.

पढ़ेंः UN में एक बार फिर पाक की किरकिरी, भारत ने की खिंचाई

दिलबाग सिंह ने छह अक्टूबर को सीमावर्ती जिले पुंछ के दौरे के दौरान संवाददाताओं से कहा, 'जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकवादियों की संख्या 200 से 300 के बीच है.' उन्होंने आगे कहा कि आंकड़ा स्थिर नहीं रहता, यह बढ़ता और घटता रहता है. फिलहाल कश्मीर और जम्मू दोनों क्षेत्रों में बड़ी संख्या में संघर्ष विराम उल्लंघन हो रहे हैं.

संघर्ष विराम का सबसे ज्यादा उल्लंघन कनाचक, आर एस पुरा हीरा नगर (अंतर्राष्ट्रीय सीमा के साथ) और पुंछ, राजौरी, उरी, नंबला, करनाह और केरन में नियंत्रण रेखा के पास हुआ है.

एक अन्य अधिकारी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सक्रिय लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन और जैश-ए-मोहम्मद के शीर्ष आतंकवादियों के भी खुफिया इनपुट मिले हैं, इन्होंने हाल ही में एक बैठक की और सुरक्षा बलों और अन्य संवेदनशील लक्ष्यों पर हमले करने का फैसला किया है.

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर को दिये गये विशेष राज्य का दर्जा केंद्र सरकार ने गत पांच अगस्त को खत्म कर दिया था, उसके बाद से ही पाकिस्तान बौखलाया हुआ है. इस वजह से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है.

पढ़ेंः पाक के अपील पर हाफिज को UNSC से राहत, अपने बैंक खाते से निकाल सकेंगे रकम

बता दें कि हाल ही में न्यूयार्क में संपन्न संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी शामिल हुए थे. उस दौरान इमरान ने कहा था कि घाटी से प्रतिबंध हटने के बाद वहां की स्थिति बिगड़ जाएगी.

पाक पीएम ने कहा था कि 'आप अच्छे के लिए उम्मीद करते हैं, लेकिन सबसे बुरे के लिए तैयार रहे'. इमरान ने आगे कहा था कि कश्मीर से एक बार कर्फ्यू हटा लेने के बाद 'प्रतिक्रिया होगी' और भारत फिर पाकिस्तान को दोषी ठहराएगा.

नई दिल्ली : भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा जब से खत्म किया है, तभी से बौखलाया पाकिस्तान लगातार भारत में आतंकी हमला कराने की साजिश रच रहा है. अधिकारियों ने मंगलवार को जानकारी दी कि सर्दियों की शुरुआत से पहले जम्मू-कश्मीर में आतंकी घुसपैठ कर सकें, इसके लिए पाकिस्तान ने नियत्रंण रेखा (एलओसी) के पास कम से कम 20 आतंकी शिविर व इतने ही 20 लांच पैड सक्रिय कर दिये हैं.

बता दें कि बीती फरवरी में पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की बस पर आतंकियों ने हमला किया था. उस दौरान 40 से अधिक जवान शहीद हो गए थे. भारतीय वायुसेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए बालाकोट में स्थित आतंकी शिविरों पर हमला किया था. उस दौरान प्रत्येक शिविर और लांच पैड पर कम से कम 50 आतंकी मौजूद थे.

सुरक्षा एजेंसी के एक खुफिया आधिकारी के हवाले से कहा गया कि जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने को लेकर पाकिस्तानी एजेंसियां जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमला करना चाहती हैं.

हालांकि अब तक आतंकवादी बड़े हमले को अंजाम देने में नकाम रहे हैं, लेकिन पाकिस्तानी एजेंसियां लगातार जम्मू-कश्मीर में आतंकियों को भेजने की कोशिश कर रही हैं.

आधिकारी ने कहा, ' हमारे पास खुफिया सूचना है कि पाकिस्तान ने कम से कम 20 आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर और इतने ही लांच पैडों को सक्रिय किया है. प्रत्येक लांच पैड और शिविर में कम से कम 50 आतंकवादी हैं. ये सभी आतंकवादी एलओसी के माध्यम से या इन्हें जहां से भी अवसर मिलेगा, वहीं से घुसपैठ करेंगे'.

बता दें कि जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है और सीमा पर सेना ने सुरक्षा चौकसी बढ़ा दी है. इसके बावजूद हाल के हफ्तों में कई आतंकवादी देश में घुसपैठ करने में सफल रहे हैं.

जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि प्रदेश में 200 से 300 आतंकवादी सक्रिय हैं. इसके साथ ही पाकिस्तान सर्दियों की शुरुआत से पहले भारत में आतंकी भेजने के लिए सीमा पर गोलीबारी तेज कर दी है.

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दिलबाग सिंह ने छह अक्टूबर को सीमावर्ती जिले पुंछ के दौरे के दौरान संवाददाताओं से कहा, 'जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकवादियों की संख्या 200 से 300 के बीच है.' उन्होंने आगे कहा कि आंकड़ा स्थिर नहीं रहता, यह बढ़ता और घटता रहता है. फिलहाल कश्मीर और जम्मू दोनों क्षेत्रों में बड़ी संख्या में संघर्ष विराम उल्लंघन हो रहे हैं.

संघर्ष विराम का सबसे ज्यादा उल्लंघन कनाचक, आर एस पुरा हीरा नगर (अंतर्राष्ट्रीय सीमा के साथ) और पुंछ, राजौरी, उरी, नंबला, करनाह और केरन में नियंत्रण रेखा के पास हुआ है.

एक अन्य अधिकारी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सक्रिय लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन और जैश-ए-मोहम्मद के शीर्ष आतंकवादियों के भी खुफिया इनपुट मिले हैं, इन्होंने हाल ही में एक बैठक की और सुरक्षा बलों और अन्य संवेदनशील लक्ष्यों पर हमले करने का फैसला किया है.

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर को दिये गये विशेष राज्य का दर्जा केंद्र सरकार ने गत पांच अगस्त को खत्म कर दिया था, उसके बाद से ही पाकिस्तान बौखलाया हुआ है. इस वजह से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है.

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बता दें कि हाल ही में न्यूयार्क में संपन्न संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी शामिल हुए थे. उस दौरान इमरान ने कहा था कि घाटी से प्रतिबंध हटने के बाद वहां की स्थिति बिगड़ जाएगी.

पाक पीएम ने कहा था कि 'आप अच्छे के लिए उम्मीद करते हैं, लेकिन सबसे बुरे के लिए तैयार रहे'. इमरान ने आगे कहा था कि कश्मीर से एक बार कर्फ्यू हटा लेने के बाद 'प्रतिक्रिया होगी' और भारत फिर पाकिस्तान को दोषी ठहराएगा.

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TERROR-PAK-CAMPS
Pak activated 20 terror camps, 20 launch pads along LoC
         New Delhi, Oct 8 (PTI) Pakistan has activated at least 20 terror camps and another 20 launch pads along the Line of Control with increased efforts to ensure infiltration of as many terrorists as it can into Jammu and Kashmir before the onset of winter, officials said on Tuesday.
         The terror training camps and launch pads, with at least 50 terrorists in each, were activated after these were temporarily shut down following the bombing of a CRPF bus in Pulwama in February and subsequent retaliatory bombing of terror camps in Balakot by the Indian Air Force.
         Pakistani agencies were desperately looking to carry out spectacular terror attacks in Jammu and Kashmir and even in the hinterlands following the abrogation of the special status given to Jammu and Kashmir under Article 370 and its bifurcation into two Union Territories, a security official said quoting intelligence inputs.
         Since the terrorists have not been able to carry out any major attack, the Pakistani agencies were trying hard to push as many terrorists as they can into Jammu and Kashmir.
         "We have intelligence inputs that Pakistan has activated at least 20 terror training camps and another 20 launch pads with about 50 terrorists in each. All these terrorists will infiltrate through LoC wherever and whenever there are opportunities," the official said.
         Even though the security forces remain on high alert and have enhanced their vigil along the border, many terrorists have been able to infiltrate in recent weeks.
         Director General of Jammu and Kashmir Police Dilbag Singh has said 200 to 300 terrorists are active in the state and Pakistan has intensified cross-border firing to push in as many of them as possible before the onset of winter.
         "The number of active terrorists (in Jammu and Kashmir) is between 200 to 300... The figure usually does not remain static and goes up and down," Singh told reporters during a visit to the border district of Poonch on Sunday.
         Singh has also said a large number of ceasefire violations are taking place in both Kashmir and Jammu regions.
         The ceasefire violations have been taking place in Kanachak, R S Pura and Hira Nagar (along the International Border) and quite frequently along the LoC in Poonch, Rajouri, Uri, Nambla, Karnah and Keran.
         There have also been intelligence inputs that top terrorists belonging to the Lashkar-e-Taiba, Hizbul Mujahideen and Jaish-e-Mohammad, operating in Jammu and Kashmir, have recently held a meeting and decided to intensify their attacks on security forces and other sensitive targets, another official said.
         Following the central government's August 5 announcement of the abrogation of the special status given to Jammu and Kashmir, Pakistan has also intensified its diplomatic offensive against India, especial in the West.
         In the recently concluded United Nations General Assembly in New York, Pakistan Prime Minister Imran Khan said the situation in Kashmir would deteriorate once the restrictions imposed there is lifted.
         "You hope for the best but be prepared for the worst," he said.
         Khan said once the curfew is lifted, "there will be a reaction" and India would blame Pakistan.
         "Two nuclear-armed countries will come face to face, like we came in February," he said, a reference to the stand-off between the two nations following the Pulwama terror attack and India's subsequent air strikes on terror camps in Balakot in Pakistan.
         The central government has been maintaining that there is no curfew or restriction in Jammu and Kashmir and Section 144 of the CrPC (banning unlawful assembly) is in force in only 10 police station areas of Kashmir, out of 196 police stations. PTI ACB
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