नई दिल्ली : भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा जब से खत्म किया है, तभी से बौखलाया पाकिस्तान लगातार भारत में आतंकी हमला कराने की साजिश रच रहा है. अधिकारियों ने मंगलवार को जानकारी दी कि सर्दियों की शुरुआत से पहले जम्मू-कश्मीर में आतंकी घुसपैठ कर सकें, इसके लिए पाकिस्तान ने नियत्रंण रेखा (एलओसी) के पास कम से कम 20 आतंकी शिविर व इतने ही 20 लांच पैड सक्रिय कर दिये हैं.
बता दें कि बीती फरवरी में पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की बस पर आतंकियों ने हमला किया था. उस दौरान 40 से अधिक जवान शहीद हो गए थे. भारतीय वायुसेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए बालाकोट में स्थित आतंकी शिविरों पर हमला किया था. उस दौरान प्रत्येक शिविर और लांच पैड पर कम से कम 50 आतंकी मौजूद थे.
सुरक्षा एजेंसी के एक खुफिया आधिकारी के हवाले से कहा गया कि जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने को लेकर पाकिस्तानी एजेंसियां जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमला करना चाहती हैं.
हालांकि अब तक आतंकवादी बड़े हमले को अंजाम देने में नकाम रहे हैं, लेकिन पाकिस्तानी एजेंसियां लगातार जम्मू-कश्मीर में आतंकियों को भेजने की कोशिश कर रही हैं.
आधिकारी ने कहा, ' हमारे पास खुफिया सूचना है कि पाकिस्तान ने कम से कम 20 आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर और इतने ही लांच पैडों को सक्रिय किया है. प्रत्येक लांच पैड और शिविर में कम से कम 50 आतंकवादी हैं. ये सभी आतंकवादी एलओसी के माध्यम से या इन्हें जहां से भी अवसर मिलेगा, वहीं से घुसपैठ करेंगे'.
बता दें कि जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है और सीमा पर सेना ने सुरक्षा चौकसी बढ़ा दी है. इसके बावजूद हाल के हफ्तों में कई आतंकवादी देश में घुसपैठ करने में सफल रहे हैं.
जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि प्रदेश में 200 से 300 आतंकवादी सक्रिय हैं. इसके साथ ही पाकिस्तान सर्दियों की शुरुआत से पहले भारत में आतंकी भेजने के लिए सीमा पर गोलीबारी तेज कर दी है.
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दिलबाग सिंह ने छह अक्टूबर को सीमावर्ती जिले पुंछ के दौरे के दौरान संवाददाताओं से कहा, 'जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकवादियों की संख्या 200 से 300 के बीच है.' उन्होंने आगे कहा कि आंकड़ा स्थिर नहीं रहता, यह बढ़ता और घटता रहता है. फिलहाल कश्मीर और जम्मू दोनों क्षेत्रों में बड़ी संख्या में संघर्ष विराम उल्लंघन हो रहे हैं.
संघर्ष विराम का सबसे ज्यादा उल्लंघन कनाचक, आर एस पुरा हीरा नगर (अंतर्राष्ट्रीय सीमा के साथ) और पुंछ, राजौरी, उरी, नंबला, करनाह और केरन में नियंत्रण रेखा के पास हुआ है.
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सक्रिय लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन और जैश-ए-मोहम्मद के शीर्ष आतंकवादियों के भी खुफिया इनपुट मिले हैं, इन्होंने हाल ही में एक बैठक की और सुरक्षा बलों और अन्य संवेदनशील लक्ष्यों पर हमले करने का फैसला किया है.
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर को दिये गये विशेष राज्य का दर्जा केंद्र सरकार ने गत पांच अगस्त को खत्म कर दिया था, उसके बाद से ही पाकिस्तान बौखलाया हुआ है. इस वजह से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है.
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बता दें कि हाल ही में न्यूयार्क में संपन्न संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी शामिल हुए थे. उस दौरान इमरान ने कहा था कि घाटी से प्रतिबंध हटने के बाद वहां की स्थिति बिगड़ जाएगी.
पाक पीएम ने कहा था कि 'आप अच्छे के लिए उम्मीद करते हैं, लेकिन सबसे बुरे के लिए तैयार रहे'. इमरान ने आगे कहा था कि कश्मीर से एक बार कर्फ्यू हटा लेने के बाद 'प्रतिक्रिया होगी' और भारत फिर पाकिस्तान को दोषी ठहराएगा.