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कतर में शांति वार्ता करेगा अफगान प्रतिनिधिमंडल और तालिबान

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Published : Jul 14, 2021, 3:25 PM IST

अफगानिस्तान सरकार के एक उच्चाधिकार प्राप्त प्रतिनिधिमंडल को दोहा में तालिबान के साथ बैठक करेगा. इस बात की जानकारी एक अधिकारी ने दी.

अफगान प्रतिनिधिमंडल और तालिबान
अफगान प्रतिनिधिमंडल और तालिबान

काबुल : अफगानिस्तान सरकार (Afghan government) के एक उच्चाधिकार प्राप्त प्रतिनिधिमंडल को दोहा में तालिबान ( Taliban ) के साथ बैठक करनी है, ताकि लंबे समय से बाधित शांति प्रक्रिया शुरू की जा सके. प्रतिनिधिमंडल में देश की सुलह परिषद के प्रमुख भी शामिल होंगे.

एक अफगान अधिकारी ने मंगलवार को गोपनीयता की शर्त पर बताया कि वार्ता के लिए तालिबान के वरिष्ठ नेता आ सकते हैं और यह बैठक संभवत: शुक्रवार को हो सकती है. तालिबान का राजनीतिक कार्यालय कतर की राजधानी दोहा (political Qatar capital of Doha) में स्थित है.

शांति समझौते पर पहुंचने की यह कवायद ऐसे वक्त में हो रही है जब अमेरिका अफगानिस्तान से अपने सैनिकों को वापस बुला रहा है. निवर्तमान अमेरिकी कमांडर जनरल स्कॉट मिलर ( U.S. commander Gen. Scott Miller ) ने हाल में आगाह किया था कि बढ़ती हिंसा से अफगानिस्तान के दशकों के युद्ध को शांतिपूर्ण तरीके से खत्म करने के मौकों पर गंभीर असर होगा.

वहीं, तालिबान के लड़ाकों ने देश के बड़े हिस्सों पर कब्जा जमा लिया है. अभी यह पता नहीं है कि तालिबान के कब्जे में कितने जिले हैं लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि अफगानिस्तान के 421 जिलों में से एक तिहाई से अधिक पर तालिबान का शासन है.

इनमें से कई जिले रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हैं और उनकी सीमा ईरान, उज्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान से लगती है.

दोहा वार्ता की अगुवाई वरिष्ठ सरकारी अधिकारी अब्दुल्ला अब्दुल्ला करेंगे जो अफगानिस्तान सुलह परिषद का नेतृत्व करते हैं. पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई के भी इसमें शामिल रहने की उम्मीद है. इस वार्ता का मकसद हिंसा खत्म करना है जो अमेरिका के पिछले साल फरवरी में तालिबान के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद से बढ़ गयी है. करजई ने सरकार से शांति का मौका न गंवाने का आह्वान किया है.

उन्होंने यह उम्मीद भी जताई कि एक दिन अफगानिस्तान में कोई महिला राष्ट्रपति बनेगी और उन्होंने महिलाओं से अपनी नौकरियां और शिक्षा हासिल करते रहने का अनुरोध किया.

यह भी पढ़ें- फ्रांस का राष्ट्रीय दिवस : क्रांतिकारियों के बैस्टिल किले पर फतह की कहानी

हजारों अफगान नागरिक भविष्य को लेकर बढ़ती अनिश्चितता के बीच देश छोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं, फ्रांस ने अपने नागरिकों से अफगानिस्तान छोड़ने का अनुरोध किया और यह एलान किया कि वह काबुल से उन्हें निकालने के लिए शनिवार को एक विशेष विमान की व्यवस्था कर रहा है. अभी यह संकेत नहीं मिले हैं कि क्या फ्रांस दूतावास बंद होगा.

ऑस्ट्रेलिया ने अपना दूतावास बंद कर दिया है. अमेरिका ने दूतावास के अपने कर्मचारियों की संख्या कम कर दी है और उसने कहा कि उसकी दूतावास खाली करने की कोई योजना नहीं है और उसने वीजा सुविधा के फिर से शुरू होने की घोषणा की है जो कोविड-19 महामारी के कारण अस्थायी रूप से बंद थी.

(पीटीआई भाषा)

काबुल : अफगानिस्तान सरकार (Afghan government) के एक उच्चाधिकार प्राप्त प्रतिनिधिमंडल को दोहा में तालिबान ( Taliban ) के साथ बैठक करनी है, ताकि लंबे समय से बाधित शांति प्रक्रिया शुरू की जा सके. प्रतिनिधिमंडल में देश की सुलह परिषद के प्रमुख भी शामिल होंगे.

एक अफगान अधिकारी ने मंगलवार को गोपनीयता की शर्त पर बताया कि वार्ता के लिए तालिबान के वरिष्ठ नेता आ सकते हैं और यह बैठक संभवत: शुक्रवार को हो सकती है. तालिबान का राजनीतिक कार्यालय कतर की राजधानी दोहा (political Qatar capital of Doha) में स्थित है.

शांति समझौते पर पहुंचने की यह कवायद ऐसे वक्त में हो रही है जब अमेरिका अफगानिस्तान से अपने सैनिकों को वापस बुला रहा है. निवर्तमान अमेरिकी कमांडर जनरल स्कॉट मिलर ( U.S. commander Gen. Scott Miller ) ने हाल में आगाह किया था कि बढ़ती हिंसा से अफगानिस्तान के दशकों के युद्ध को शांतिपूर्ण तरीके से खत्म करने के मौकों पर गंभीर असर होगा.

वहीं, तालिबान के लड़ाकों ने देश के बड़े हिस्सों पर कब्जा जमा लिया है. अभी यह पता नहीं है कि तालिबान के कब्जे में कितने जिले हैं लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि अफगानिस्तान के 421 जिलों में से एक तिहाई से अधिक पर तालिबान का शासन है.

इनमें से कई जिले रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हैं और उनकी सीमा ईरान, उज्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान से लगती है.

दोहा वार्ता की अगुवाई वरिष्ठ सरकारी अधिकारी अब्दुल्ला अब्दुल्ला करेंगे जो अफगानिस्तान सुलह परिषद का नेतृत्व करते हैं. पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई के भी इसमें शामिल रहने की उम्मीद है. इस वार्ता का मकसद हिंसा खत्म करना है जो अमेरिका के पिछले साल फरवरी में तालिबान के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद से बढ़ गयी है. करजई ने सरकार से शांति का मौका न गंवाने का आह्वान किया है.

उन्होंने यह उम्मीद भी जताई कि एक दिन अफगानिस्तान में कोई महिला राष्ट्रपति बनेगी और उन्होंने महिलाओं से अपनी नौकरियां और शिक्षा हासिल करते रहने का अनुरोध किया.

यह भी पढ़ें- फ्रांस का राष्ट्रीय दिवस : क्रांतिकारियों के बैस्टिल किले पर फतह की कहानी

हजारों अफगान नागरिक भविष्य को लेकर बढ़ती अनिश्चितता के बीच देश छोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं, फ्रांस ने अपने नागरिकों से अफगानिस्तान छोड़ने का अनुरोध किया और यह एलान किया कि वह काबुल से उन्हें निकालने के लिए शनिवार को एक विशेष विमान की व्यवस्था कर रहा है. अभी यह संकेत नहीं मिले हैं कि क्या फ्रांस दूतावास बंद होगा.

ऑस्ट्रेलिया ने अपना दूतावास बंद कर दिया है. अमेरिका ने दूतावास के अपने कर्मचारियों की संख्या कम कर दी है और उसने कहा कि उसकी दूतावास खाली करने की कोई योजना नहीं है और उसने वीजा सुविधा के फिर से शुरू होने की घोषणा की है जो कोविड-19 महामारी के कारण अस्थायी रूप से बंद थी.

(पीटीआई भाषा)

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