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पाकिस्तान सरकार का सख्त कानून, बलात्कारियों को रसायन से बना देंगे नपुंसक

पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने नए दुष्कर्म रोधी अध्यादेश को मंजूरी दी है. इस कानून में दुष्कर्मियों का नपुंसक किया जा सकता है. इस कानून के बाद देश भर में विशेष अदालतों का गठन होगा और उसमें महिलाओं और बच्चों के खिलाफ दुष्कर्म के मामलों की त्वरित सुनवाई होगी.

पाकिस्तान में नए कानून
पाकिस्तान में नए कानून
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Published : Dec 16, 2020, 12:43 PM IST

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने नए दुष्कर्म रोधी अध्यादेश को मंगलवार को मंजूरी दे दी. नए प्रावधानों के मुताबिक दवा देकर दुष्कर्म के दोषियों का नपुंसक किया जा सकता है.

पाकिस्तान के मंत्रिमंडल ने पिछले महीने दुष्कर्म रोधी अध्यादेश को मंजूरी दी थी. इसमें दुष्कर्म के मुकदमों की सुनवाई के लिए विशेष अदालतों का गठन करने और कुछ मामलों में दवा देकर दुष्कर्मियों का नपुंसक (बधिया) किये जाने का भी प्रावधान किया गया है.

राष्ट्रपति कार्यालय ने एक बयान में कहा इस कानून के बाद देश भर में विशेष अदालतों का गठन होगा और उसमें महिलाओं और बच्चों के खिलाफ दुष्कर्म के मामलों की त्वरित सुनवाई होगी. अदालतें चार महीने में सुनवाई पूरी कर लेगी. पहली बार या बार-बार दुष्कर्म का अपराध करने वालों का बधिया किये जाने का प्रावधान किया गया है. इसके लिए दोषी की सहमति भी लेनी होगी.

कानून में सबसे महत्वपूर्ण प्रावधान दवा देकर दोषियों का नपुंसक किया जा सकता है. अधिसूचित बोर्ड के मार्गदर्शन में यह प्रक्रिया पूरी की जाएगी. अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक कानून में प्रावधान किया गया है कि दुष्कर्म रोधी प्रकोष्ठ घटना की रिपोर्ट होने के छह घंटे के भीतर पीड़िता की जांच कराएगा. अध्यादेश के तहत आरोपियों को दुष्कर्म पीड़िता से जिरह की अनुमति नहीं होगी. केवल न्यायाधीश और आरोपी की ओर से पेश वकील ही पीड़िता से सवाल-जवाब कर पाएंगे.

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने नए दुष्कर्म रोधी अध्यादेश को मंगलवार को मंजूरी दे दी. नए प्रावधानों के मुताबिक दवा देकर दुष्कर्म के दोषियों का नपुंसक किया जा सकता है.

पाकिस्तान के मंत्रिमंडल ने पिछले महीने दुष्कर्म रोधी अध्यादेश को मंजूरी दी थी. इसमें दुष्कर्म के मुकदमों की सुनवाई के लिए विशेष अदालतों का गठन करने और कुछ मामलों में दवा देकर दुष्कर्मियों का नपुंसक (बधिया) किये जाने का भी प्रावधान किया गया है.

राष्ट्रपति कार्यालय ने एक बयान में कहा इस कानून के बाद देश भर में विशेष अदालतों का गठन होगा और उसमें महिलाओं और बच्चों के खिलाफ दुष्कर्म के मामलों की त्वरित सुनवाई होगी. अदालतें चार महीने में सुनवाई पूरी कर लेगी. पहली बार या बार-बार दुष्कर्म का अपराध करने वालों का बधिया किये जाने का प्रावधान किया गया है. इसके लिए दोषी की सहमति भी लेनी होगी.

कानून में सबसे महत्वपूर्ण प्रावधान दवा देकर दोषियों का नपुंसक किया जा सकता है. अधिसूचित बोर्ड के मार्गदर्शन में यह प्रक्रिया पूरी की जाएगी. अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक कानून में प्रावधान किया गया है कि दुष्कर्म रोधी प्रकोष्ठ घटना की रिपोर्ट होने के छह घंटे के भीतर पीड़िता की जांच कराएगा. अध्यादेश के तहत आरोपियों को दुष्कर्म पीड़िता से जिरह की अनुमति नहीं होगी. केवल न्यायाधीश और आरोपी की ओर से पेश वकील ही पीड़िता से सवाल-जवाब कर पाएंगे.

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