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उत्तर कोरिया के बयान शत्रुतापूर्ण और गैरजरूरी : अमेरिकी राजदूत

उत्तर कोरिया ने अमेरिका से मांग की थी कि 2019 के अंत तक अमेरिका उसे नई रियायतों का प्रस्ताव दे, लेकिन अमेरिका के शीर्ष प्रतिनिधि ने इन मांगों को अनावश्यक बताया है. जानें अमेरिकी प्रतिनिधि स्टीफन बिगन ने क्या कुछ कहा...

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उत्तर कोरिया के बयान 'शत्रुतापूर्ण और गैरजरूरी
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Published : Dec 16, 2019, 5:40 PM IST

Updated : Dec 16, 2019, 7:12 PM IST

स्योल : उत्तर कोरिया के साथ बातचीत में शामिल अमेरिका के एक शीर्ष प्रतिनिधि ने प्योंगयांग की मांगों को शत्रुतापूर्ण और अनावश्यक करार दिया, लेकिन साथ ही नए सिरे से वार्ता करने के लिए द्वार भी खुले रखे.

उत्तर कोरिया ने इस बात पर जोर दिया था कि अमेरिका वर्ष 2019 के अंत तक उसे नई रियायतों का एक प्रस्ताव दे.

गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन के बीच फरवरी में हनोई में वार्ता हुई थी. इस वार्ता के बेनतीजा रहने के बाद से ही प्रक्रिया में गतिरोध बना हुआ है. प्योंगयांग ने हाल के हफ्तों में कई कठोर बातें कही थीं.

इस बाबत अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि स्टीफन बिगन ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'हमने वह सब सुना है.'

पढ़ें : उत्तर कोरिया का अमेरिका को जवाब - धौंस दिखा रहा बूढ़ा खूसट ट्रंप

बिगन ने कहा, 'यह निराशाजनक है कि उनके बयानों का लहजा अमेरिका, कोरियाई गणराज्य, जापान और यूरोप में हमारे मित्रों के प्रति शत्रुतापूर्ण, नकारात्मक और गैरजरूरी था.'

उन्होंने कहा, 'अमेरिका ने समय-सीमा नहीं बल्कि एक लक्ष्य तय किया है.'

उनके मुताबिक प्योंगयांग ने कहा था कि अगर वाशिंगटन उसे स्वीकार्य योग्य प्रस्ताव देने में नाकाम रहता है तो वह एक 'नया तरीका' अपनाएगा, हालांकि नया तरीका क्या होगा, इसके बारे में उसने कुछ नहीं बताया था.

वहीं ताजा वार्ता के लिए द्वार भी खुले होने का संकेत देते हुए बिगन ने अपने समकक्ष उत्तर कोरिया से सीधे-सीधे कहा, 'अब समय आ गया है कि हम अपना काम करें. आएं इसे करें. हम यहां हैं और आपको पता है कि हम तक कैसे पहुंचना है.'

स्योल : उत्तर कोरिया के साथ बातचीत में शामिल अमेरिका के एक शीर्ष प्रतिनिधि ने प्योंगयांग की मांगों को शत्रुतापूर्ण और अनावश्यक करार दिया, लेकिन साथ ही नए सिरे से वार्ता करने के लिए द्वार भी खुले रखे.

उत्तर कोरिया ने इस बात पर जोर दिया था कि अमेरिका वर्ष 2019 के अंत तक उसे नई रियायतों का एक प्रस्ताव दे.

गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन के बीच फरवरी में हनोई में वार्ता हुई थी. इस वार्ता के बेनतीजा रहने के बाद से ही प्रक्रिया में गतिरोध बना हुआ है. प्योंगयांग ने हाल के हफ्तों में कई कठोर बातें कही थीं.

इस बाबत अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि स्टीफन बिगन ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'हमने वह सब सुना है.'

पढ़ें : उत्तर कोरिया का अमेरिका को जवाब - धौंस दिखा रहा बूढ़ा खूसट ट्रंप

बिगन ने कहा, 'यह निराशाजनक है कि उनके बयानों का लहजा अमेरिका, कोरियाई गणराज्य, जापान और यूरोप में हमारे मित्रों के प्रति शत्रुतापूर्ण, नकारात्मक और गैरजरूरी था.'

उन्होंने कहा, 'अमेरिका ने समय-सीमा नहीं बल्कि एक लक्ष्य तय किया है.'

उनके मुताबिक प्योंगयांग ने कहा था कि अगर वाशिंगटन उसे स्वीकार्य योग्य प्रस्ताव देने में नाकाम रहता है तो वह एक 'नया तरीका' अपनाएगा, हालांकि नया तरीका क्या होगा, इसके बारे में उसने कुछ नहीं बताया था.

वहीं ताजा वार्ता के लिए द्वार भी खुले होने का संकेत देते हुए बिगन ने अपने समकक्ष उत्तर कोरिया से सीधे-सीधे कहा, 'अब समय आ गया है कि हम अपना काम करें. आएं इसे करें. हम यहां हैं और आपको पता है कि हम तक कैसे पहुंचना है.'

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उकोरिया के बयान 'शत्रुतापूर्ण और गैरजरूरी' : अमेरिकी राजदूत

सियोल, 16 दिसम्बर (एएफपी) उत्तर कोरिया के साथ बातचीत में शामिल अमेरिका के एक शीर्ष प्रतिनिधि ने सोमवार को प्योंगयांग की मांगों को शत्रुतापूर्ण और अनावश्यक करार दिया, लेकिन साथ ही नए सिरे से वार्ता करने के लिए द्वार भी खुले रखे.



उत्तर कोरिया ने इस बात पर जोर दिया था कि अमेरिका वर्ष 2019 के अंत तक उसे नई रियायतों का एक प्रस्ताव दें.



अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन के बीच फरवरी में हनोई में हुई वार्ता के बेनतीजा रहने के बाद से ही प्रक्रिया में गतिरोध बना हुआ है.



प्योंगयांग ने हाल के हफ्तों में कई कठोर बातें कही थीं.



इनके बारे में अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि स्टीफन बिगन ने सियोल में संवाददाताओं से कहा, ' हमने वह सब सुना है.'



उन्होंने कहा, 'यह निराशाजनक है कि उनके बयानों का लहजा अमेरिका, कोरियाई गणराज्य, जापान और यूरोप में हमारे मित्रों के प्रति शत्रुतापूर्ण, नकारात्मक और गैरजरूरी था.'



उन्होंने कहा, 'अमेरिका ने समय-सीमा नहीं बल्कि एक लक्ष्य तय किया है.'



उनके मुताबिक प्योंगयांग ने कहा था कि अगर वाशिंगटन उन्हें स्वीकार्य योग्य प्रस्ताव देने में नाकाम रहता है तो वह एक 'नया तरीका' अपनाएगा, हालांकि नया तरीका क्या होगा इसके बारे में उसने कुछ नहीं बताया था.



वहीं ताजा वार्ता के लिए द्वार भी खुले होने का संकेत देते हुए बिगन ने अपने समकक्ष उत्तर कोरिया से सीधे-सीधे कहा, 'अब समय आ गया है कि हम अपना काम करें. आएं इसे करें. हम यहां हैं और आपको पता है कि हम तक कैसे पहुंचना है.'


Conclusion:
Last Updated : Dec 16, 2019, 7:12 PM IST
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