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नेपाल का पशुपतिनाथ मंदिर करीब पांच महीने बाद खुला, क्षमा पूजा का हुआ आयोजन - बागमती नदी

नेपाल का पशुपतिनाथ मंदिर करीब पांच महीने बाद शुक्रवार को श्रद्धालुओं के लिए फिर से खुला. देश में कोविड-19 संक्रमण के मामलों में कमी आने के बाद पांचवीं सदी के इस पवित्र हिंदू मंदिर को फिर से खोला गया है.

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Published : Sep 10, 2021, 10:27 PM IST

काठमांडू : पशुपतिनाथ मंदिर नेपाल में सबसे बड़ा मंदिर परिसर है. यह बागमती नदी के दोनों तरफ है जहां नेपाल और भारत से रोजाना हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं. कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के बाद इसे 23 अप्रैल को बंद कर दिया गया था. जिसे अब खोल दिया गया है.

मंदिर के पदाधिकारियों के अनुसार पहले दिन सुबह से ही पूजा करने के लिए श्रद्धालु मंदिर पहुंचने लगे. उन्होंने बताया कि चूंकि कोविड-19 संक्रमण का खतरा अभी पूरी तरह नहीं टला है इसलिए मंदिर को दोपहर एक बजे तक खुला रखा गया. पशुपति क्षेत्र विकास न्यास के प्रशासनिक अधिकारी रेवती रमन अधिकारी ने कहा कि श्रद्धालुओं से मास्क पहनने और हैंड सेनेटाइजर का इस्तेमाल करने के लिए कहा गया.

यह भी पढ़ें-योगी सरकार का निर्णय, श्रीकृष्ण जन्मस्थली से 10 किमी. की परिधि का इलाका तीर्थ क्षेत्र घोषित

उन्होंने कहा कि एक बार में केवल 25 श्रद्धालुओं को शारीरिक दूरी का पालन करते हुए मंदिर में प्रवेश करने की इजाजत दी जाएगी. चार महीने से अधिक समय तक मंदिर बंद रहने के कारण अधिकारियों ने क्षमा पूजा का आयोजन किया.

(पीटीआई-भाषा)

काठमांडू : पशुपतिनाथ मंदिर नेपाल में सबसे बड़ा मंदिर परिसर है. यह बागमती नदी के दोनों तरफ है जहां नेपाल और भारत से रोजाना हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं. कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के बाद इसे 23 अप्रैल को बंद कर दिया गया था. जिसे अब खोल दिया गया है.

मंदिर के पदाधिकारियों के अनुसार पहले दिन सुबह से ही पूजा करने के लिए श्रद्धालु मंदिर पहुंचने लगे. उन्होंने बताया कि चूंकि कोविड-19 संक्रमण का खतरा अभी पूरी तरह नहीं टला है इसलिए मंदिर को दोपहर एक बजे तक खुला रखा गया. पशुपति क्षेत्र विकास न्यास के प्रशासनिक अधिकारी रेवती रमन अधिकारी ने कहा कि श्रद्धालुओं से मास्क पहनने और हैंड सेनेटाइजर का इस्तेमाल करने के लिए कहा गया.

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उन्होंने कहा कि एक बार में केवल 25 श्रद्धालुओं को शारीरिक दूरी का पालन करते हुए मंदिर में प्रवेश करने की इजाजत दी जाएगी. चार महीने से अधिक समय तक मंदिर बंद रहने के कारण अधिकारियों ने क्षमा पूजा का आयोजन किया.

(पीटीआई-भाषा)

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