काठमांडू : नेपाल ने अपने कोविड-19 रोधी टीकाकरण अभियान की सफल शुरुआत की है, लेकिन अधिकारियों को भविष्य की आपूर्ति को लेकर चिंता है क्योंकि मुट्ठी भर निर्माताओं द्वारा उत्पादित टीकों के लिए दर्जनों अन्य देश भी कतार में हैं.
स्वास्थ्य मंत्री हृदयेश त्रिपाठी ने सोमवार को कहा कि सरकार अभियान के दूसरे चरण के लिए पांच लाख खुराकें प्राप्त करने के वास्ते भारत के सीरम इंस्टीट्यूट से बातचीत कर रही है. इस चरण में 37 लाख बुजुर्गों को टीका लगाया जाएगा जो इस सप्ताह शुरू होगा.
नेपाल को भारत सरकार से उपहार में भारत के सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा बनाई गई एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के टीके की 10 लाख खुराकें जनवरी में मिली थीं. इसके बाद नेपाल ने 20 लाख खुराकें भारत सरकार की मदद से कंपनी से रियायती दर पर खरीद ली थी.
त्रिपाठी ने कहा, 'दुनियाभर में मुट्ठी भर कंपनियों से टीके की दुनियाभर में बहुत मांग की जा रही है और हम सूची के अंत में हो सकते हैं.'
उन्होंने कहा, 'अबतक हम राजनीतिक और प्रशासनिक मदद से भारत से टीका ले पाएं हैं. मैं अब बहुत चिंतित हूं.' मंत्री ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भारतीय अधिकारी अपने छोटे से उत्तरी पड़ोसी की एक बार फिर मदद करेंगे.
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उन्होंने कहा, 'हम कंपनियों से सामन्य व्यापारिक सौदा करके टीका हासिल नहीं कर पाएंगे, क्योंकि हमारी प्रतिस्पर्धा दर्जनों अन्य देशों से है. इसलिए हमें (भारत) सरकार के प्रभाव की जरूरत है.'
नेपाल को चीन के टीके की पांच लाख खुराकें उपहार में मिल रही हैं. त्रिपाठी ने कहा कि नेपाल ने अभी फैसला नहीं किया है कि उसे और खुराकें खरीदनी चाहिए या नहीं.
नेपाल में कोरोना वायरस के 2,74,216 मामले सामने आए हैं और 2,777 लोगों की मौत हुई है.