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नेपाल : सत्ता के संघर्ष में टकराव की आशंका, पुलिस ने बढ़ाई सुरक्षा - देश में सुरक्षा बढ़ाई

नेपाल इस समय राजनीतिक संकट को लेकर सुर्खियों में है. राजनीतिक सत्ता की अस्थिरता के बीच राष्ट्रपति ने देश की प्रतिनिधि सभा को भंग करने का एलान किया, जिसे विपक्षी 'असंवैधानिक' बता रहे हैं. प्रतिनिधि सभा (संसद) भंग करने के खिलाफ विपक्षी गठबंधन के नेता उच्चतम न्यायालय का रुख कर सकते हैं. इसी बीच किसी भी अप्रिय घटना की आशंका के मद्देनजर देश में सुरक्षा बढ़ा दी गई है.

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Published : May 23, 2021, 6:12 PM IST

Updated : May 23, 2021, 6:36 PM IST

काठमांडू : नेपाल में जारी राजनीतिक अनिश्चितता के मद्देनजर प्राधिकारियों ने उच्चतम न्यायालय की इमारत के आस-पास सुरक्षा कड़ी कर दी है. मीडिया में आई खबर के मुताबिक विपक्षी गठबंधन के नेताओं द्वारा देश की शीर्ष अदालत में रिट याचिका दायर करने की तैयारी चल रही है. विपक्ष का कहना है कि राष्ट्रपति द्वारा प्रतिनिधि सभा 'असंवैधानिक' तरीके से भंग की गई है. वे इसके खिलाफ उच्चतम न्यायालय में लड़ाई लड़ेंगे. इन खबरों के आधार पर अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट की सुरक्षा बढ़ाने का फैसला लिया है.

नेपाल में बढ़ाई गई सुरक्षा के संबंध में रविवार को हिमालयन टाइम्स ने खबर दी कि विपक्षी गठबंधन के नेता अदालत का रुख करने की तैयारी कर रहे हैं, सुरक्षा बलों ने उच्चतम न्यायालय सिंहदरबार इलाके में निगरानी बढ़ा दी है.

एहतियात के तौर पर कई गिरफ्तार
नेपाली पुलिस ने कहा कि इलाके में भीड़ और प्रदर्शन को रोकने के लिए सुरक्षा बढ़ाई गई है. उन्होंने बताया कि पुलिस ने कुछ राजनीतिक समूहों के लोगों को गिरफ्तार किया है जो सरकार के कदम के खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन करने उतरे थे.

सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका की तैयारियां
खबर के मुताबिक नेपाली कांग्रेस, माओवादी केंद्र, उपेंद्र यादव नीत जनता समाजवादी पार्टी-नेपाल और राष्ट्रीय जनमोर्चा के नेता रिट याचिका दायर करने के लिए सांसदों के हस्ताक्षर एकत्रित कर रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर सत्तारूढ़ सीपीएन-यूएमएल के माधव नेपाल, झालानाथ खनाल गुट के नेताओं के भी याचिका पर हस्ताक्षर करने की उम्मीद है.

कानूनी तरीके से सरकार का विरोध
विपक्षी गठबंधन ने शनिवार को आगे की रणनीति पर चर्चा करने के लिए बैठक की थी और एकजुट होकर सरकार के कथित अंसवैधानिक, पीछे ले जाने वाले, अधिनायकवादी कदम का राजनीतिक और कानूनी तरीके से विरोध करने का फैसला किया था.

नवंबर में मध्यावधि चुनाव कराने की घोषणा
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने शनिवार को पांच महीने में दूसरी बार प्रतिनिधि सभा को भंग करने का आदेश जारी किया. उन्होंने अल्पमत की सरकार का नेतृत्व कर रहे प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सलाह पर नवंबर में मध्यावधि चुनाव कराने की घोषणा की.

पढ़ें :- नेपाल की राष्ट्रपति ने संसद को किया भंग, मध्यावधि चुनाव की घोषणा

उन्होंने प्रधानमंत्री ओली और विपक्षी गठबंधन के सरकार बनाने के दावे को खारिज कर दिया. ओली और विपक्षी नेता शेर बहादुर देउबा ने अलग-अलग राष्ट्रपति से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया था.

काठमांडू : नेपाल में जारी राजनीतिक अनिश्चितता के मद्देनजर प्राधिकारियों ने उच्चतम न्यायालय की इमारत के आस-पास सुरक्षा कड़ी कर दी है. मीडिया में आई खबर के मुताबिक विपक्षी गठबंधन के नेताओं द्वारा देश की शीर्ष अदालत में रिट याचिका दायर करने की तैयारी चल रही है. विपक्ष का कहना है कि राष्ट्रपति द्वारा प्रतिनिधि सभा 'असंवैधानिक' तरीके से भंग की गई है. वे इसके खिलाफ उच्चतम न्यायालय में लड़ाई लड़ेंगे. इन खबरों के आधार पर अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट की सुरक्षा बढ़ाने का फैसला लिया है.

नेपाल में बढ़ाई गई सुरक्षा के संबंध में रविवार को हिमालयन टाइम्स ने खबर दी कि विपक्षी गठबंधन के नेता अदालत का रुख करने की तैयारी कर रहे हैं, सुरक्षा बलों ने उच्चतम न्यायालय सिंहदरबार इलाके में निगरानी बढ़ा दी है.

एहतियात के तौर पर कई गिरफ्तार
नेपाली पुलिस ने कहा कि इलाके में भीड़ और प्रदर्शन को रोकने के लिए सुरक्षा बढ़ाई गई है. उन्होंने बताया कि पुलिस ने कुछ राजनीतिक समूहों के लोगों को गिरफ्तार किया है जो सरकार के कदम के खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन करने उतरे थे.

सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका की तैयारियां
खबर के मुताबिक नेपाली कांग्रेस, माओवादी केंद्र, उपेंद्र यादव नीत जनता समाजवादी पार्टी-नेपाल और राष्ट्रीय जनमोर्चा के नेता रिट याचिका दायर करने के लिए सांसदों के हस्ताक्षर एकत्रित कर रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर सत्तारूढ़ सीपीएन-यूएमएल के माधव नेपाल, झालानाथ खनाल गुट के नेताओं के भी याचिका पर हस्ताक्षर करने की उम्मीद है.

कानूनी तरीके से सरकार का विरोध
विपक्षी गठबंधन ने शनिवार को आगे की रणनीति पर चर्चा करने के लिए बैठक की थी और एकजुट होकर सरकार के कथित अंसवैधानिक, पीछे ले जाने वाले, अधिनायकवादी कदम का राजनीतिक और कानूनी तरीके से विरोध करने का फैसला किया था.

नवंबर में मध्यावधि चुनाव कराने की घोषणा
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने शनिवार को पांच महीने में दूसरी बार प्रतिनिधि सभा को भंग करने का आदेश जारी किया. उन्होंने अल्पमत की सरकार का नेतृत्व कर रहे प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सलाह पर नवंबर में मध्यावधि चुनाव कराने की घोषणा की.

पढ़ें :- नेपाल की राष्ट्रपति ने संसद को किया भंग, मध्यावधि चुनाव की घोषणा

उन्होंने प्रधानमंत्री ओली और विपक्षी गठबंधन के सरकार बनाने के दावे को खारिज कर दिया. ओली और विपक्षी नेता शेर बहादुर देउबा ने अलग-अलग राष्ट्रपति से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया था.

Last Updated : May 23, 2021, 6:36 PM IST
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