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कोरोना संकट : नेपाल ने चिकित्सा आपूर्ति उपलब्ध कराने पर भारत को कहा 'धन्यवाद'

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Published : May 17, 2020, 5:50 PM IST

भारत एक तरफ कोरोना महामारी से डट कर मुकाबला कर रहा है तो वहीं संकट काल में अपने पड़ोसियों को भी मदद करने में कोई कोताही नहीं बरत रहा है. हाल में ही भारत ने नेपाल को कोरोना वायरस से लड़ने के लिए चिकित्सा आपूर्ति उपलब्ध कराई थी. अब नेपाल ने भारत की इस मदद के लिए धन्यवाद कहा है. पढ़ें पूरी खबर...

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नेपाल ने भारत को कहा शुक्रिया

काठमांडू : नेपाल ने कोविड-19 से निबटने के लिए परीक्षण किट सहित चिकित्सा आपूर्ति उपलब्ध कराए जाने पर रविवार को भारत का आभार व्यक्त किया.

नेपाल में कोरोना वायरस महामारी के चलते शनिवार को पहली मौत दर्ज की गई. देश में शनिवार रात तक कोरोना वायरस के 281 मामले सामने आए. देश में अब तक 26,691 लोगों की जांच की गई है. इस समय घातक विषाणु संक्रमण के 244 सक्रिय मामले हैं और 36 लोगों को ठीक होने के बाद अस्पतालों से छुट्टी मिल चुकी है.

विदेश मंत्री प्रदीप ज्ञावली ने एक ट्वीट में चिकित्सा आपूर्ति के लिए भारत सरकार का धन्यवाद व्यक्त किया. उन्होंने टि्वटर पर लिखा, '30 हजार परीक्षणों के लिए चिकित्सा साजो-सामान और परीक्षण किट उपलब्ध कराने के लिए भारत सरकार का बहुत-बहुत धन्यवाद. महामारी से लड़ने के लिए जारी सहयोग के तहत ये वस्तुएं आज स्वास्थ्य एवं जनसंख्या मंत्रालय को सौंपी गईं.'

नेपाल को भारत ने कोरोना वायरस महामारी से लड़ने में मदद के तहत रविवार को चिकित्सा आपूर्ति उपलब्ध कराई.

भारत के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा ने नेपाल के स्वास्थ्य एवं जनसंख्या मंत्री भानुभक्त ढकाल को भारत निर्मित ‘पैथोडिटेक्ट कोविड-19 क्वालिटेटिव रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलिमरेस चेन रिएक्शन (आरटी-पीसीआर)’ परीक्षण किट सौंपीं.

भारतीय दूतावास द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि भारत के लोगों की तरफ से नेपाल के लोगों को उपहार के रूप में उपलब्ध कराई गई चिकित्सा आपूर्ति से नेपाल के स्वास्थ्य पेशेवर 30 हजार लोगों के पीसीआर परीक्षण कर पाएंगे.

भारत ने गत 22 अप्रैल को नेपाल को 23 टन दवाएं उपलब्ध कराई थींबयान में कहा गया, 'दवाओं और चिकित्सा साजो-सामान का उपहार कोविड-19 महामारी की सामूहिक चुनौती से मिलकर लड़ने के लिए हमारे नेताओं तथा दोनों देशों के लोगों के बीच जारी सहयोग को दर्शाता है.'

इसमें कहा गया,'ये पहल 15 मार्च 2020 को दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन के नेताओं के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वीडियो कॉन्फ्रेंस से शुरू हुईं.'

बयान में कहा गया, 'चुनौती की इस घड़ी में भारत, नेपाल सरकार, स्वास्थ्य पेशेवरों और लोगों के साथ खड़ा है.'

यह भी पढ़ें- भारत को वेंटिलेटर की आपूर्ति कर रहा अमेरिका : राष्ट्रपति ट्रंप

चिकित्सा आपूर्ति के लिए भारत का धन्यवाद व्यक्त करने का नेपाल के विदेश मंत्री का ट्वीट उस घटना के कुछ दिन बाद आया है, जब उन्होंने सोमवार को लिपुलेख दर्रे को उत्तराखंड के धारचूला से जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण सड़क के निर्माण पर विरोध व्यक्त करने के लिए भारतीय राजदूत को तलब कर उन्हें एक राजनयिक नोट थमाया था.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सड़क का उद्घाटन किया था, जिससे तिब्बत स्थित कैलाश मानसरोवर जाने वाले तीर्थयात्रियों को मदद मिलने की उम्मीद है, जो लिपुलेख दर्रे से लगभग 90 किलोमीटर दूर है.

नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने शुक्रवार को संसद को संबोधित करते हुए कहा था कि लिंपियाधुरा, कालापानी और लिपुलेख नेपाल के हैं तथा मौजूदा मुद्दों के समाधान के लिए उचित राजनयिक कदम उठाए जाएंगे.

इसके जवाब में नई दिल्ली ने कहा है कि उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में हाल में चालू किया गया सड़क मार्ग खंड पूरी तरह भारत के क्षेत्र में है.

काठमांडू : नेपाल ने कोविड-19 से निबटने के लिए परीक्षण किट सहित चिकित्सा आपूर्ति उपलब्ध कराए जाने पर रविवार को भारत का आभार व्यक्त किया.

नेपाल में कोरोना वायरस महामारी के चलते शनिवार को पहली मौत दर्ज की गई. देश में शनिवार रात तक कोरोना वायरस के 281 मामले सामने आए. देश में अब तक 26,691 लोगों की जांच की गई है. इस समय घातक विषाणु संक्रमण के 244 सक्रिय मामले हैं और 36 लोगों को ठीक होने के बाद अस्पतालों से छुट्टी मिल चुकी है.

विदेश मंत्री प्रदीप ज्ञावली ने एक ट्वीट में चिकित्सा आपूर्ति के लिए भारत सरकार का धन्यवाद व्यक्त किया. उन्होंने टि्वटर पर लिखा, '30 हजार परीक्षणों के लिए चिकित्सा साजो-सामान और परीक्षण किट उपलब्ध कराने के लिए भारत सरकार का बहुत-बहुत धन्यवाद. महामारी से लड़ने के लिए जारी सहयोग के तहत ये वस्तुएं आज स्वास्थ्य एवं जनसंख्या मंत्रालय को सौंपी गईं.'

नेपाल को भारत ने कोरोना वायरस महामारी से लड़ने में मदद के तहत रविवार को चिकित्सा आपूर्ति उपलब्ध कराई.

भारत के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा ने नेपाल के स्वास्थ्य एवं जनसंख्या मंत्री भानुभक्त ढकाल को भारत निर्मित ‘पैथोडिटेक्ट कोविड-19 क्वालिटेटिव रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलिमरेस चेन रिएक्शन (आरटी-पीसीआर)’ परीक्षण किट सौंपीं.

भारतीय दूतावास द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि भारत के लोगों की तरफ से नेपाल के लोगों को उपहार के रूप में उपलब्ध कराई गई चिकित्सा आपूर्ति से नेपाल के स्वास्थ्य पेशेवर 30 हजार लोगों के पीसीआर परीक्षण कर पाएंगे.

भारत ने गत 22 अप्रैल को नेपाल को 23 टन दवाएं उपलब्ध कराई थींबयान में कहा गया, 'दवाओं और चिकित्सा साजो-सामान का उपहार कोविड-19 महामारी की सामूहिक चुनौती से मिलकर लड़ने के लिए हमारे नेताओं तथा दोनों देशों के लोगों के बीच जारी सहयोग को दर्शाता है.'

इसमें कहा गया,'ये पहल 15 मार्च 2020 को दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन के नेताओं के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वीडियो कॉन्फ्रेंस से शुरू हुईं.'

बयान में कहा गया, 'चुनौती की इस घड़ी में भारत, नेपाल सरकार, स्वास्थ्य पेशेवरों और लोगों के साथ खड़ा है.'

यह भी पढ़ें- भारत को वेंटिलेटर की आपूर्ति कर रहा अमेरिका : राष्ट्रपति ट्रंप

चिकित्सा आपूर्ति के लिए भारत का धन्यवाद व्यक्त करने का नेपाल के विदेश मंत्री का ट्वीट उस घटना के कुछ दिन बाद आया है, जब उन्होंने सोमवार को लिपुलेख दर्रे को उत्तराखंड के धारचूला से जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण सड़क के निर्माण पर विरोध व्यक्त करने के लिए भारतीय राजदूत को तलब कर उन्हें एक राजनयिक नोट थमाया था.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सड़क का उद्घाटन किया था, जिससे तिब्बत स्थित कैलाश मानसरोवर जाने वाले तीर्थयात्रियों को मदद मिलने की उम्मीद है, जो लिपुलेख दर्रे से लगभग 90 किलोमीटर दूर है.

नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने शुक्रवार को संसद को संबोधित करते हुए कहा था कि लिंपियाधुरा, कालापानी और लिपुलेख नेपाल के हैं तथा मौजूदा मुद्दों के समाधान के लिए उचित राजनयिक कदम उठाए जाएंगे.

इसके जवाब में नई दिल्ली ने कहा है कि उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में हाल में चालू किया गया सड़क मार्ग खंड पूरी तरह भारत के क्षेत्र में है.

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