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नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा साबित करेंगे बहुमत

नेपाल के नव नियुक्त प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा निचले सदन में विश्वास प्रस्ताव का सामना करेंगे. देउबा का कम से कम 136 सदस्यों का समर्थन हासिल करना होगा.

DEUBA
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Published : Jul 18, 2021, 2:19 PM IST

काठमांडू : नेपाल के नव नियुक्त प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा रविवार को पुन: बहाल किए गए संसद के निचले सदन में विश्वास प्रस्ताव का सामना करेंगे. मीडिया की खबरों में यह जानकारी दी गई.

नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष 75 वर्षीय देउबा ने 13 जुलाई को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी. इससे एक दिन पहले ही नेपाल के उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश चोलेंद्र शमशेर राणा की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा को बहाल करने का आदेश दिया था, जिसे पांच महीने में दूसरी बार 22 मई को तत्कालीन प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की अनुशंसा पर राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने भंग कर दिया था. अदालत ने फैसले को असंवैधानिक करार दिया था.

खबरों के मुताबिक, सदन के बहाल होने के बाद पहली बैठक रविवार को स्थानीय समयानुसार शाम चारे बजे न्यू बनेश्वर स्थित संघीय संसद भवन में होगी.

एक खबर के मुताबिक, सरकार के प्रवक्ता और विधि एवं संसदीय कार्यमंत्री ज्ञानेंद्र कार्की ने संघीय संसद सचिवालय में विश्वास प्रस्ताव पंजीकृत कराया है.

काठमांडू पोस्ट ने प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष अग्नि सप्कोटा के प्रेस सलाहकार के हवाले से बताया, विश्वासमत के प्रस्ताव को पहले ही संसदीय सचिवालय में पंजीकृत कराया जा चुका है. प्रधानमंत्री रविवार को सदन की कार्यवाही की दूसरी बैठक में बहुमत साबित करेंगे.

नेपाल की प्रतिनिधि सभा में कुल 275 सदस्य होते हैं. इनमें से 271 की गिनती होगी, जिनमें से देउबा का कम से कम 136 सदस्यों का समर्थन हासिल करना होगा. अगर वह विश्वास मत हासिल करने में असफल होते हैं तो संसद भंग हो जाएगी और अगले छह महीने में चुनाव कराने होंगे.

पढ़ें :- नेपाल में राजनीतिक संकट गहराया: CPN-UML का ओली गुट नवनियुक्त सरकार के खिलाफ देगा वोट

संसद के निचले सदन में नेपाली कांग्रेस के 61 सदस्य हैं जबकि उसकी गठबंधन साझेदार नेपाली कम्युनिस्टी पार्टी (माओवादी केंद्र) के सप्कोटा को अलावा 48 सदस्य हैं. मुख्य विपक्षी ओली की पार्टी सीपीएन-यूएमएल (कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (यूनिफाइड मार्क्सिस्ट –लेनिनिस्ट) के 121 सदस्य हैं जबकि जनता समाजवादी पार्टी के 32 सदस्य हैं. इसके अलावा तीन छोटी पार्टियों के एक-एक सदस्य हैं. एक निर्दलीय सांसद भी है.

सीपीएन-यूएमल के 26 सदस्य माधव नेपाल के करीबी हैं और उन्होंने देउबा द्वारा संविधान के अनुच्छेद 76(5) के तहत सरकार बनाने का दावा पेश करने के दौरान उनका समर्थन किया. जनता समाजवादी पार्टी के यादव गुट ने भी देउबा का समर्थन किया है.

(पीटीआई-भाषा)

काठमांडू : नेपाल के नव नियुक्त प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा रविवार को पुन: बहाल किए गए संसद के निचले सदन में विश्वास प्रस्ताव का सामना करेंगे. मीडिया की खबरों में यह जानकारी दी गई.

नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष 75 वर्षीय देउबा ने 13 जुलाई को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी. इससे एक दिन पहले ही नेपाल के उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश चोलेंद्र शमशेर राणा की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा को बहाल करने का आदेश दिया था, जिसे पांच महीने में दूसरी बार 22 मई को तत्कालीन प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की अनुशंसा पर राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने भंग कर दिया था. अदालत ने फैसले को असंवैधानिक करार दिया था.

खबरों के मुताबिक, सदन के बहाल होने के बाद पहली बैठक रविवार को स्थानीय समयानुसार शाम चारे बजे न्यू बनेश्वर स्थित संघीय संसद भवन में होगी.

एक खबर के मुताबिक, सरकार के प्रवक्ता और विधि एवं संसदीय कार्यमंत्री ज्ञानेंद्र कार्की ने संघीय संसद सचिवालय में विश्वास प्रस्ताव पंजीकृत कराया है.

काठमांडू पोस्ट ने प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष अग्नि सप्कोटा के प्रेस सलाहकार के हवाले से बताया, विश्वासमत के प्रस्ताव को पहले ही संसदीय सचिवालय में पंजीकृत कराया जा चुका है. प्रधानमंत्री रविवार को सदन की कार्यवाही की दूसरी बैठक में बहुमत साबित करेंगे.

नेपाल की प्रतिनिधि सभा में कुल 275 सदस्य होते हैं. इनमें से 271 की गिनती होगी, जिनमें से देउबा का कम से कम 136 सदस्यों का समर्थन हासिल करना होगा. अगर वह विश्वास मत हासिल करने में असफल होते हैं तो संसद भंग हो जाएगी और अगले छह महीने में चुनाव कराने होंगे.

पढ़ें :- नेपाल में राजनीतिक संकट गहराया: CPN-UML का ओली गुट नवनियुक्त सरकार के खिलाफ देगा वोट

संसद के निचले सदन में नेपाली कांग्रेस के 61 सदस्य हैं जबकि उसकी गठबंधन साझेदार नेपाली कम्युनिस्टी पार्टी (माओवादी केंद्र) के सप्कोटा को अलावा 48 सदस्य हैं. मुख्य विपक्षी ओली की पार्टी सीपीएन-यूएमएल (कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (यूनिफाइड मार्क्सिस्ट –लेनिनिस्ट) के 121 सदस्य हैं जबकि जनता समाजवादी पार्टी के 32 सदस्य हैं. इसके अलावा तीन छोटी पार्टियों के एक-एक सदस्य हैं. एक निर्दलीय सांसद भी है.

सीपीएन-यूएमल के 26 सदस्य माधव नेपाल के करीबी हैं और उन्होंने देउबा द्वारा संविधान के अनुच्छेद 76(5) के तहत सरकार बनाने का दावा पेश करने के दौरान उनका समर्थन किया. जनता समाजवादी पार्टी के यादव गुट ने भी देउबा का समर्थन किया है.

(पीटीआई-भाषा)

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