काठमांडू : नेपाल (Nepal) में अचानक आई बाढ़ ने कहर बरपाया (Flash floods wreak havoc) दिया. मध्य नेपाल के मनांग और सिंधुपालचोक (Manang & Sindhupalchok) में अचानक बाढ़ की चपेट में आने से अब तक 16 लोगों की मौत हो गई है और 22 लोग लापता है.
इससे पहले मध्य नेपाल के सिंधुपाल चौक जिले में बाढ़ की चपेट में आने से एक भारतीय और दो चीनी श्रमिकों की मौत हो गई थी. एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी थी.
मुख्य जिला अधिकारी अरुण पोखरेल ने बताया था कि भारतीय श्रमिक का शव बृहस्पतिवार को सिंधुली में सुनकोशी नदी में मिला था, जबकि दो चीनी नागरिक सिंधुपालचौक में मृत पाए गए थे. पीड़ित मेलमची जलापूर्ति परियोजना के लिये काम करते थे.
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इस बीच, एक अन्य अधिकारी ने बताया कि दो भारतीय और एक चीनी श्रमिक अभी भी लापता हैं. जिले में मूसलाधार बारिश के चलते बाढ़ और भूस्खलन में कुल मिलाकर 17 लोग लापता थे. इस बीच नेपाल पुलिस, सेना और सशस्त्र पुलिस बल द्वारा बचाव और राहत अभियान चलाया गया.
वहीं, बुधवार (16 जून) को नेपाल में मूसलाधार बारिश के बाद आई बाढ़ से कम से कम सात लोगों की मौत हो गई थी और करीब 50 लोग लापता हो गए थे, जिसके चलते से कई पुल क्षतिग्रस्त हो गए थे.
बता दें कि भारी बारिश से सबसे बुरी तरह प्रभावित मध्य नेपाल के सिंधुपालचोक में मेलम्ची नदी में बाढ़ आ गई थी. सभी सात लोगों की मौत यहीं हुई थी. मंगलवार रात मृतकों के शव बरामद किए गए थे. अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि करीब 50 लोग लापता हैं, जिनमें से ज्यादातर मेलम्ची पेयजल परियोजना में काम करने वाले श्रमिक हैं.
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फेसबुक पर स्वास्थ्य एवं जनसंख्या मंत्री शेर बहादुर तमांग ने बताया, मेलम्ची और इंद्रावती नदियों में आई बाढ़ में 50 से ज़्यादा लोग लापता हैं. बाढ़ ने मेलम्ची पेय जल आपूर्ति परियोजना टिम्बू बाजार, चनाउत बाजार, तालामारंग बाजार और मेलम्ची बाजार में बांध को भी नुकसान पहुंचाया है.
भारी बारिश से न केवल लोगों की जान गई है, बल्कि सिंधुपालचोक में दो कंक्रीट पुल और पांच से छह सस्पेंशन पुल गिर गए. कृषि भूमि और मत्स्य पालन स्थल डूब गए. वहीं हेलाम्बु क़स्बे में पुलिस चौकी (सशस्त्र पुलिस बल शिविर) और मेलम्ची में पेयजल परियोजना स्थल बाढ़ जैसी स्थिति के कारण पहुंच से बाहर हैं.
मेलम्ची नदी के किनारे के गांवों में क़रीब 300 झोपड़ियां बह गईं. वहीं लामजुंग ज़िले में क़रीब 15 घर बह गए.