बैंकाक : म्यांमार में सत्ता से बेदखल की गईं नेता आंग सांग सू-ची के खिलाफ मुकदमे की सुनवाई सोमवार को होगी. उनपर वॉकी टॉकी के गैरकानूनी आयात से लेकर प्राकृतिक आपदा प्रबंधन कानून के उल्लंघन तक के आरोप हैं.
हालांकि, पर्यवक्षकों ने इन आरोपों को फर्जी करार देते हुए कहा कि यह म्यांमार की सेना जुंटा की सू-ची के लोकतांत्रिक चुनाव को अवैध बताने और उनके राजनीतिक भविष्य को खत्म करने की कोशिश है.
पिछले साल हुए आम चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए सेना ने एक फरवरी 2021 को देश में तख्ता पलट कर दिया था और सू-ची समेत सरकार के तमाम वरिष्ठ मंत्रियों और अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया था, जिनमें राष्ट्रपति विन मिंत भी शामिल हैं.
ह्यूमन राइट्स वॉच ने आरोप लगाया गया है कि नेपीता में विशेष अदालत में जिन आरोपों की सुनवाई होगी, वे फर्जी और राजनीतिक रूप से प्रेरित हैं और उनकी मंशा सू-ची की जीत को अवैध करार देना और उन्हें सत्ता की दौड़ में फिर से शामिल होने से रोकना है.
संगठन के एशिया क्षेत्र के उप-निदेशक फिल रॉबर्टसन ने कहा कि इस मुकदमे का मकसद सू-ची और उनकी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी पार्टी को एक ताकत के तौर पर बेअसर करना है ताकि वे भविष्य में सैन्य शासन को चुनौती न दे सकें.
गैरकानूनी तरीके से वॉकी टॉकी आयात करने का आरोप
सू-ची पर आरोप है कि उन्होंने अपने अंग रक्षकों के इस्तेमाल के लिए गैरकानूनी तरीके से वॉकी टॉकी आयात किए, बिना लाइसेंस के रेडियो इस्तेमाल किया, ऐसी सूचना का प्रसार किया जिससे अशांति फैला सकती थी और 2020 में चुनाव प्रचार के दौरान प्राकृतिक आपदा प्रबंधन कानून का उल्लंघन किया है.
रॉबर्टसन ने कहा कि सभी आरोपों को खारिज किया जाना चाहिए और सू-ची की तत्काल और बिना शर्त रिहाई की जानी चाहिए. हालांकि उन्होंने कहा कि निष्पक्ष सुनवाई मिलने की उम्मीद नहीं है.
बहरहाल, सरकारी अभियोजकों को 28 जून तक अपनी दलीलें पूरी करनी होंगी वहीं सू-ची के वकील 26 जुलाई तक अपना पक्ष रखेंगे.
(पीटीआई-भाषा)