बैंकॉक : म्यांमार की राजधानी की एक विशेष अदालत ने देश की अपदस्थ नेता आंग सान सू-ची को लोगों को उकसाने और कोरोना वायरस संबंधी प्रतिबंधों का उल्लंघन करने का दोषी पाते हुए सोमवार को चार साल कैद की सजा सुनाई. एक कानूनी अधिकारी ने यह जानकारी दी.
यह सजा देश की सत्ता पर एक फरवरी को सेना के कब्जा करने के बाद से, 76 वर्षीय नोबेल पुरस्कार विजेता पर चलाए जा रहे कई मुकदमों में से पहले मामले में मिली है.
एक फरवरी 2021 को सेना ने तख्तापलट कर सू-ची उनकी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी पार्टी की सरकार को अपना दूसरा पांच साल का कार्यकाल शुरू करने से रोक दिया था.
सू-ची के खिलाफ एक अन्य मामले में फैसला अगले सप्ताह आने की उम्मीद है. अगर वह सभी मामलों में दोषी पाई जाती हैं, तो उन्हें 100 साल से अधिक की जेल की सजा हो सकती है.
कानूनी अधिकारी ने कहा कि अदालत ने सोमवार को यह स्पष्ट नहीं किया कि सू-ची को इनके लिए जेल भेजा जाएगा या उन्हें नजरबंद रखा जाएगा. लोकतंत्र के लिए अपने लंबे संघर्ष में, उन्होंने 1989 से शुरू करते हुए अब तक 15 साल तक नजरबंदी में बिताए हैं.
इससे पहले, 30 नवंबर को म्यांमार की अदालत ने सू-ची के मुकदमे में एक अतिरिक्त गवाह को गवाही देने की अनुमति देते हुए अपना फैसला मंगलवार को टाल दिया था. कानूनी अधिकारी ने कहा था कि न्यायाधीश ने छह दिसंबर तक कार्यवाही स्थगित कर दी, जब नए गवाह की गवाही का दिन तय है.
सू-ची के खिलाफ मामलों को व्यापक रूप से उन्हें बदनाम करने और अगला चुनाव लड़ने से रोकने के लिए साजिश के रूप में देखा जाता है. देश का संविधान किसी को भी जेल की सजा सुनाए जाने पर उच्च पद पर आसीन होने या सांसद-विधायक बनने से रोकता है.
म्यामांर में पिछले साल नवंबर में हुए आम चुनाव में सू-ची की पार्टी को एकतरफा जीत मिली थी, जबकि सेना से संबद्ध दल को कई सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद सेना ने मतदान में धंधली का आरोप लगाते हुए आंग सान सू-ची को अपदस्थ कर दिया था.
इसके बाद से सैन्य शासन के खिलाफ म्यांमार में प्रदर्शन हो रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सुरक्षा बलों की कार्रवाई में अब तक करीब 1,300 नागरिकों की जान गई.
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