बैंकाक : म्यांमार के चुनाव आयोग ने कहा है कि वह देश की अपदस्थ नेता आंग सांग सू ची और 15 अन्य वरिष्ठ राजनेताओं के खिलाफ पिछले साल नवंबर में हुए आम चुनाव में धांधली के आरोप में मुकदमा चलाएगा.
यह घोषणा मंगलवार को सरकारी 'ग्लोबल न्यू लाइट ऑफ म्यांमार' अखबार और अन्य सरकारी मीडिया में प्रकाशित हुई है.
सेना ने इस साल एक फरवरी को आंग सांग की चुनी हुई सरकार का तख्ता पलट दिया था और ऐसा करने का मुख्य कारण चुनाव में व्यापक धांधली को बताया था. चुनाव में आंग सांग की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी पार्टी की प्रचंड जीत हुई थी और वह पांच साल के दूसरे कार्यकाल के लिए कामकाज शुरू ही करने वाली थी. सेना के समर्थन वाली यूनियन सॉलिडेरिटी एंड डेवलपमेंट पार्टी को अप्रत्याशित रूप से भारी नुकसान हुआ था.
एशियन नेटवर्क फॉर फ्री इलेक्शंस जैसे स्वतंत्र पर्यवेक्षकों को चुनाव में अनिमियतता का कोई प्रमाण नहीं मिला था. हालांकि उन्होंने कुछ पहलुओं की आलोचना की थी.
संघीय चुनाव आयोग की कार्रवाई की वजह से आंग सांग की पार्टी को भंग किया जा रहा है और वह नए चुनाव में भी हिस्सा नहीं ले पाएंगी जिसका सेना ने वादा किया है. सेना के वादे के मुताबिक, सत्ता पर काबिज़ होने के दो साल के अंदर-अंदर चुनाव कराए जाएंगे.
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बहरहाल, आयोग ने सोमवार के नोटिस में इस बात की जानकारी नहीं दी कि किस कानून के तहत आरोपियों के खिलाफ अभियोजन चलाया जाएगा.
मई में सेना की ओर से नियुक्त आयोग के नए प्रमुख ने कहा था कि उनकी एजेंसी आंग सांग की पार्टी को भंग करने पर विचार करेगी.
आयोग के प्रमुख थीइन सोए ने कहा कि जांच में पता चला है कि पार्टी ने सरकार के साथ अवैध तरीके से काम किया था ताकि चुनाव में उसे फायदा मिल सके.
बता दें कि सत्ता पर काबिज़ होने के बाद सेना ने चुनाव आयोग के सदस्यों को बर्खास्त कर दिया था जिन्होंने पिछले साल हुए चुनाव के नतीजों को प्रमाणित किया था और नए सदस्य नियुक्त किए थे. नए आयोग ने पिछले साल हुए चुनाव के नतीजों को अमान्य घोषित किया है.
(पीटीआई-भाषा)