काठमांडू: नेपाल में लगातार बारिश के चलते आई बाढ़ और भूस्खलन में अब तक 65 लोगों की मौत हो गई है और 38 अन्य घायल हो गए हैं. पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी है. बारिश से जुड़ी घटनाओं में 35 लोग लापता बताए जा रहे हैं. लगातार बारिश के चलते देश के मध्य और पूर्वी हिस्से में आम जनजीवन पटरी से उतर गया है.
बृहस्पतिवार से हो रही भारी बारिश से 25 से अधिक जिले और इसमें 10,385 परिवार प्रभावित हुए हैं.
नेपाल थल सेना और पुलिसकर्मियों ने देश में कई स्थानों पर 1,104 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है. इनमें से 185 लोगों को काठमांडू में सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है.
पढ़ें: नेपाल में बाढ़ का तांडव: मृतकों की संख्या 43 तक पहुंची, 24 लापता
स्थानीय खबरों के मुताबिक, बाढ़ पूर्वानुमान प्रभाग (एफएफएस) ने कहा है कि मानसून सक्रिय है और देश के अधिकतर जगहों पर अगले दो तीन दिनों तक बारिश जारी रहेगी.
मौसम पूर्वानुमान विभाग (एमएफडी) ने लोगों को अत्यधिक सतर्क रहने की चेतावनी दी है और कहा है कि वायु एवं सड़क यातायात कम दृश्यता की वजह से प्रभावित हो सकता है. गौरतलब है कि भारी बारिश से नदियों का जलस्तर बढ़ गया है.
पढ़ें: नेपाल में भारत की फल-सब्जियों पर रोक, विदेश मंत्रालय ने पत्र लिखकर पूछा कारण
FFS ने बताया कि बागमती, कमला, सप्तकोशी और उसकी सहायक नदी सनकोसी उफान पर है और खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. FFS में जलविज्ञानी बिनोद पारजुली के हवाले से खबर में बताया गया है कि इन क्षेत्रों में रह रहे लोगों को सतर्क रहने को कहा गया है.
इस बीच, मौसम विशेषज्ञों ने इतने कम समय में हुई भारी बारिश के लिए जलवायु परिवर्तन को जिम्मेदार ठहराया है.
आपको बता दें कि 22 बाढ़ प्रभावित जिलों में से अब तक 1146 लोगों को बचाया गया है.