इस्लामाबाद : पाकिस्तान की जमीन पर जो आतंकवाद पल रहा है उसके बारे में तो सबको पता है लेकिन खुद पाकिस्तान ही इसको हमेशा नकरता रहा है. लेकिन अब पाक सेना ने स्वीकार कर लिया है कि वहां आतंकी मौजूद हैं और आतंकवाद को खत्म करने के लिए काफी कुछ किए जाने की जरूरत है.
इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस के डीजी मेजर जनरकल आसिफ गफूर ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, 'हमने हिंसक चरमपंथी संगठनों और जिहादी संगठनों को प्रतिबंधित कर दिया है और हम उनके खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं.'
आतंकवाद से हुआ नुकसान
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को आतंकवाद के कारण काफी नुकसान हुआ और लाखों डॉलर भी गंवाए. साथ ही उन्होंने कहा कि अब आतंकवाद को खत्म करने के लिए काफी कुछ करने की जरूरत है.
रणनीति को बनाने में रहे नाकाम
उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि पूर्व की सरकारें आतंकवाद से निपटने में नाकाम रही हैं और उसकी वजह से पाकिस्तान को लाखों डॉलर का नुकसान हुआ है. गफूर ने कहा, 'सरकारें मेहरबानी करने में व्यस्त रही हैं और हर सुरक्षा एजेंसी इसी में व्यस्त रही है. इस वजह से हम प्रतिबंधित संगठनों के खिलाफ उस रणनीति को बनाने में नाकाम रहे हैं, जो हम आज बना रहे हैं.'
सरकार कर रही आतंकवाद के खिलाफ काम
गफूर ने कहा कि 'अब हमारी सरकार लगातार आतंकवाद के खिलाफ अभियान चला रहा है. हर एजेंसी इस काम में व्यस्त थी कि प्रतिबंधित संगठनों के खिलाफ ऐसी रणनीति नहीं बना पा रहे थे, जैसी रणनीति पर हम आज काम कर पा रहे हैं.'
30 हजार मदरसों पर होगा सरकारी नियंत्रण
सेना के प्रवक्ता का कहना है कि वह अपने देश के 30 हजार से अधिक मदरसों को मुख्यधारा की शिक्षा प्रणाली में शामिल करेगा. इन मदरसों को सामयिक विषयों पर शिक्षा दी जाएगी. यहां पढ़ने वाले छात्रों के लिए एक ऐसा पाठ्यक्रम तैयार किया जाएगा, जिसमें अभद्र भाषा नहीं होगी. इससे छात्रों को विभिन्न संप्रदायों के प्रति सम्मान सिखाने में मदद मिलेगी.
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इसके अलावा उन्होंने एक बार फिर दावा किया कि भारत द्वारा किए गए बालाकोट एयर स्ट्राइक में कोई क्षति नहीं हुई और जोर देकर कहा कि अगर भारतीय पत्रकार सच देखना चाहते हैं तो उन्हें वहां ले जाया जाएगा.
एयरस्ट्राइक के बाद पाक और भारत की वायुसेना के आमने-सामने आने पर उन्होंने कहा कि हमारे संकल्प की परीक्षा ना लें. हमने पहले जवाब इसलिए नहीं दिया, क्योंकि हम शांति चाहते थे.