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पाकिस्तानी सेना ने माना, देश में मौजूद हैं आतंकी और जिहादी !

आखिरकार पाकिस्तान ने अपनी सीमा के भीतर आतंकियों के होने की बात कबूली. साथ ही कहा कि उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है.

आसिफ गफूर
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Published : Apr 30, 2019, 8:41 PM IST

Updated : Apr 30, 2019, 8:52 PM IST

इस्लामाबाद : पाकिस्तान की जमीन पर जो आतंकवाद पल रहा है उसके बारे में तो सबको पता है लेकिन खुद पाकिस्तान ही इसको हमेशा नकरता रहा है. लेकिन अब पाक सेना ने स्वीकार कर लिया है कि वहां आतंकी मौजूद हैं और आतंकवाद को खत्म करने के लिए काफी कुछ किए जाने की जरूरत है.

इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस के डीजी मेजर जनरकल आसिफ गफूर ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, 'हमने हिंसक चरमपंथी संगठनों और जिहादी संगठनों को प्रतिबंधित कर दिया है और हम उनके खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं.'

आतंकवाद से हुआ नुकसान
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को आतंकवाद के कारण काफी नुकसान हुआ और लाखों डॉलर भी गंवाए. साथ ही उन्होंने कहा कि अब आतंकवाद को खत्म करने के लिए काफी कुछ करने की जरूरत है.

आसिफ गफूर के बयान का अंश, देखें

रणनीति को बनाने में रहे नाकाम
उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि पूर्व की सरकारें आतंकवाद से निपटने में नाकाम रही हैं और उसकी वजह से पाकिस्तान को लाखों डॉलर का नुकसान हुआ है. गफूर ने कहा, 'सरकारें मेहरबानी करने में व्यस्त रही हैं और हर सुरक्षा एजेंसी इसी में व्यस्त रही है. इस वजह से हम प्रतिबंधित संगठनों के खिलाफ उस रणनीति को बनाने में नाकाम रहे हैं, जो हम आज बना रहे हैं.'

सरकार कर रही आतंकवाद के खिलाफ काम
गफूर ने कहा कि 'अब हमारी सरकार लगातार आतंकवाद के खिलाफ अभियान चला रहा है. हर एजेंसी इस काम में व्यस्त थी कि प्रतिबंधित संगठनों के खिलाफ ऐसी रणनीति नहीं बना पा रहे थे, जैसी रणनीति पर हम आज काम कर पा रहे हैं.'

30 हजार मदरसों पर होगा सरकारी नियंत्रण
सेना के प्रवक्ता का कहना है कि वह अपने देश के 30 हजार से अधिक मदरसों को मुख्यधारा की शिक्षा प्रणाली में शामिल करेगा. इन मदरसों को सामयिक विषयों पर शिक्षा दी जाएगी. यहां पढ़ने वाले छात्रों के लिए एक ऐसा पाठ्यक्रम तैयार किया जाएगा, जिसमें अभद्र भाषा नहीं होगी. इससे छात्रों को विभिन्न संप्रदायों के प्रति सम्मान सिखाने में मदद मिलेगी.

पढ़ेंः रोहिंग्या मामले के समाधान की दिशा में प्रगति नहीं हुई: यूएन सहायता प्रमुख

इसके अलावा उन्होंने एक बार फिर दावा किया कि भारत द्वारा किए गए बालाकोट एयर स्ट्राइक में कोई क्षति नहीं हुई और जोर देकर कहा कि अगर भारतीय पत्रकार सच देखना चाहते हैं तो उन्हें वहां ले जाया जाएगा.

एयरस्ट्राइक के बाद पाक और भारत की वायुसेना के आमने-सामने आने पर उन्होंने कहा कि हमारे संकल्प की परीक्षा ना लें. हमने पहले जवाब इसलिए नहीं दिया, क्योंकि हम शांति चाहते थे.

इस्लामाबाद : पाकिस्तान की जमीन पर जो आतंकवाद पल रहा है उसके बारे में तो सबको पता है लेकिन खुद पाकिस्तान ही इसको हमेशा नकरता रहा है. लेकिन अब पाक सेना ने स्वीकार कर लिया है कि वहां आतंकी मौजूद हैं और आतंकवाद को खत्म करने के लिए काफी कुछ किए जाने की जरूरत है.

इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस के डीजी मेजर जनरकल आसिफ गफूर ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, 'हमने हिंसक चरमपंथी संगठनों और जिहादी संगठनों को प्रतिबंधित कर दिया है और हम उनके खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं.'

आतंकवाद से हुआ नुकसान
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को आतंकवाद के कारण काफी नुकसान हुआ और लाखों डॉलर भी गंवाए. साथ ही उन्होंने कहा कि अब आतंकवाद को खत्म करने के लिए काफी कुछ करने की जरूरत है.

आसिफ गफूर के बयान का अंश, देखें

रणनीति को बनाने में रहे नाकाम
उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि पूर्व की सरकारें आतंकवाद से निपटने में नाकाम रही हैं और उसकी वजह से पाकिस्तान को लाखों डॉलर का नुकसान हुआ है. गफूर ने कहा, 'सरकारें मेहरबानी करने में व्यस्त रही हैं और हर सुरक्षा एजेंसी इसी में व्यस्त रही है. इस वजह से हम प्रतिबंधित संगठनों के खिलाफ उस रणनीति को बनाने में नाकाम रहे हैं, जो हम आज बना रहे हैं.'

सरकार कर रही आतंकवाद के खिलाफ काम
गफूर ने कहा कि 'अब हमारी सरकार लगातार आतंकवाद के खिलाफ अभियान चला रहा है. हर एजेंसी इस काम में व्यस्त थी कि प्रतिबंधित संगठनों के खिलाफ ऐसी रणनीति नहीं बना पा रहे थे, जैसी रणनीति पर हम आज काम कर पा रहे हैं.'

30 हजार मदरसों पर होगा सरकारी नियंत्रण
सेना के प्रवक्ता का कहना है कि वह अपने देश के 30 हजार से अधिक मदरसों को मुख्यधारा की शिक्षा प्रणाली में शामिल करेगा. इन मदरसों को सामयिक विषयों पर शिक्षा दी जाएगी. यहां पढ़ने वाले छात्रों के लिए एक ऐसा पाठ्यक्रम तैयार किया जाएगा, जिसमें अभद्र भाषा नहीं होगी. इससे छात्रों को विभिन्न संप्रदायों के प्रति सम्मान सिखाने में मदद मिलेगी.

पढ़ेंः रोहिंग्या मामले के समाधान की दिशा में प्रगति नहीं हुई: यूएन सहायता प्रमुख

इसके अलावा उन्होंने एक बार फिर दावा किया कि भारत द्वारा किए गए बालाकोट एयर स्ट्राइक में कोई क्षति नहीं हुई और जोर देकर कहा कि अगर भारतीय पत्रकार सच देखना चाहते हैं तो उन्हें वहां ले जाया जाएगा.

एयरस्ट्राइक के बाद पाक और भारत की वायुसेना के आमने-सामने आने पर उन्होंने कहा कि हमारे संकल्प की परीक्षा ना लें. हमने पहले जवाब इसलिए नहीं दिया, क्योंकि हम शांति चाहते थे.

RESTRICTION SUMMARY: NO ACCESS PAKISTAN
SHOTLIST:
PTV - NO ACCESS PAKISTAN
Rawalpindi - 29 April 2019
++4:3++
1. Various of reporters at news conference listening to Pakistan military spokesman
2. SOUNDBITE (Urdu) Major General Asif Ghafoor, Pakistan Military spokesman: ++INCLUDES CUTAWAYS OF REPORTERS++
"I would like to tell India: do not test our resolve. If the time comes, the Pakistani army will defend the country, with the help of 207 million people of Pakistan, and will repeat the 27th February incident (when two Indian planes were shot down by Pakistani forces)."
3. Cutaway of reporters
4. Reporter asking question
5. SOUNDBITE (Urdu) Major General Asif Ghafoor, Pakistan Military spokesman:
"When 2.5 million religious students graduated from 30,000 Islamic seminaries, what kind of job opportunities they have? Basically they are receiving just religious education, so they only take up religious positions. They don't they have the right to become a doctor, engineer, a reporter, an anchor or join the Pakistan Army and this will only be only possible when we include contemporary subjects along with their religious syllabus. Now it has been decided by the government, with the help of supporting institutions, to bring these seminaries into the mainstream."
6. Zoom out to wide of news conference
STORYLINE:
                    
Pakistan's military spokesman on Monday warned India not to "test our resolve", saying they were prepared to respond as they did earlier in the year, when they shot down two Indian air force planes and captured a pilot who was later released.
At a news conference on national security in the garrison town of Rawalpindi, Major General Asif Ghafoor also said authorities planned bring over 30,000 religious schools under government control as part of campaign aimed at combating extremism.
He said currently 25 million Pakistani children are out of schools and that they can be enrolled at such seminaries.
Ghafoor also said once the madrassas — some of which are considered hotbeds of radicalism — are brought under government control, 25 million Pakistani children now out of school could be enrolled in the seminaries.
He said after bringing these seminaries under government control, the students will also get contemporary education.
There was no immediate reaction from seminaries, which are linked to the country's various religious groups.
The organizers of these seminaries in the past have resisted any plans aimed at placing them under government control.
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Last Updated : Apr 30, 2019, 8:52 PM IST
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