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जी-4 देशों की बैठक, लंबित सुधारों के लिए निर्णायक कदम का आह्वान - संयुक्त राष्ट्र महासभा

जी-4 देशों भारत, जर्मनी, ब्राजील और जापान के विदेश मंत्रियों के बीच बैठक हुई. बता दें कि जी-4 विदेश मंत्रियों की बैठक संयुक्त राष्ट्र महासभा के वार्षिक सत्र से इतर होती है. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर....

विदेश मंत्रियों के बीच बैठक
विदेश मंत्रियों के बीच बैठक
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Published : Sep 23, 2020, 8:20 PM IST

Updated : Sep 24, 2020, 8:17 PM IST

न्यूयॉर्क : जी-4 देशों-भारत, जर्मनी, ब्राजील और जापान ने बुधवार को आह्वान किया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में लंबित सुधारों के लिए निर्णायक कदम उठाया जाना चाहिए.

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट किया कि जी-4 विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल हुआ, जिसमें संयुक्त राष्ट्र के 75वें वर्ष के दौरान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधारों के लिए निर्णायक कदम का आह्वान किया गया. निर्धारित समयसीमा में विषय वस्तु आधारित चर्चा के लिए सर्वसम्मत आह्वान.

विदेश मंत्री एस जयशंकर का ट्वीट.
विदेश मंत्री एस जयशंकर का ट्वीट.

जी-4 विदेश मंत्रियों की बैठक संयुक्त राष्ट्र महासभा के वार्षिक सत्र से इतर होती है. कोविड-19 महामारी की वजह से उच्चस्तरीय सत्र के डिजिटल रूप से आयोजित होने के साथ ही महासभा से इतर हो रहीं सभी बैठकें भी डिजिटल माध्यम से ही हो रही हैं.

भारत, जापान, जर्मनी और ब्राजील ने काफी समय से लंबित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में सुधारों के लिए किसी भी प्रकार के सार्थक प्रयास नहीं होने पर चिंता व्यक्त की और इस मुद्दे पर जल्द उचित कदम उठाने की मांग की.

जी4 देशों के विदेश मंत्रियों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र में एक ऑनलाइन बैठक की, जिसके दौरान उन्होंने यूएनएससी में तत्काल सुधार की आवश्यकता पर व्यापक चर्चा की.

विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि जी4 देशों के विदेश मंत्रियों ने इस प्रक्रिया को पटरी से उतारने के प्रयासों पर निराशा व्यक्त की और संयुक्त राष्ट्र की 75वीं वर्षगांठ पर इस विषय पर जल्द ही सार्थक कदम उठाने को लेकर प्रतिबद्धता जाहिर की.

बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर, ब्राजील के विदेश मंत्री अर्नेस्टो अराजो, जापान के मोतेगी तोशिमित्सु और जर्मनी के मंत्री नील्स एनेन शामिल हुए.

सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो संदेश में संयुक्त राष्ट्र (यूएन) को आईना दिखाते हुए कहा था कि यह विश्वसनीयता के संकट से जूझ रहा है और उन्होंने इस पर गौर करने का आग्रह किया.

उन्होंने कहा था कि हम व्यापक सुधारों के बिना पुराने ढांचे के साथ आज की चुनौतियों का मुकाबला नहीं कर सकते. संयुक्त राष्ट्र विश्वसनीयता के संकट का सामना कर रहा है.

मोदी ने कहा कहा था कि आज की परस्पर संबद्ध दुनिया के लिए, हमें एक दुरुस्त बहुपक्षवाद की जरूरत है जो आज की वास्तविकताओं को दर्शाए, सभी हितधारकों को आवाज दे, समकालीन चुनौतियों का सामना करे और मानव कल्याण पर ध्यान केंद्रित करे.

सरकारी सूत्रों के अनुसार यूएनएससी के चार स्थाई सदस्य ब्रिटेन, फ्रांस, रूस और अमेरिका भारत का समर्थन करते हैं, जबकि चीन पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों के कारण भारत का विरोध करता है. इसकी एक वजह यह भी है कि नई दिल्ली और बीजिंग के बीच मतभेद भी है.

संयुक्त राष्ट्र ने इस साल जून में अपनी 75वीं वर्षगांठ को कोरोना वायरस के मद्देनजर भव्य पैमाने पर नहीं मनाया. 26 जून, 1945 को सैन फ्रांसिस्को में यूएन चार्टर पर लगभग 50 देशों ने हस्ताक्षर किए थे.

संयुक्त राष्ट्र के 75वें वर्ष में भारत अगले साल एक जनवरी से सुरक्षा परिषद के अस्थाई सदस्य के रूप में अपने दो साल के कार्यकाल की शुरुआत करेगा.

जी4 समूह में भारत, जापान, जर्मनी और ब्राजील आते हैं.

न्यूयॉर्क : जी-4 देशों-भारत, जर्मनी, ब्राजील और जापान ने बुधवार को आह्वान किया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में लंबित सुधारों के लिए निर्णायक कदम उठाया जाना चाहिए.

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट किया कि जी-4 विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल हुआ, जिसमें संयुक्त राष्ट्र के 75वें वर्ष के दौरान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधारों के लिए निर्णायक कदम का आह्वान किया गया. निर्धारित समयसीमा में विषय वस्तु आधारित चर्चा के लिए सर्वसम्मत आह्वान.

विदेश मंत्री एस जयशंकर का ट्वीट.
विदेश मंत्री एस जयशंकर का ट्वीट.

जी-4 विदेश मंत्रियों की बैठक संयुक्त राष्ट्र महासभा के वार्षिक सत्र से इतर होती है. कोविड-19 महामारी की वजह से उच्चस्तरीय सत्र के डिजिटल रूप से आयोजित होने के साथ ही महासभा से इतर हो रहीं सभी बैठकें भी डिजिटल माध्यम से ही हो रही हैं.

भारत, जापान, जर्मनी और ब्राजील ने काफी समय से लंबित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में सुधारों के लिए किसी भी प्रकार के सार्थक प्रयास नहीं होने पर चिंता व्यक्त की और इस मुद्दे पर जल्द उचित कदम उठाने की मांग की.

जी4 देशों के विदेश मंत्रियों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र में एक ऑनलाइन बैठक की, जिसके दौरान उन्होंने यूएनएससी में तत्काल सुधार की आवश्यकता पर व्यापक चर्चा की.

विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि जी4 देशों के विदेश मंत्रियों ने इस प्रक्रिया को पटरी से उतारने के प्रयासों पर निराशा व्यक्त की और संयुक्त राष्ट्र की 75वीं वर्षगांठ पर इस विषय पर जल्द ही सार्थक कदम उठाने को लेकर प्रतिबद्धता जाहिर की.

बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर, ब्राजील के विदेश मंत्री अर्नेस्टो अराजो, जापान के मोतेगी तोशिमित्सु और जर्मनी के मंत्री नील्स एनेन शामिल हुए.

सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो संदेश में संयुक्त राष्ट्र (यूएन) को आईना दिखाते हुए कहा था कि यह विश्वसनीयता के संकट से जूझ रहा है और उन्होंने इस पर गौर करने का आग्रह किया.

उन्होंने कहा था कि हम व्यापक सुधारों के बिना पुराने ढांचे के साथ आज की चुनौतियों का मुकाबला नहीं कर सकते. संयुक्त राष्ट्र विश्वसनीयता के संकट का सामना कर रहा है.

मोदी ने कहा कहा था कि आज की परस्पर संबद्ध दुनिया के लिए, हमें एक दुरुस्त बहुपक्षवाद की जरूरत है जो आज की वास्तविकताओं को दर्शाए, सभी हितधारकों को आवाज दे, समकालीन चुनौतियों का सामना करे और मानव कल्याण पर ध्यान केंद्रित करे.

सरकारी सूत्रों के अनुसार यूएनएससी के चार स्थाई सदस्य ब्रिटेन, फ्रांस, रूस और अमेरिका भारत का समर्थन करते हैं, जबकि चीन पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों के कारण भारत का विरोध करता है. इसकी एक वजह यह भी है कि नई दिल्ली और बीजिंग के बीच मतभेद भी है.

संयुक्त राष्ट्र ने इस साल जून में अपनी 75वीं वर्षगांठ को कोरोना वायरस के मद्देनजर भव्य पैमाने पर नहीं मनाया. 26 जून, 1945 को सैन फ्रांसिस्को में यूएन चार्टर पर लगभग 50 देशों ने हस्ताक्षर किए थे.

संयुक्त राष्ट्र के 75वें वर्ष में भारत अगले साल एक जनवरी से सुरक्षा परिषद के अस्थाई सदस्य के रूप में अपने दो साल के कार्यकाल की शुरुआत करेगा.

जी4 समूह में भारत, जापान, जर्मनी और ब्राजील आते हैं.

Last Updated : Sep 24, 2020, 8:17 PM IST
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