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चीन: पुनरूद्धार के बाद पर्यटकों के लिए फिर से तैयार प्राचीन बुद्ध मूर्ति - चीन में बुद्ध की मूर्ति

चीन की प्रसिद्ध बुद्ध मूर्ति के नवीनीकरण का काम पूरा हो चुका है. आब पर्यटक इसका दर्शन कर सकेंगे. छह महीने की अवधि से पर्यटक स्थल को बंद रखा गया था.

चीन की प्रसिद्ध बुद्ध मूर्ति. (सौ. cultural trip twitter)
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Published : Apr 28, 2019, 9:31 PM IST

बीजिंग: चीन में प्रसिद्ध-प्राचीन गौतम बुद्ध मूर्ति का नवीनीकरण पूर्ण हो गया है. यह दुनिया की सबसे ऊंची बुद्ध मूर्ति मानी जाती है. इसकी ऊंचाई 71 मीटर है. इसकी मरम्मत योजना के अंतर्गत इसे छह महीने के लिए प्रक्षणाधीन रखा गया था. यह बुद्ध मूर्ति दक्षिण-पश्चिम चीन के शिचुआन प्रांत में स्थित है. निगरानी काल पूर्ण होने के बाद इसे एक बार फिर से पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है.

इस मूर्ति का निर्माण करने में 90 साल की अवधि लगी थी. इसको मूर्तिकारों ने लेशान पर्वत की चट्टानों पर नक्काशी कर के बनाया था. यह प्रतिमा इतनी विशाल है कि इससे तीन नदियों के मिलनबिंदु को देखा जा सकता है. मूर्ति का निर्माण कार्य तांग राजवंश (618-907) के दौरान वर्ष 713 में शुरू हुआ था.

लेसहान बुद्ध सुरम्य क्षेत्र की प्रबंध समिति की ओर से जारी बयान के अनुसार लेसहान शहर के बाहर बनी इस प्रतिमा में दरारें आ गईं थी और प्रतिमा का कुछ भाग क्षतिग्रस्त हो गया था.

प्रतिमा के पुनरूद्धार के लिए अक्टूबर में काम शुरू किया गया. छह माह तक चले निरीक्षण कार्य के दौरान प्रतिमा को पूरी तरह से अथवा आंशिक रूप से ढक दिया गया था.

सरकारी समाचार समिति शिन्हुआ ने बताया कि निरीक्षण कार्य के दौरान ड्रोन से हवाई सर्वेक्षण, थ्री डी लेजर स्कैनिंग जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया गया.

विश्व धरोहर का दर्जा प्राप्त इस प्रतिमा का पहले भी पुनरूद्धार किया जा चुका है. इस बात की जानकारी एक सरकारी एजेंसी ने दी है.

ये भी पढ़ें: भारतीय मूल की 17 वर्षीय नूराली का 7 अमेरिकी विश्वविद्यालयों में चयन

2001 में इस मूर्ति की साफ-सफाई के लिए काम शुरू किया गया था. उस दौरान कुछ दरारों को सीमेंट से भरा गया था. वहीं जल निकासी पाइप भी लगाई गई थीं. इस सब में 250 मिलियन युआन की लागत आई थी.

इसके बाद एक बार फिर 2007 में भी क्षति निर्माण कार्य किया गया था. मूर्ति को ये क्षति मौसम की मार और अम्ल वर्षा के चलते हुई थी.

भारत में जन्मे बुद्ध धर्म को मानने वाले लोगों की चीन में भी काफी बड़ी संख्या है.

बीजिंग: चीन में प्रसिद्ध-प्राचीन गौतम बुद्ध मूर्ति का नवीनीकरण पूर्ण हो गया है. यह दुनिया की सबसे ऊंची बुद्ध मूर्ति मानी जाती है. इसकी ऊंचाई 71 मीटर है. इसकी मरम्मत योजना के अंतर्गत इसे छह महीने के लिए प्रक्षणाधीन रखा गया था. यह बुद्ध मूर्ति दक्षिण-पश्चिम चीन के शिचुआन प्रांत में स्थित है. निगरानी काल पूर्ण होने के बाद इसे एक बार फिर से पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है.

इस मूर्ति का निर्माण करने में 90 साल की अवधि लगी थी. इसको मूर्तिकारों ने लेशान पर्वत की चट्टानों पर नक्काशी कर के बनाया था. यह प्रतिमा इतनी विशाल है कि इससे तीन नदियों के मिलनबिंदु को देखा जा सकता है. मूर्ति का निर्माण कार्य तांग राजवंश (618-907) के दौरान वर्ष 713 में शुरू हुआ था.

लेसहान बुद्ध सुरम्य क्षेत्र की प्रबंध समिति की ओर से जारी बयान के अनुसार लेसहान शहर के बाहर बनी इस प्रतिमा में दरारें आ गईं थी और प्रतिमा का कुछ भाग क्षतिग्रस्त हो गया था.

प्रतिमा के पुनरूद्धार के लिए अक्टूबर में काम शुरू किया गया. छह माह तक चले निरीक्षण कार्य के दौरान प्रतिमा को पूरी तरह से अथवा आंशिक रूप से ढक दिया गया था.

सरकारी समाचार समिति शिन्हुआ ने बताया कि निरीक्षण कार्य के दौरान ड्रोन से हवाई सर्वेक्षण, थ्री डी लेजर स्कैनिंग जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया गया.

विश्व धरोहर का दर्जा प्राप्त इस प्रतिमा का पहले भी पुनरूद्धार किया जा चुका है. इस बात की जानकारी एक सरकारी एजेंसी ने दी है.

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2001 में इस मूर्ति की साफ-सफाई के लिए काम शुरू किया गया था. उस दौरान कुछ दरारों को सीमेंट से भरा गया था. वहीं जल निकासी पाइप भी लगाई गई थीं. इस सब में 250 मिलियन युआन की लागत आई थी.

इसके बाद एक बार फिर 2007 में भी क्षति निर्माण कार्य किया गया था. मूर्ति को ये क्षति मौसम की मार और अम्ल वर्षा के चलते हुई थी.

भारत में जन्मे बुद्ध धर्म को मानने वाले लोगों की चीन में भी काफी बड़ी संख्या है.

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CHINA-STATUE
World's biggest Buddha statue in China reopens to tourists after 6-month examination
By K J M Varma
         Beijing, Apr 27 (PTI) A giant 71-meter Buddha statue, believed to be the world's largest, has been reopened to tourists in the southwest China's Sichuan province after undergoing a six-month examination as part of its repair plan.
         Carved into a cliff in Leshan Mountain and overlooking three converging rivers, the statue was built over a 90-year period starting in the year 713 during the Tang Dynasty (618-907).
         Buddhism, which emanated from India remained a dominant religion in China.
         The statue, which sits outside the city of Leshan, had developed cracks and some damage on its chest and abdomen, according to the management committee of the Leshan Buddha scenic area.
          It was reopened to tourists on Friday after a six-month examination which started in October and ended in March. During the examination, the main body of the statue was completely or partially covered.
         The examination involved the use of cutting-edge technology such as a drone aerial survey, 3D laser scanning and high-density resistivity methods, state run Xinhua news agency reported.
         The United Nations Educational, Scientific and Cultural Organization-listed world cultural heritage statue has undergone several repairs and checks, the report said.
         In 2001, a project was conducted to clean the body, cement rock structures, mend cracks and install drainage pipes, which cost 250 million yuan (USD 37.1 million).
         In 2007, the statue received another facelift to repair damage caused by weathering and acid rain. PTI KJV
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