बीजिंग: चीन में प्रसिद्ध-प्राचीन गौतम बुद्ध मूर्ति का नवीनीकरण पूर्ण हो गया है. यह दुनिया की सबसे ऊंची बुद्ध मूर्ति मानी जाती है. इसकी ऊंचाई 71 मीटर है. इसकी मरम्मत योजना के अंतर्गत इसे छह महीने के लिए प्रक्षणाधीन रखा गया था. यह बुद्ध मूर्ति दक्षिण-पश्चिम चीन के शिचुआन प्रांत में स्थित है. निगरानी काल पूर्ण होने के बाद इसे एक बार फिर से पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है.
इस मूर्ति का निर्माण करने में 90 साल की अवधि लगी थी. इसको मूर्तिकारों ने लेशान पर्वत की चट्टानों पर नक्काशी कर के बनाया था. यह प्रतिमा इतनी विशाल है कि इससे तीन नदियों के मिलनबिंदु को देखा जा सकता है. मूर्ति का निर्माण कार्य तांग राजवंश (618-907) के दौरान वर्ष 713 में शुरू हुआ था.
लेसहान बुद्ध सुरम्य क्षेत्र की प्रबंध समिति की ओर से जारी बयान के अनुसार लेसहान शहर के बाहर बनी इस प्रतिमा में दरारें आ गईं थी और प्रतिमा का कुछ भाग क्षतिग्रस्त हो गया था.
प्रतिमा के पुनरूद्धार के लिए अक्टूबर में काम शुरू किया गया. छह माह तक चले निरीक्षण कार्य के दौरान प्रतिमा को पूरी तरह से अथवा आंशिक रूप से ढक दिया गया था.
सरकारी समाचार समिति शिन्हुआ ने बताया कि निरीक्षण कार्य के दौरान ड्रोन से हवाई सर्वेक्षण, थ्री डी लेजर स्कैनिंग जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया गया.
विश्व धरोहर का दर्जा प्राप्त इस प्रतिमा का पहले भी पुनरूद्धार किया जा चुका है. इस बात की जानकारी एक सरकारी एजेंसी ने दी है.
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2001 में इस मूर्ति की साफ-सफाई के लिए काम शुरू किया गया था. उस दौरान कुछ दरारों को सीमेंट से भरा गया था. वहीं जल निकासी पाइप भी लगाई गई थीं. इस सब में 250 मिलियन युआन की लागत आई थी.
इसके बाद एक बार फिर 2007 में भी क्षति निर्माण कार्य किया गया था. मूर्ति को ये क्षति मौसम की मार और अम्ल वर्षा के चलते हुई थी.
भारत में जन्मे बुद्ध धर्म को मानने वाले लोगों की चीन में भी काफी बड़ी संख्या है.