काबुल : अफगानिस्तान में 20 साल की लड़ाई के आखिरी पलों को थके हुए तालिबान लड़ाकों ने रात आसमान पर नजर रखते हुए बिताया जिससे संकेत मिल सके कि अमेरिका काबुल से पूरी तरह वापसी कर चुका है. अमेरिकी जनरलों ने भी दूर से इसी मकसद से वीडियो स्क्रीन पर नजर गढ़ाये रखी.
अमेरिका के आखिरी विमान के उड़ान भरने के साथ यह जंग समाप्त हो गई.
अब जो लोग फंस गये हैं उन्हें अब भविष्य को लेकर डर है. यह डर तालिबान की क्रूरता और महिलाओं के दमन के इतिहास को लेकर है. दुनियाभर में हजारों अमेरिकी अधिकारी तथा स्वयंसेवी अफगान शरणार्थियों की मदद में लगे हैं, लेकिन अब भी शांति नहीं है.
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काबुल में एपी के संवाददाताओं ने जो देखा और लोगों ने साक्षात्कारों में जो बताया उससे यही निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि जंग क्रूरता, लंबे समय तक की वेदनाओं के साथ समाप्त हुई.
दो दशकों से दोनों तरफ के लोगों का एक ही मकसद था. अमेरिका और तालिबान दोनों ही चाहते थे कि अमेरिका अफगानिस्तान से बाहर हो जाए. दोनों ही पक्षों के लिए आखिर के 24 घंटे बड़े महत्व वाले थे.
(एपी)