मॉस्को : मध्य एशियाई देश किर्गिस्तान के नए राष्ट्रपति के रूप में राष्ट्रवादी राजनेता सादिर जापारोव निर्वाचित हुए हैं. रविवार को हुए चुनाव में न केवल उन्हें भारी जीत मिली है, बल्कि राष्ट्रपति को और शक्तियां देने के लिए संविधान में बदलाव के जनमत संग्रह को भी मंजूरी मिल गई है.
पिछले साल अक्टूबर में किर्गिस्तान के राष्ट्रपति सूरोनबई जीनबेकोव के सत्ता से हटने के बाद देश में चुनाव हुए हैं. सूरोनबई को पद से हटाने के लिए हुए आंदोलनों के समय जापारोव जेल से रिहा हुए थे.
देश में विवादित संसदीय चुनाव के बाद से ही गतिरोध चल रहा था, उस चुनाव में सरकार समर्थित पार्टियों की जीत हुई थी. विपक्षी पार्टियों ने मतों के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए राष्ट्रपति सूरोनबई जीनबेकोव को 15 अक्टूबर को पद से हटने पर मजबूर कर दिया था.
जापारोव एक क्षेत्रीय गर्वनर के अपहरण के मामले में दोषी करार दिए गए थे, जिसके बाद उन्हें 2017 में जेल की सजा हुई थी.
जापारोव ने अपनी रिहाई के तत्काल बाद राष्ट्रपति सूरोनबाय जीनबेकोव को पद से हटाने के लिए समर्थकों को एकजुट किया और देश के अंतरिम नेता के तौर पर सत्ता संभाली.
रविवार को हुए चुनाव के साथ ही हुए एक जनमत संग्रह में 81 प्रतिशत मतदाताओं ने राष्ट्रपति पद की शक्तियां मजबूत करने का समर्थन किया. जापारोव ने सोमवार को कहा कि प्रासंगिक संवैधानिक बदलावों का मसौदा तैयार करने पर आगे बढ़ेंगे, जिसके कुछ महीने में एक अन्य जनमत संग्रह से अनुमोदन कराया जाएगा.
जापारोव के 16 प्रतिद्वंद्वियों में से एक अदाखन मादुमारोव ने उनकी जीत स्वीकार करने से इनकार कर दिया और दावा किया कि मतदान में धांधली की गई.
मतदान के बाद जापारोव ने प्रतिबद्धता जताई कि रूस देश का मुख्य रणनीतिक साझेदार रहेगा. वहीं, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने जापारोव को चुनाव में जीत की बधाई दी.
बता दें कि किर्गिस्तान सोवियत संघ के विघटन के बाद अलग देश बना था.