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J-K में आर्टिकल 370 : चीन की पहल पर UNSC बैठक, ना'पाक' मंसूबे फेल - unsc meeting on 370 revocation from kashmir

भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने पर UNSC ने बंद कमरे में एक बैठक बुलाई. यह बैठक पाक के सहयोगी चीन के अनुरोध पर की जा रही है. जानें क्या है पूरा मामला

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Published : Aug 16, 2019, 10:54 PM IST

Updated : Sep 27, 2019, 5:57 AM IST

वाशिंगटन : भारत द्वारा जम्मू कश्मीर से विशेष दर्जा वापस लिये जाने के मुद्दे पर शुक्रवार को बंद कमरे में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की बैठक हुई. पाकिस्तान के करीबी सहयोगी चीन ने परिषद में 'बंद कमरे में विचार-विमर्श' करने के लिए कहा था.

बता दें कि चीन UNSC का स्थायी सदस्य है. इससे पहले भी वह कई मौकों पर भारत के खिलाफ वीटो का इस्तेमाल करता रहा है. हालांकि, सूत्रों के मुताबिक इस बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में चीन-पाकिस्तान की कोशिश विफल हो गई है. दोनों ने जम्मू-कश्मीर पर किए गए भारत के फैसले को रोकने (censure) की कोशिश की थी.

संयुक्त राष्ट्र के एक राजनयिक ने बताया था कि चीन ने सुरक्षा परिषद की कार्यसूची में शामिल 'भारत पाकिस्तान प्रश्न' पर बंद कमरे में विचार-विमर्श करने के लिए कहा था.

राजनयिक ने कहा, 'यह अनुरोध सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष को पाकिस्तान के पत्र के संदर्भ में था.'

परिषद की कार्यावली में कहा गया है 'भारत/पाकिस्तान पर सुरक्षा परिषद का विचार विमर्श (बंद कमरे में) प्रात: दस बजे सूचीबद्ध है.'

उल्लेखनीय है कि बंद कमरे में बैठकों का ब्यौरा सार्वजनिक नहीं होता और इसमें बयानों का शब्दश: रिकॉर्ड नहीं रखा जाता. विचार-विमर्श सुरक्षा परिषद के सदस्यों की अनौपचारिक बैठकें होती हैं.

संयुक्त राष्ट्र के रिकॉर्ड के मुताबिक, आखिरी बार सुरक्षा परिषद ने 1964-65 में 'भारत-पाकिस्तान प्रश्न' के एजेंडा के तहत जम्मू कश्मीर के क्षेत्र को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद पर चर्चा की थी.

हाल में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा था कि उनके देश ने, जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के भारत के फैसले पर चर्चा के लिए सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाने की औपचारिक मांग की थी.

बता दें की 5 अगस्त को, भारत ने जम्मू और कश्मीर के लिए विशेष दर्जा हटाते हुए संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द कर दिया, और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों - जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया.

भारत के फैसले पर प्रतिक्रिया करते हुए, पाकिस्तान ने नई दिल्ली के साथ राजनयिक संबंधों को डाउनग्रेड करने का फैसला करने के बाद भारतीय उच्चायुक्त को निष्कासित कर दिया.

भारत ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को स्पष्ट रूप से कहा है कि जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द करने का उसका कदम एक आंतरिक मामला था और उसने पाकिस्तान को वास्तविकता स्वीकार करने की सलाह दी है.

पढ़ें-कश्मीर मुद्दाः चीन ने UNSC से 'बंद कमरे' में बैठक बुलाने की मांग की

रूस के उप स्थायी प्रतिनिधि दिमित्री पोलांस्की ने बैठक कक्ष में प्रवेश करने से पहले संवाददाताओं से कहा कि मास्को का विचार है कि यह भारत और पाकिस्तान के बीच एक "द्विपक्षीय मुद्दा" है.

उन्होने बताया की यह मिटींग मामले को समझने के लिए की जा रही है,बंद परामर्श इसी कारण होता है. साथ ही उन्होने कहा की यह भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मुद्दा है.

आप हमारी स्थिति जानते हैंऔर उसमें कोइ बदलाव नहीं है,आज हमने बंद कमरे में बैठक की और हम सिर्फ राय का आदान-प्रदान करेंगे और देखेंगे कि इस मुद्दे पर हम क्या कर सकते हैं और क्या नहीं कर सकते हैं.यह एक सामान्य प्रक्रिया है.

यह पूछे जाने पर कि क्या रूस भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण स्थिति पर चिंतित था, पोलांस्की ने कहा, "हम बहुत चिंतित हैं. हम इससे बचने की उम्मीद करते हैं.

यह पूछे जाने पर कि क्या परिषद एक उपयोगी भूमिका निभा सकती है, उन्होंने जवाब दिया, "हमें पहले चर्चा करने की आवश्यकता है और फिर हम देखेंगे.

एक अन्य प्रश्न का उत्तर देते हुए रूसी राजनयिक ने कहा,यह एक द्विपक्षीय मुद्दा है और 'कभी भी इस तरह के मुद्दे पर दखल देना बेहतर नहीं होता है.

यह महत्वपूर्ण है कि सुरक्षा परिषद के चैंबर में हार्स शू मेज पर चर्चा नहीं हो रही है, जो बैठकों का अधिक औपचारिक प्रारूप है.

पढ़ें-UNSC आप के लिए माला लेकर नहीं खड़ा हैः शाह महमूद कुरैशी

कूटनीतिक सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान के इरादों को झटका देते हुए, परिषद ने कहा की परामर्श बंद और अनौपचारिक हैं और बैठक के बाद औपचारिक घोषणा की संभावना नहीं है.

विदेश मंत्री महमूद शाह कुरैशी ने गुरुवार को कहा कि पाकिस्तान ने औपचारिक रूप से यूएनएससी की एक आपात बैठक बुलाकर भारत के द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने पर चर्चा की मांग की है.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भारत और पाकिस्तान से "अधिकतम संयम" बरतने और जम्मू-कश्मीर की स्थिति को प्रभावित करने वाले कदम उठाने से परहेज करने का आग्रह किया है. उन्होंने शिमला समझौते पर प्रकाश डाला था जो इस मुद्दे पर किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को खारिज करता है.

UNSC को लिखे पत्र में पाकिस्तान ने अनुरोध किया था कि उसके प्रतिनिधि को संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के संबंधित प्रावधानों के अनुसार और सुरक्षा परिषद की प्रक्रिया के अनंतिम नियमों के 37 नियमों के अनुसार बैठक में भाग लेने की अनुमति दी जाए

लेकिन पाकिस्तान के इस अनुरोध को स्वीकार नहीं कीया गया.

वाशिंगटन : भारत द्वारा जम्मू कश्मीर से विशेष दर्जा वापस लिये जाने के मुद्दे पर शुक्रवार को बंद कमरे में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की बैठक हुई. पाकिस्तान के करीबी सहयोगी चीन ने परिषद में 'बंद कमरे में विचार-विमर्श' करने के लिए कहा था.

बता दें कि चीन UNSC का स्थायी सदस्य है. इससे पहले भी वह कई मौकों पर भारत के खिलाफ वीटो का इस्तेमाल करता रहा है. हालांकि, सूत्रों के मुताबिक इस बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में चीन-पाकिस्तान की कोशिश विफल हो गई है. दोनों ने जम्मू-कश्मीर पर किए गए भारत के फैसले को रोकने (censure) की कोशिश की थी.

संयुक्त राष्ट्र के एक राजनयिक ने बताया था कि चीन ने सुरक्षा परिषद की कार्यसूची में शामिल 'भारत पाकिस्तान प्रश्न' पर बंद कमरे में विचार-विमर्श करने के लिए कहा था.

राजनयिक ने कहा, 'यह अनुरोध सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष को पाकिस्तान के पत्र के संदर्भ में था.'

परिषद की कार्यावली में कहा गया है 'भारत/पाकिस्तान पर सुरक्षा परिषद का विचार विमर्श (बंद कमरे में) प्रात: दस बजे सूचीबद्ध है.'

उल्लेखनीय है कि बंद कमरे में बैठकों का ब्यौरा सार्वजनिक नहीं होता और इसमें बयानों का शब्दश: रिकॉर्ड नहीं रखा जाता. विचार-विमर्श सुरक्षा परिषद के सदस्यों की अनौपचारिक बैठकें होती हैं.

संयुक्त राष्ट्र के रिकॉर्ड के मुताबिक, आखिरी बार सुरक्षा परिषद ने 1964-65 में 'भारत-पाकिस्तान प्रश्न' के एजेंडा के तहत जम्मू कश्मीर के क्षेत्र को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद पर चर्चा की थी.

हाल में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा था कि उनके देश ने, जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के भारत के फैसले पर चर्चा के लिए सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाने की औपचारिक मांग की थी.

बता दें की 5 अगस्त को, भारत ने जम्मू और कश्मीर के लिए विशेष दर्जा हटाते हुए संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द कर दिया, और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों - जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया.

भारत के फैसले पर प्रतिक्रिया करते हुए, पाकिस्तान ने नई दिल्ली के साथ राजनयिक संबंधों को डाउनग्रेड करने का फैसला करने के बाद भारतीय उच्चायुक्त को निष्कासित कर दिया.

भारत ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को स्पष्ट रूप से कहा है कि जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द करने का उसका कदम एक आंतरिक मामला था और उसने पाकिस्तान को वास्तविकता स्वीकार करने की सलाह दी है.

पढ़ें-कश्मीर मुद्दाः चीन ने UNSC से 'बंद कमरे' में बैठक बुलाने की मांग की

रूस के उप स्थायी प्रतिनिधि दिमित्री पोलांस्की ने बैठक कक्ष में प्रवेश करने से पहले संवाददाताओं से कहा कि मास्को का विचार है कि यह भारत और पाकिस्तान के बीच एक "द्विपक्षीय मुद्दा" है.

उन्होने बताया की यह मिटींग मामले को समझने के लिए की जा रही है,बंद परामर्श इसी कारण होता है. साथ ही उन्होने कहा की यह भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मुद्दा है.

आप हमारी स्थिति जानते हैंऔर उसमें कोइ बदलाव नहीं है,आज हमने बंद कमरे में बैठक की और हम सिर्फ राय का आदान-प्रदान करेंगे और देखेंगे कि इस मुद्दे पर हम क्या कर सकते हैं और क्या नहीं कर सकते हैं.यह एक सामान्य प्रक्रिया है.

यह पूछे जाने पर कि क्या रूस भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण स्थिति पर चिंतित था, पोलांस्की ने कहा, "हम बहुत चिंतित हैं. हम इससे बचने की उम्मीद करते हैं.

यह पूछे जाने पर कि क्या परिषद एक उपयोगी भूमिका निभा सकती है, उन्होंने जवाब दिया, "हमें पहले चर्चा करने की आवश्यकता है और फिर हम देखेंगे.

एक अन्य प्रश्न का उत्तर देते हुए रूसी राजनयिक ने कहा,यह एक द्विपक्षीय मुद्दा है और 'कभी भी इस तरह के मुद्दे पर दखल देना बेहतर नहीं होता है.

यह महत्वपूर्ण है कि सुरक्षा परिषद के चैंबर में हार्स शू मेज पर चर्चा नहीं हो रही है, जो बैठकों का अधिक औपचारिक प्रारूप है.

पढ़ें-UNSC आप के लिए माला लेकर नहीं खड़ा हैः शाह महमूद कुरैशी

कूटनीतिक सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान के इरादों को झटका देते हुए, परिषद ने कहा की परामर्श बंद और अनौपचारिक हैं और बैठक के बाद औपचारिक घोषणा की संभावना नहीं है.

विदेश मंत्री महमूद शाह कुरैशी ने गुरुवार को कहा कि पाकिस्तान ने औपचारिक रूप से यूएनएससी की एक आपात बैठक बुलाकर भारत के द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने पर चर्चा की मांग की है.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भारत और पाकिस्तान से "अधिकतम संयम" बरतने और जम्मू-कश्मीर की स्थिति को प्रभावित करने वाले कदम उठाने से परहेज करने का आग्रह किया है. उन्होंने शिमला समझौते पर प्रकाश डाला था जो इस मुद्दे पर किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को खारिज करता है.

UNSC को लिखे पत्र में पाकिस्तान ने अनुरोध किया था कि उसके प्रतिनिधि को संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के संबंधित प्रावधानों के अनुसार और सुरक्षा परिषद की प्रक्रिया के अनंतिम नियमों के 37 नियमों के अनुसार बैठक में भाग लेने की अनुमति दी जाए

लेकिन पाकिस्तान के इस अनुरोध को स्वीकार नहीं कीया गया.

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PRI GEN INT
.UNITEDNATIONS FGN24
UNSC-KASHMIR-3RDLD MEETING
UNSC opens closed door meeting on India revoking special status to Jammu & Kashmir
By Yoshita Singh
(Eds: Updating with more details)
         United Nations, Aug 16 (PTI) (PTI) The UN Security Council on Friday began a rare closed door meeting to discuss India revoking the special status of Jammu and Kashmir after Pakistan, backed by its all-weather ally, China, requested "closed consultations" on the issue.
         The outcome of the UNSC meeting will not be a formal pronouncement as the consultations are informal in nature. India and Pakistan are not attending the meeting, which is open only to the five permanent members and 10 non-permanent members.
         China, a permanent member of the UNSC and close ally of Pakistan, had asked for "closed consultations" in the Council, which began its deliberations at 10 am (7:30pm IST) in the Security Council Consultations Room.
         On August 5, India revoked Article 370 of the Constitution removing special status to Jammu and Kashmir, and has also bifurcated the state into two Union Territories -- Jammu and Kashmir, and Ladakh.
         Reacting to India's decision, Pakistan expelled the Indian High Commissioner soon after deciding to downgrade diplomatic ties with New Delhi.
         India has categorically told the international community that its move to scrap Article 370 of the Constitution revoking the special status to Jammu and Kashmir was an internal matter and has also advised Pakistan to accept the reality.
         Russia's deputy permanent representative, Dimitry Polyanskiy told reporters before entering the meeting room that Moscow's view is that it is a "bilateral issue" between India and Pakistan.
         He said the meeting was being held to understand what is happening.          "That's what closed consultations are for. What does Russia think the next step should be- we favour bilateral track between india and Pakistan. You know our position. It hasn't changed. Today we have closed consultations and we will just exchange opinions and see what we can do and what we cannot do. It is a normal process."
          When asked if Russia was concerned over the tense situation between India and Pakistan, Polyanskiy said, "we are very much concerned. We hope to avoid it.
          Asked if the Council can play a useful role, he replied, "We first need to discuss and then we'll see."
          Replying to another question, he said, "sometimes it is better not to touch upon such an issue. It's a bilateral issue," the Russian diplomat said.
         It is significant that the discussions are not being held at the horse-shoe table in the Security Council Chamber, which is a more formal format for meetings.
         In a setback to Pakistan's intentions, the consultations on its letter to the Council are closed and informal and there will unlikely be a formal pronouncement after the meeting, diplomatic sources said.
         In the letter to the UNSC, Pakistan had requested that its representative be allowed to participate in the meeting, in accordance with the relevant provisions of the Charter of the United Nations and rule 37 of the provisional rules of procedure of the Security Council.
         But Pakistan's request was not allowed, the sources said.
         According to UN records, the last time "the Security Council addressed the dispute between India and Pakistan over the territories of Jammu and Kashmir" under agenda item 'The India-Pakistan question' was in 1965.
         The Council's schedule said "Security Council consultations (closed) India/Pakistan", listed for 10 am.
         Sources said since it is a consultation, any outcome is not formal pronouncement.
         A UN diplomat had told PTI that China had asked for closed consultations on the Security Council agenda item 'India Pakistan Question'.
         "The request was in reference to the Pakistani letter to Security Council President Joanna Wronecka," the diplomat said. Poland is the Security Council President for the month of August.
         The five permanent members of the UNSC are China, France, Russia, the UK and the US. The 10 non-permanent members are Belgium, Cote d'Ivoire, Dominican Republic, Equatorial Guinea, Germany, Indonesia, Kuwait, Peru, Poland and South Africa.
          UN Secretary General Antonio Guterres has urged India and Pakistan to exercise "maximum restraint" and refrain from taking steps that could affect the status of Jammu and Kashmir. He had highlighted the Simla Agreement which rejects any third-party mediation on the issue.
         Pakistan formally called for an emergency meeting of the UNSC to discuss India revoking the special status to Jammu and Kashmir, Foreign Minister Shah Mahmood Qureshi said on Thursday.
         Last Friday, Qureshi had air-dashed to Beijing for urgent consultations with the Chinese leadership on the issue of raising the Kashmir issue at the UNSC.
         During his meeting with Chinese Foreign Minister Wang Yi on Monday in Beijing, External Affairs Minister S Jaishankar conveyed that India's decision to revoke the special status of Jammu and Kashmir was an internal matter.
         He said the issue related to changes in a temporary provision of the Constitution of India and was the sole prerogative of the country.
         Jaishankar emphasised to Wang that these changes had no bearing on Pakistan as it was an internal matter.
         "It did not impact the LoC. Where India Pakistan relations are concerned, Chinese side should base its assessment on realities. India, as a responsible power, had shown restraint in face of provocative Pakistani rhetoric and actions. India has always stood for normalisation of the ties in an atmosphere free of terror," the minister said. PTI YAS AMS PMS
AKJ
08161957
NNNN
Last Updated : Sep 27, 2019, 5:57 AM IST
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