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जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने दिया पद से इस्तीफा, खराब सेहत का दिया हवाला

जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने खराब स्वास्थ्य के कारण सरकार से अलग होने का फैसला किया है. उन्होंने आज इसका एलान किया.

शिंजो
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Published : Aug 28, 2020, 11:16 AM IST

Updated : Aug 28, 2020, 3:41 PM IST

टोक्यो : जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने खराब स्वास्थ्य के कारण सरकार से अलग होने का फैसला किया है. शिंजो आबे ने औपचारिक रूप से इसका एलान किया है.

इससे पूर्व जापानी प्रधान मंत्री शिंजो आबे ने शुक्रवार को जापान के कोविड​​-19 टास्क फोर्स के साथ बैठक की . जिसमें बताया गया कि वह स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा देना चाहते हैं. बैठक के दौरान आबे ने कहा कि वह अगले साल के पहली छह महीनों तक सभी नागरिकों के लिए टीकों को सुरक्षित रखेंगे.

जापानी पीएम शिंजो आबे ने दिया इस्तीफा

आबे का राजनीतिक सफर

आबे से पहले जापान की ऐसी छवि बनी हुई थी कि यहां के प्रधानमंत्री का कार्यकाल बेहद कम होता है. आबे के पद छोड़ने से स्थिरता के इस काल की समाप्ति होगी. जापान ने आबे के शासनकाल में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ मजबूत संबंध देखे, लेकिन आबे के अति राष्ट्रवाद की नीति ने कोरिया और चीन को नाराज करने का काम किया.

आबे ने जापान को मंदी से बाहर निकाला, लेकिन देश की अर्थव्यवस्था के सामने कोरोना वायरस महामारी के बीच नया संकट पैदा हुआ है. हालांकि आबे अमेरिका द्वारा तैयार किए गए युद्ध विरोध संविधान को औपचारिक तौर पर दोबारा लिखे जाने के लक्ष्य को अपने कार्यकाल में पूरा नहीं कर सके क्योंकि जनता ने उनकी इस अभिलाषा को एक तरह से नकार दिया.

आबे को पूर्व प्रधानमंत्री और अपने दादा नोबूसुके किशी के राजनीतिक विचारों के पदचिह्नों पर चलने के लिए तैयार किया गया था. किशी का ध्यान जापान को एक ऐसा सामान्य और सुंदर देश बनाना था जिसके पास बड़ी सैन्य शक्ति हो और जो अंतरराष्ट्रीय मामलों में अहम भूमिका निभाता है.

संसद के उच्च सदन के लिए पार्टी के महासचिव हीरोशिगे सेको ने इस बात की पुष्टि की है कि आबे ने पार्टी कार्यकारी पदाधिकारियों से कहा है कि वह प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे रहे हैं.

सेको ने कहा कि आबे का कहना है कि वह परेशानी पैदा नहीं करने के लिहाज से इस्तीफा दे रहे हैं. आबे शुक्रवार शाम में संवाददाता सम्मेलन कर सकते हैं.

ग्रीष्मकाल से ही आबे के स्वास्थ्य संबंधी परेशाने को लेकर चर्चा हो रही है. और इस महीने यह चर्चा तब और तेज हो गई जब वह लगातार दो सप्ताह स्वास्थ्य जांच के लिए गए.

हालांकि इस स्वास्थ्य जांच के सबंध में कोई खास जानकारी नहीं मिली है. आबे का कार्यकाल सितंबर, 2021 में खत्म होगा और ऐसी उम्मीद है कि जब तक पार्टी इस पद के लिए एक नया नेता नहीं चुन लेती है और संसद से औपचारिक मंजूरी नहीं मिल जाती है तब तक आबे पद पर बने रहेंगे.

पढ़ें : भारत और जापान के करार किसी तीसरे देश के खिलाफ नहीं : विशेषज्ञ

आबे 2006 में 52 साल की उम्र में जापान के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री बने थे लेकिन एक साल बाद ही स्वास्थ्य संबंधी कारणों की वजह से वह पद से हट गए.

इसके बाद दिसंबर, 2012 में आबे सत्ता में लौटे. आबे ने जापान के इतिहास में लगातार सबसे ज्यादा समय तक प्रधानमंत्री रहने का इतिहास सोमवार को बना लिया. इससे पहले 2,798 दिनों तक पद पर रहने का रिकॉर्ड इसाकु सातो के नाम था.

टोक्यो : जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने खराब स्वास्थ्य के कारण सरकार से अलग होने का फैसला किया है. शिंजो आबे ने औपचारिक रूप से इसका एलान किया है.

इससे पूर्व जापानी प्रधान मंत्री शिंजो आबे ने शुक्रवार को जापान के कोविड​​-19 टास्क फोर्स के साथ बैठक की . जिसमें बताया गया कि वह स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा देना चाहते हैं. बैठक के दौरान आबे ने कहा कि वह अगले साल के पहली छह महीनों तक सभी नागरिकों के लिए टीकों को सुरक्षित रखेंगे.

जापानी पीएम शिंजो आबे ने दिया इस्तीफा

आबे का राजनीतिक सफर

आबे से पहले जापान की ऐसी छवि बनी हुई थी कि यहां के प्रधानमंत्री का कार्यकाल बेहद कम होता है. आबे के पद छोड़ने से स्थिरता के इस काल की समाप्ति होगी. जापान ने आबे के शासनकाल में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ मजबूत संबंध देखे, लेकिन आबे के अति राष्ट्रवाद की नीति ने कोरिया और चीन को नाराज करने का काम किया.

आबे ने जापान को मंदी से बाहर निकाला, लेकिन देश की अर्थव्यवस्था के सामने कोरोना वायरस महामारी के बीच नया संकट पैदा हुआ है. हालांकि आबे अमेरिका द्वारा तैयार किए गए युद्ध विरोध संविधान को औपचारिक तौर पर दोबारा लिखे जाने के लक्ष्य को अपने कार्यकाल में पूरा नहीं कर सके क्योंकि जनता ने उनकी इस अभिलाषा को एक तरह से नकार दिया.

आबे को पूर्व प्रधानमंत्री और अपने दादा नोबूसुके किशी के राजनीतिक विचारों के पदचिह्नों पर चलने के लिए तैयार किया गया था. किशी का ध्यान जापान को एक ऐसा सामान्य और सुंदर देश बनाना था जिसके पास बड़ी सैन्य शक्ति हो और जो अंतरराष्ट्रीय मामलों में अहम भूमिका निभाता है.

संसद के उच्च सदन के लिए पार्टी के महासचिव हीरोशिगे सेको ने इस बात की पुष्टि की है कि आबे ने पार्टी कार्यकारी पदाधिकारियों से कहा है कि वह प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे रहे हैं.

सेको ने कहा कि आबे का कहना है कि वह परेशानी पैदा नहीं करने के लिहाज से इस्तीफा दे रहे हैं. आबे शुक्रवार शाम में संवाददाता सम्मेलन कर सकते हैं.

ग्रीष्मकाल से ही आबे के स्वास्थ्य संबंधी परेशाने को लेकर चर्चा हो रही है. और इस महीने यह चर्चा तब और तेज हो गई जब वह लगातार दो सप्ताह स्वास्थ्य जांच के लिए गए.

हालांकि इस स्वास्थ्य जांच के सबंध में कोई खास जानकारी नहीं मिली है. आबे का कार्यकाल सितंबर, 2021 में खत्म होगा और ऐसी उम्मीद है कि जब तक पार्टी इस पद के लिए एक नया नेता नहीं चुन लेती है और संसद से औपचारिक मंजूरी नहीं मिल जाती है तब तक आबे पद पर बने रहेंगे.

पढ़ें : भारत और जापान के करार किसी तीसरे देश के खिलाफ नहीं : विशेषज्ञ

आबे 2006 में 52 साल की उम्र में जापान के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री बने थे लेकिन एक साल बाद ही स्वास्थ्य संबंधी कारणों की वजह से वह पद से हट गए.

इसके बाद दिसंबर, 2012 में आबे सत्ता में लौटे. आबे ने जापान के इतिहास में लगातार सबसे ज्यादा समय तक प्रधानमंत्री रहने का इतिहास सोमवार को बना लिया. इससे पहले 2,798 दिनों तक पद पर रहने का रिकॉर्ड इसाकु सातो के नाम था.

Last Updated : Aug 28, 2020, 3:41 PM IST
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