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जानें क्या है जापान की 'काली बारिश', जिसके पीड़ितों को मिली मान्यता - Massive destruction due to nuclear attack in Japan

जापान की एक अदालत ने हिरोशिमा में 1945 में अमेरिका के परमाणु बम हमले के बाद हुई रेडियोधर्मी 'काली बारिश' के पीड़ितों को पहली बार मान्यता दी है. पढ़ें विस्तार से...

हिरोशिमा परमाणु बम हमले
हिरोशिमा परमाणु बम हमले
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Published : Jul 29, 2020, 10:28 PM IST

तोक्यो : जापान की एक अदालत ने हिरोशिमा में 1945 में अमेरिका के परमाणु बम हमले के बाद हुई रेडियोधर्मी 'काली बारिश' के पीड़ितों को पहली बार मान्यता दी है. अदालत ने सरकार को बम हमले के दूसरे पीड़ितों की तरह ही उन्हें भी सरकारी चिकित्सा सुविधा का लाभ देने का निर्देश दिया है.

हिरोशिमा जिला अदालत ने कहा कि सरकार द्वारा चिन्हित इलाके से बाहर रहने वाले 84 शिकायतकर्ता भी विकिरण से प्रभावित हुए थे. इस वजह से वे बीमार पड़ गए और उन्हें भी परमाणु बम हमले के पीड़ित के तौर पर मान्यता मिलनी चाहिए. ज्यादातर याचिकाकर्ताओं की उम्र 70 साल से अधिक हो चुकी है और उनमें से कुछ 90 साल के बुजुर्ग हैं. शहर में अमेरिकी बमबारी के 75 साल पूरे होने के कुछ दिन पहले यह फैसला आया है.

देखें वीडियो

यह भी पढ़ेंः जानें क्या है डार्क बेव, ड्रग्स की आपराधिक दुनिया का हो रहा विस्तार

अमेरिका ने छह अगस्त 1945 को हिरोशिमा पर पहला परमाणु बम गिराया था जिसमें करीब 1,40,000 लोगों की मौत हो गयी थी और पूरा शहर तबाह हो गया था. याचिकाकर्ता बम हमले की जद में आए स्थान के उत्तर-पश्चिमी इलाके में रहते थे.

बम गिराए जाने के बाद हुई रेडियोधर्मी 'काली बारिश' से ये लोग बीमार हो गए थे. कुछ लोग कैंसर से ग्रस्त हो गए तो कुछ की आंखों की रोशनी चली गयी. शहर की जमीन और पानी भी विकिरण से दूषित हो गया था.

तोक्यो : जापान की एक अदालत ने हिरोशिमा में 1945 में अमेरिका के परमाणु बम हमले के बाद हुई रेडियोधर्मी 'काली बारिश' के पीड़ितों को पहली बार मान्यता दी है. अदालत ने सरकार को बम हमले के दूसरे पीड़ितों की तरह ही उन्हें भी सरकारी चिकित्सा सुविधा का लाभ देने का निर्देश दिया है.

हिरोशिमा जिला अदालत ने कहा कि सरकार द्वारा चिन्हित इलाके से बाहर रहने वाले 84 शिकायतकर्ता भी विकिरण से प्रभावित हुए थे. इस वजह से वे बीमार पड़ गए और उन्हें भी परमाणु बम हमले के पीड़ित के तौर पर मान्यता मिलनी चाहिए. ज्यादातर याचिकाकर्ताओं की उम्र 70 साल से अधिक हो चुकी है और उनमें से कुछ 90 साल के बुजुर्ग हैं. शहर में अमेरिकी बमबारी के 75 साल पूरे होने के कुछ दिन पहले यह फैसला आया है.

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अमेरिका ने छह अगस्त 1945 को हिरोशिमा पर पहला परमाणु बम गिराया था जिसमें करीब 1,40,000 लोगों की मौत हो गयी थी और पूरा शहर तबाह हो गया था. याचिकाकर्ता बम हमले की जद में आए स्थान के उत्तर-पश्चिमी इलाके में रहते थे.

बम गिराए जाने के बाद हुई रेडियोधर्मी 'काली बारिश' से ये लोग बीमार हो गए थे. कुछ लोग कैंसर से ग्रस्त हो गए तो कुछ की आंखों की रोशनी चली गयी. शहर की जमीन और पानी भी विकिरण से दूषित हो गया था.

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