बेरूत : अफगानिस्तान में राष्ट्रपति के महल के पास सोमवार को हुए हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट (आईएस) जिहादी समूह ने ली है.
इस्लामिक स्टेट ने अपने सोशल मीडिया चैनलों के माध्यम से एक वक्तव्य जारी कर कहा कि अत्याचारी अशरफ गनी के शपथ ग्रहण के दौरान खिलाफत के सिपाहियों ने काबुल में राष्ट्रपति के महल के पास दस विस्फोट किए.
बता दें कि अशरफ गनी ने सोमवार को दूसरी बार राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली. उनके प्रतिद्वंद्वी अब्दुल्ला ने गनी के शपथ ग्रहण समारोह को चुनौती दी थी. अब्दुल्ला ने भी खुद को राष्ट्रपति घोषित कर दिया.
एक ही समय पर दो अलग-अलग समारोह आयोजित किए गए. एक समारोह राष्ट्रपति भवन में गनी के लिए आयोजित किया गया वहीं पास में ही स्थिति सापेदार पैलेस में अब्दुल्ला ने शपथ ली. दोनों के समर्थक भी बड़ी संख्या में अपने अपने चहेते नेता के शपथ ग्रहण के लिए जुटे.
गनी के समारोह में अमेरिका के शांति दूत जलमाय खलीलजाद, अफगानिस्तान में अमेरिकी बलों के प्रमुख जनरल ऑस्टिन एस मिलर के साथ अमेरिकी दूतावास के चार्ज डिअफेयर्स समेत बड़ी संख्या में विदेशी मेहमान और संयुक्त राष्ट्र महासभा के अफगानिस्तान में निजी प्रतिनिधि तादामिची यामामोतो के शामिल होने से उन्हें अंतरराष्ट्रीय समर्थन की पुष्टि हुई. इसका प्रसारण सरकारी टीवी पर किया गया.
निजी टोलो टीवी पर प्रसारित अब्दुल्ला के शपथ ग्रहण में तथाकथित जिहादी कमांडर भी उपस्थित थे. इनमें वे भी थे जिन्होंने 2001 में तालिबान को खदेड़ने के लिए अमेरिकी नीत गठबंधन के साथ हाथ मिलाया था.
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पिछले साल के राष्ट्रपति चुनाव में शीर्ष दो उम्मीदवारों के बीच विवाद है कि वास्तव में जीत किसने हासिल की. इससे ऐसा प्रतीत होता है कि अफगान सरकार अपने को एकजुट पेश करने में असमर्थ रहा है.
जब अमेरिका और तालिबान ने समझौते पर हस्ताक्षर किए तो वादा किया गया था कि अफगान लोग अपने देश के भविष्य के लिए एक रोड मैप तैयार करने के लिए आपस में बातचीत करेंगे.