तेहरान: ईरान और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है. ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड ने अमेरिका के एक जासूसी विमान को मार गिराया है. अमेरिका ने इसकी पुष्टि भी कर दी है. इस घटना के बाद ईरान ने जंग को लेकर तैयार रहने की बात कही है. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने ट्विटर पर लिखा है कि ईरान ने बहुत बड़ी गलती की है.
ईरान के सशस्त्र बल 'रिवोल्यूशनरी गार्ड' ने गुरुवार को हर्मुज जलसंधि के पास अपने हवाई क्षेत्र में एक अमेरिकी जासूसी विमान को मार गिराया है. सामरिक महत्व के इस समुद्री मार्ग में तनाव बढ़ाने वाली यह ताजा घटना है.
अमेरिका के रक्षा मंत्रालय मुख्यालय पेंटागन ने इस बात की पुष्टि की है कि ईरानी सैन्य बलों ने अमेरिकी नौसेना के एक निगरानी ड्रोन को मार गिराया है. साथ ही यह भी कहा कि यह अंतराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में था, ना कि ईरान के हवाई क्षेत्र में.
अमेरिकी मध्य कमान के प्रवक्ता एवं नौसेना कैप्टन बिल अर्बन ने एक बयान में कहा बीएएमएस ड्रोन को एक ईरानी मिसाइल ने उस वक्त मार गिराया, जब यह होर्मुज जलसंधि के ऊपर अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में था.
उन्होंने कहा कि विमान के ईरान के हवाई क्षेत्र में होने की ईरानी रिपोर्ट झूठी है.
इससे पहले, रिवोल्यूशनरी गार्ड ने एक बयान में कहा कि अमेरिका निर्मित ग्लोबल हॉक निगरानी ड्रोन विमान को एक मिसाइल से निशाना बनाया गया. उस पर यह हमला उस वक्त किया गया, जब वह होरमोजगन प्रांत के जल क्षेत्र के ऊपर था.
ईरानी सेना ने ड्रोन की तस्वीरें अभी प्रकाशित नहीं की है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के इस ट्राइटन ड्रोन को रूस का एस-300 सिस्टम मार गिराने की क्षमता रखता है. और ईरान के पास यह सिस्टम उपलब्ध है. इसके पास 56 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ने की क्षमता है. यह लगातार 30 घंटे तक आसमान में रह सकता है. अमेरिका ने पिछले साल इसे अपने नेवी में शामिल किया था. ऐसे ही कई और ड्रोन अमेरिका शामिल करने की तैयारी कर रहा है.
इस ड्रोन के सेंसर काफी पावरफुल हैं. यह काफी साफ तस्वीर खींचता है. इसकी रफ्तार 368 मील प्रति घंटे तक है.
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उल्लेखनीय है कि होरमोजगन प्रांत के जल क्षेत्र में करीब हफ्ते भर पहले दो टैंकरों पर हमला हुआ था और अमेरिका ने इस हमले के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया था. इस घटना से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ रहा है. हालांकि, ईरान ने इसमें अपनी किसी तरह की संलिप्तता से इनकार किया है.
ईरान ने संकेत दिया है कि अमेरिका ने ही यह हमला (जहाजों पर) कराया होगा. ताकि इसके बहाने इस्लामी गणराज्य (ईरान) के खिलाफ बल प्रयोग किया जा सके.
तसनीम समाचार एजेंसी ने रिवोल्यूशनरी गार्ड प्रमुख हुसैन सलामी के हवाले से बताया कि ड्रोन विमान को गिराना ईरान की सीमाओं की हिफाजत करने वालों की ओर से एक स्पष्ट संदेश है.
सलामी ने कहा, 'हम यह घोषणा करते हैं कि हम युद्ध नहीं चाहते हैं लेकिन हम युद्ध की किसी भी घोषणा का जवाब देने के लिए तैयार हैं.'
गौरतलब है कि 2015 के ऐतिहासिक परमाणु करार से पिछले साल मई में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हटने की घोषणा के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है.