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अमेरिका सम्मान दर्शाए, नियमों का पालन करे तो ईरान कर सकता है बातचीत

परमाणु समझौते से अलग हो कर अमेरिका ने ईरान पर आर्थिक प्रतिबंध लगा दिया था. इसके बाद ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने संकेत दिया है कि अगर अमेरिका सम्मान दर्शाता है और अंतर्राष्ट्रीय नियमों का पालन करता है, तो ईरान वार्ता करने के लिए सहमत हो सकता है. किसी भी जबरन बातचीत के लिए ईरान तैयार नहीं होगा.

ट्रंप और रूहानी (फाइल फोटो)
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Published : Jun 2, 2019, 2:19 PM IST

तेहरान: ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने साफ कर दिया है कि वो अमेरिका से डरने वाला नहीं है. किसी दबाव के चलते ईरान कोई बात नहीं करेगा. ईरान का कहना है कि अमेरिका सम्मान दर्शाता है और अंतर्राष्ट्रीय नियमों का पालन करता है, तो ईरान वार्ता करने के लिए सहमत हो सकता है.

ईरान परमाणु समझौते से अमेरिका के अलग होने को तेहरान अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन बताते हुए इसकी निंदा करता रहा है.

इतना ही नहीं अमेरिका द्वारा ईरान पर लगाए गए प्रतिबंध की निंदा करते हुए उन्होंने कहा है कि अमेरिका ईरान पर प्रतिबंध लगाकर इस्लामिक गणतंत्र को नए समझौते के लिए मजबूर करने की कोशिश कर रहा है.

ईरानी समाचार एजेंसी द फार्स के मुताबिक, रूहानी ने शनिवार को कहा 'अगर दूसरा पक्ष बातचीत की मेज पर सम्मान दर्शाता है और अंतर्राष्ट्रीय नियमों का पालन करता है तो हम (दूसरे पक्ष से) तर्कसंगत बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन अगर बातचीत का आदेश जारी किया जाता तो हमें यह स्वीकार नहीं है.'

पढ़ें- चीन का आरोप, आर्थिक आतंकवाद फैला रहा है अमेरिका

बता दें कि पिछले साल अमेरिका ने ईरान के साथ बहुपक्षीय परमाणु समझौते पर अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनाल्ड ट्रंप ने निशाना साधते हुए इसे भयानक और एक तरफा करार दिया था और खुद को परमाणु समझौते से अलग कर लिया था.

इसके बाद ट्रंप ने ईरान पर प्रतिबंध लगा दिया. हालांकि अमेरिका के इस फैसले की ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी समेत कई देशों ने निंदा की थी.

तेहरान: ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने साफ कर दिया है कि वो अमेरिका से डरने वाला नहीं है. किसी दबाव के चलते ईरान कोई बात नहीं करेगा. ईरान का कहना है कि अमेरिका सम्मान दर्शाता है और अंतर्राष्ट्रीय नियमों का पालन करता है, तो ईरान वार्ता करने के लिए सहमत हो सकता है.

ईरान परमाणु समझौते से अमेरिका के अलग होने को तेहरान अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन बताते हुए इसकी निंदा करता रहा है.

इतना ही नहीं अमेरिका द्वारा ईरान पर लगाए गए प्रतिबंध की निंदा करते हुए उन्होंने कहा है कि अमेरिका ईरान पर प्रतिबंध लगाकर इस्लामिक गणतंत्र को नए समझौते के लिए मजबूर करने की कोशिश कर रहा है.

ईरानी समाचार एजेंसी द फार्स के मुताबिक, रूहानी ने शनिवार को कहा 'अगर दूसरा पक्ष बातचीत की मेज पर सम्मान दर्शाता है और अंतर्राष्ट्रीय नियमों का पालन करता है तो हम (दूसरे पक्ष से) तर्कसंगत बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन अगर बातचीत का आदेश जारी किया जाता तो हमें यह स्वीकार नहीं है.'

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बता दें कि पिछले साल अमेरिका ने ईरान के साथ बहुपक्षीय परमाणु समझौते पर अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनाल्ड ट्रंप ने निशाना साधते हुए इसे भयानक और एक तरफा करार दिया था और खुद को परमाणु समझौते से अलग कर लिया था.

इसके बाद ट्रंप ने ईरान पर प्रतिबंध लगा दिया. हालांकि अमेरिका के इस फैसले की ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी समेत कई देशों ने निंदा की थी.

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