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ईरान ने परमाणु प्रतिष्ठानों के निरीक्षण पर रोक लगाना शुरू किया - ईरान ने रोक लगाना शुरू किया

ईरान ने अपने परमाणु प्रतिष्ठानों के अंतरराष्ट्रीय निरीक्षण पर रोक लगाना शुरू कर दिया है. इसका उद्देश्य अमेरिका पर प्रतिबंध हटाने तथा 2015 के परमाणु समझौते की बहाली के लिए दबाव बनाना भी है.

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Published : Feb 23, 2021, 7:08 PM IST

तेहरान : ईरान ने अपने परमाणु प्रतिष्ठानों के अंतरराष्ट्रीय निरीक्षण पर रोक लगाना आधिकारिक रूप से शुरू कर दिया है. ईरान के सरकारी मीडिया ने मंगलवार को इस बारे में खबर प्रसारित की.

ईरान के इस कदम का उद्देश्य यूरोपीय देशों और अमेरिका (बाइडेन प्रशासन) पर आर्थिक प्रतिबंध हटाने तथा 2015 के परमाणु समझौते को बहाल करने के लिए दबाव बनाना है.

सरकारी टीवी पर प्रसारित खबर में कहा गया है कि ईरान ने अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के निरीक्षकों के साथ सहयोग घटाने की अपनी धमकी के बाद ठोस कदम उठाए हैं.

पढ़ें : सऊदी अरब के पूर्व तेल मंत्री अहमद जकी यमनी का निधन

ईरान ने कहा है कि उसकी योजना 'अतिरिक्त प्रोटोकॉल' के क्रियान्वयन को रोकना है, जो ऐतिहासिक परमाणु समझौता के तहत तेहरान और आईएईए के बीच हुआ था. यह प्रावधान संयुक्त राष्ट्र के निरीक्षकों को ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों और परमाणु कार्यक्रमों का मुआयना करने की कहीं अधिक शक्तियां प्रदान करता है.

हालांकि, यह अस्पष्ट है कि इस पहुंच को सीमित कैसे किया जाएगा. वहीं, ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ ने कहा है कि आईएईए को परमाणु स्थलों पर निगरानी कैमरों की तस्वीरें प्राप्त करने से रोक दिया जाएगा.

ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन ने इन कैमरों की तस्वीरों या फुटेज को तीन महीने तक अपने पास रखने और उसके बाद आईएईए को तभी सौंपने का वादा किया है, जब वह प्रतिबंधों में ढील देगा.

गौरतलब है कि करीब तीन साल पहले अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तेहरान परमाणु समझौते से अमेरिका को अलग कर लिया था और ईरान पर नये सिरे से प्रतिबंध लगा दिये थे, जिससे इस खाड़ी देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई थी.

पढ़ें : सोमालिया में चुनाव कराने को लेकर राजनीतिक गतिरोध वास्तव में निराशाजनक : भारत

बाइडेन प्रशासन पर दबाव बढ़ाने के लिए ईरान ने 2015 के प्रतिबंधों का क्रमिक रूप से उल्लंघन करने की घोषणा की है. ईरान अपनी इस मांग पर अडिग है कि वह ट्रंप द्वारा लगाये गये प्रतिबंधों से कम किसी भी चीज पर राजी नहीं होगा.

बाइडेन प्रशासन 2015 के परमाणु समझौते को इसके क्रियान्वयन की पटरी पर वापस लाना चाहता है, लेकिन तेहरान से इसे अपेक्षा के अनुरूप प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है. ईरान के सख्त रुख ने आगे की राह कठिन कर दी है.

तेहरान : ईरान ने अपने परमाणु प्रतिष्ठानों के अंतरराष्ट्रीय निरीक्षण पर रोक लगाना आधिकारिक रूप से शुरू कर दिया है. ईरान के सरकारी मीडिया ने मंगलवार को इस बारे में खबर प्रसारित की.

ईरान के इस कदम का उद्देश्य यूरोपीय देशों और अमेरिका (बाइडेन प्रशासन) पर आर्थिक प्रतिबंध हटाने तथा 2015 के परमाणु समझौते को बहाल करने के लिए दबाव बनाना है.

सरकारी टीवी पर प्रसारित खबर में कहा गया है कि ईरान ने अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के निरीक्षकों के साथ सहयोग घटाने की अपनी धमकी के बाद ठोस कदम उठाए हैं.

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ईरान ने कहा है कि उसकी योजना 'अतिरिक्त प्रोटोकॉल' के क्रियान्वयन को रोकना है, जो ऐतिहासिक परमाणु समझौता के तहत तेहरान और आईएईए के बीच हुआ था. यह प्रावधान संयुक्त राष्ट्र के निरीक्षकों को ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों और परमाणु कार्यक्रमों का मुआयना करने की कहीं अधिक शक्तियां प्रदान करता है.

हालांकि, यह अस्पष्ट है कि इस पहुंच को सीमित कैसे किया जाएगा. वहीं, ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ ने कहा है कि आईएईए को परमाणु स्थलों पर निगरानी कैमरों की तस्वीरें प्राप्त करने से रोक दिया जाएगा.

ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन ने इन कैमरों की तस्वीरों या फुटेज को तीन महीने तक अपने पास रखने और उसके बाद आईएईए को तभी सौंपने का वादा किया है, जब वह प्रतिबंधों में ढील देगा.

गौरतलब है कि करीब तीन साल पहले अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तेहरान परमाणु समझौते से अमेरिका को अलग कर लिया था और ईरान पर नये सिरे से प्रतिबंध लगा दिये थे, जिससे इस खाड़ी देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई थी.

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बाइडेन प्रशासन पर दबाव बढ़ाने के लिए ईरान ने 2015 के प्रतिबंधों का क्रमिक रूप से उल्लंघन करने की घोषणा की है. ईरान अपनी इस मांग पर अडिग है कि वह ट्रंप द्वारा लगाये गये प्रतिबंधों से कम किसी भी चीज पर राजी नहीं होगा.

बाइडेन प्रशासन 2015 के परमाणु समझौते को इसके क्रियान्वयन की पटरी पर वापस लाना चाहता है, लेकिन तेहरान से इसे अपेक्षा के अनुरूप प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है. ईरान के सख्त रुख ने आगे की राह कठिन कर दी है.

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