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म्यांमार के रखाइन में इंटरनेट ब्लैकआउट का एक साल पूरा

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Published : Jun 22, 2020, 7:38 PM IST

म्यांमार में राइट्स समूहों द्वारा उत्तर पश्चिम में इंटरनेट शटडाउन को एक साल पूरा हो गया है और यह दूसरे साल में प्रवेश कर गया है. सरकार ने पिछले 21 जून को रखाइन राज्य में मोबाइल डेटा बंद कर दिया था, जिससे स्थानीय लोगों में अशांति फैल गई थी. पढे़ं खबर विस्तार से..

Internet blackout in Myanmar's Rakhine state enters second year
इंटरनेट ब्लैकआउट

नेपिटाव (म्यांमार) : म्यांमार के उत्तर पश्चिम में इंटरनेट शटडाउन का एक साल पूरा हो गया. आज यह दूसरे साल में प्रवेश कर चुका है. म्यांमार की सरकार ने देश के दो राज्यों में पिछले वर्ष 21 जून को इंटरनेट पर प्रतिबंध लगा दिया था. इस तरह के प्रतिबंध को इंटरनेट ब्लैकआउट कहा जाता है.

बता दें, मानवाधिकार समूहों द्वारा इसे दुनिया का सबसे लंबा इंटरनेट शटडाउन घोषित किया गया है. इस पर संयुक्त राष्ट्र ने भी चिंता जताई है.

जनवरी, 2019 से जातीय रखाइन बौद्धों के लिए अधिक स्वायत्तता के लिए संघर्ष कर रहे एक विद्रोही समूह अरकान सेना (एए) के खिलाफ म्यांमार की सेना को गृहयुद्ध में उलझाया गया है.

आपको बता दें कि सरकार ने पिछले वर्ष 21 जून को रखाइन राज्य में मोबाइल डेटा को बंद कर दिया था, जिससे स्थानीय लोगों में अशांति फैल गई थी.

वहीं स्थानीय लोग कोरोना महामारी को लेकर फैले भय को दूर करने के लिए ब्लैकआउट को समाप्त करने की अपील कर रहे हैं. अराकन आर्मी समूह रखाइन में रहने वाले बौद्ध लोगों के लिए ज्यादा स्वायत्तता दिए जाने की मांग को लेकर संघर्ष कर रहा है.

पढे़ं : म्यामांर स्वतंत्रता दिवस विशेष : अतीत के आईने में आज की आजादी

वहीं मानवाधिकार समूहों ने 'दुनिया के सबसे लंबे समय तक सरकार द्वारा लागू इंटरनेट शटडाउन को तत्काल वापस लेने का आह्वान किया.

नेपिटाव (म्यांमार) : म्यांमार के उत्तर पश्चिम में इंटरनेट शटडाउन का एक साल पूरा हो गया. आज यह दूसरे साल में प्रवेश कर चुका है. म्यांमार की सरकार ने देश के दो राज्यों में पिछले वर्ष 21 जून को इंटरनेट पर प्रतिबंध लगा दिया था. इस तरह के प्रतिबंध को इंटरनेट ब्लैकआउट कहा जाता है.

बता दें, मानवाधिकार समूहों द्वारा इसे दुनिया का सबसे लंबा इंटरनेट शटडाउन घोषित किया गया है. इस पर संयुक्त राष्ट्र ने भी चिंता जताई है.

जनवरी, 2019 से जातीय रखाइन बौद्धों के लिए अधिक स्वायत्तता के लिए संघर्ष कर रहे एक विद्रोही समूह अरकान सेना (एए) के खिलाफ म्यांमार की सेना को गृहयुद्ध में उलझाया गया है.

आपको बता दें कि सरकार ने पिछले वर्ष 21 जून को रखाइन राज्य में मोबाइल डेटा को बंद कर दिया था, जिससे स्थानीय लोगों में अशांति फैल गई थी.

वहीं स्थानीय लोग कोरोना महामारी को लेकर फैले भय को दूर करने के लिए ब्लैकआउट को समाप्त करने की अपील कर रहे हैं. अराकन आर्मी समूह रखाइन में रहने वाले बौद्ध लोगों के लिए ज्यादा स्वायत्तता दिए जाने की मांग को लेकर संघर्ष कर रहा है.

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वहीं मानवाधिकार समूहों ने 'दुनिया के सबसे लंबे समय तक सरकार द्वारा लागू इंटरनेट शटडाउन को तत्काल वापस लेने का आह्वान किया.

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