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इंडोनेशिया ने कोरोना से बचाव के लिए चीन के टीके को मंजूरी दी

इंडोनेशिया के खाद्य और औषधि प्राधिकरण ने चीन की कंपनी साइनोवैक बायोटेक लिमिटेड द्वारा निर्मित कोविड-19 टीका के आपात स्थिति में इस्तेमाल की सोमवार को मंजूरी दे दी

चीन के टीके को मंजूरी दी
चीन के टीके को मंजूरी दी
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Published : Jan 11, 2021, 5:52 PM IST

जकार्ता : इंडोनेशिया के खाद्य और औषधि प्राधिकरण ने चीन की कंपनी साइनोवैक बायोटेक लिमिटेड द्वारा निर्मित कोविड-19 टीका के आपात स्थिति में इस्तेमाल की सोमवार को मंजूरी दे दी. मंजूरी के बाद देश में इस सप्ताह से अत्यंत जोखिम वाले आबादी समूह के टीकाकरण का मार्ग प्रशस्त हो गया है.

स्वास्थ्यकर्मियों और अन्य नौकरशाहों को कोरोनावैक के टीके की खुराक देने का अभियान इसी सप्ताह शुरू होने की संभावना है.

इंडोनेशिया की खाद्य और औषधि निगरानी एजेंसी के प्रमुख पेन्नी लुकितो ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'आंकड़ों के आधार पर और विश्व स्वास्थ्य संगठन के निर्देश के मुताबिक कोरोनावैक ने टीका के इस्तेमाल के लिए अनुमति की शर्तों को पूरा किया है.'

इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने कहा कि सबसे पहले वह टीके की खुराक लेंगे. विडोडो ने सोशल मीडिया पर कहा, 'सबसे पहले राष्ट्रपति ही क्यों? मैं अपने आपको प्राथमिकता में नहीं रख रहा बल्कि मैं हर किसी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि टीका हलाल और सुरक्षित है.

यह भी पढ़ें- इंडोनेशिया विमान हादसे पर पीएम मोदी ने दुख जताया

ब्राजील, तुर्की और इंडोनेशिया के क्लीनिकल ट्रायल के आंकड़ों की समीक्षा के बाद इंडोनेशिया के अधिकारियों ने टीका के आपात स्थिति में इस्तेमाल को मंजूरी दे दी.

ब्राजील के टीका निर्माता 'बुटानटन इंस्टीट्यूट' ने पिछले सप्ताह कहा था कि संक्रमण के हल्के मामले में टीका 78 प्रतिशत उपयोगी है और मध्यम तथा ज्यादा जोखिम वालों में यह शत-प्रतिशत कारगर रहा.

तुर्की ने अंतरिम अध्ययन में टीका के 91.25 प्रतिशत असरदार रहने की बात कही थी. बाद के नतीजों को सार्वजनिक तौर पर प्रकाशित नहीं किया गया.

इंडोनिशया के शीर्ष इस्लामिक निकाय इंडोनेशियन उलेमा काउंसिल ने पिछले सप्ताह कहा था कि कोविड-19 टीका हलाल है और मुस्लिमों के इस्तेमाल के अनुकूल है. इसके बाद दुनिया में मुस्लिमों की सबसे बड़ी आबादी वाले देश में टीकाकरण के मार्ग की बाधा खत्म हो गयी थी.

जकार्ता : इंडोनेशिया के खाद्य और औषधि प्राधिकरण ने चीन की कंपनी साइनोवैक बायोटेक लिमिटेड द्वारा निर्मित कोविड-19 टीका के आपात स्थिति में इस्तेमाल की सोमवार को मंजूरी दे दी. मंजूरी के बाद देश में इस सप्ताह से अत्यंत जोखिम वाले आबादी समूह के टीकाकरण का मार्ग प्रशस्त हो गया है.

स्वास्थ्यकर्मियों और अन्य नौकरशाहों को कोरोनावैक के टीके की खुराक देने का अभियान इसी सप्ताह शुरू होने की संभावना है.

इंडोनेशिया की खाद्य और औषधि निगरानी एजेंसी के प्रमुख पेन्नी लुकितो ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'आंकड़ों के आधार पर और विश्व स्वास्थ्य संगठन के निर्देश के मुताबिक कोरोनावैक ने टीका के इस्तेमाल के लिए अनुमति की शर्तों को पूरा किया है.'

इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने कहा कि सबसे पहले वह टीके की खुराक लेंगे. विडोडो ने सोशल मीडिया पर कहा, 'सबसे पहले राष्ट्रपति ही क्यों? मैं अपने आपको प्राथमिकता में नहीं रख रहा बल्कि मैं हर किसी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि टीका हलाल और सुरक्षित है.

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ब्राजील, तुर्की और इंडोनेशिया के क्लीनिकल ट्रायल के आंकड़ों की समीक्षा के बाद इंडोनेशिया के अधिकारियों ने टीका के आपात स्थिति में इस्तेमाल को मंजूरी दे दी.

ब्राजील के टीका निर्माता 'बुटानटन इंस्टीट्यूट' ने पिछले सप्ताह कहा था कि संक्रमण के हल्के मामले में टीका 78 प्रतिशत उपयोगी है और मध्यम तथा ज्यादा जोखिम वालों में यह शत-प्रतिशत कारगर रहा.

तुर्की ने अंतरिम अध्ययन में टीका के 91.25 प्रतिशत असरदार रहने की बात कही थी. बाद के नतीजों को सार्वजनिक तौर पर प्रकाशित नहीं किया गया.

इंडोनिशया के शीर्ष इस्लामिक निकाय इंडोनेशियन उलेमा काउंसिल ने पिछले सप्ताह कहा था कि कोविड-19 टीका हलाल है और मुस्लिमों के इस्तेमाल के अनुकूल है. इसके बाद दुनिया में मुस्लिमों की सबसे बड़ी आबादी वाले देश में टीकाकरण के मार्ग की बाधा खत्म हो गयी थी.

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