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'कुलभूषण जाधव के लिए वकील नियुक्त करने में नाकाम रहा भारत '

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Published : Oct 6, 2020, 10:39 PM IST

पाकिस्तान की एक अदालत ने सूचित किया कि भारत कुलभूषण जाधव का प्रतिनिधित्व करने के लिए कोई वकील नियुक्त करने में विफल रहा है.

कुलभूषण जाधव का प्रतिनिधित्व
कुलभूषण जाधव का प्रतिनिधित्व

इस्लामाबाद : कुलभूषण जाधव को पाक की एक सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनायी है और वह अभी जेल में हैं. इससे पहले पाकिस्तान ने बृहस्पतिवार को एक बार फिर से भारत की मांग को खारिज कर दिया था कि मामले में स्वतंत्र और निष्पक्ष सुनवाई सुनिश्चित करने की खातिर जाधव के लिए एक भारतीय वकील नियुक्त किया जाना चाहिए.

मुख्य न्यायाधीश अथर मिनल्लाह की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ मंगलवार को जाधव को वकील मुहैया कराने के लिए कानून मंत्रालय के अनुरोध पर सुनवाई कर रही थी. सुनवाई के दौरान अदालत को सूचित किया गया कि भारत छह अक्टूबर तक कोई वकील नियुक्त करने में विफल रहा.

इसके बाद अदालत ने पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल (एजीपी) खालिद जावेद खान से यह निर्धारित करने में मदद करने को कहा कि क्या अदालत भारत की मंजूरी के बिना जाधव के लिए कोई कानूनी प्रतिनिधि नियुक्त कर सकती है और इस तरह के कदम का क्या परिणाम होगा.

बाद में अदालत ने मामले की सुनवाई नौ नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी.

गौरतलब है कि भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव (50) को एक पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने जासूसी और आतंकवाद के आरोप में अप्रैल 2017 में मौत की सजा सुनाई थी.

इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने पिछले महीने जाधव के लिए वकील नियुक्त करने को लेकर भारत के लिए एक नयी समय सीमा तय की थी.

इस्लामाबाद : कुलभूषण जाधव को पाक की एक सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनायी है और वह अभी जेल में हैं. इससे पहले पाकिस्तान ने बृहस्पतिवार को एक बार फिर से भारत की मांग को खारिज कर दिया था कि मामले में स्वतंत्र और निष्पक्ष सुनवाई सुनिश्चित करने की खातिर जाधव के लिए एक भारतीय वकील नियुक्त किया जाना चाहिए.

मुख्य न्यायाधीश अथर मिनल्लाह की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ मंगलवार को जाधव को वकील मुहैया कराने के लिए कानून मंत्रालय के अनुरोध पर सुनवाई कर रही थी. सुनवाई के दौरान अदालत को सूचित किया गया कि भारत छह अक्टूबर तक कोई वकील नियुक्त करने में विफल रहा.

इसके बाद अदालत ने पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल (एजीपी) खालिद जावेद खान से यह निर्धारित करने में मदद करने को कहा कि क्या अदालत भारत की मंजूरी के बिना जाधव के लिए कोई कानूनी प्रतिनिधि नियुक्त कर सकती है और इस तरह के कदम का क्या परिणाम होगा.

बाद में अदालत ने मामले की सुनवाई नौ नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी.

गौरतलब है कि भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव (50) को एक पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने जासूसी और आतंकवाद के आरोप में अप्रैल 2017 में मौत की सजा सुनाई थी.

इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने पिछले महीने जाधव के लिए वकील नियुक्त करने को लेकर भारत के लिए एक नयी समय सीमा तय की थी.

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