बीजिंग : चीन में भारत के राजदूत विक्रम मिसरी ने शनिवार को कहा कि 2020 का साल भारत के लिए बहुत असमान्य रहा है, क्योंकि उसे कोविड-19 के साथ देश की सीमा पर आक्रामक रवैये जैसी 'दोहरी चुनौतियों' का सामना करना पड़ा.
देश के 74 वें स्वतंत्रता दिवस पर इंडिया हाउस में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए मिसरी ने उन दिक्कतों के बारे में बात की जिनका चीन में प्रवासी भारतीय सामना कर रहे हैं. कोविड-19 महामारी और उड़ानें स्थगित होने के चलते प्रवासी भारतीयों के परिवारों के कई सदस्य वीजा संबंधी मुद्दों के कारण भारत में रुके हुए हैं.
तिरंगा झंडा फहराने और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का राष्ट्र के नाम शुक्रवार का संबोधन पढ़ने के बाद मिसरी ने सीमा पर आक्रामक रवैये का भी जिक्र किया. परोक्ष रूप से उन्होंने पूर्वी लद्दाख में चीन-भारत सीमा पर स्थिति का उल्लेख किया.
मिसरी ने कहा, 'आपने अभी राष्ट्रपति का संबोधन सुना है, 2020 का साल बहुत असमान्य रहा है. भारत में हमें कोविड-19 और हमारी सीमाओं पर आक्रामक रवैये की दोहरी चुनौती का सामना करना पड़ा.'
उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि हम सब भारतीय जिस स्थिति का सामना कर रहे हैं वह स्वतंत्रता के संघर्ष के दौरान पैदा हुई स्थिति से भिन्न नहीं है.'
उन्होंने कहा, 'एक साथ मिलकर ही हम चुनौतियों का सामना कर सकते हैं. इसके लिए समाज के सभी धड़े को साथ आने की जरूरत है.'
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उन्होंने कहा कि महामारी से अड़चन के बावजूद सरकार ने सुधार की दिशा में कदम बढ़ाए हैं और पिछले सात महीने में शिक्षा, कराधान, श्रम, कृषि और अन्य संबद्ध क्षेत्रों में सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं.
मिसरी ने कहा, 'सुधार की इस मुहिम और भावना से मैं आश्वस्त हूं कि हमारी अर्थव्यवस्था मौजूदा चुनौतियों से उबर जाएगी.'