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5जी समेत कई क्षेत्रों में सहयोग करेंगे भारत-जापान, समझौते पर लगी मुहर

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जापान के विदेश मंत्री तोशिमित्सु मोतेगी के साथ द्विपक्षीय बैठक की. इस दौरान उन्होंने दोनों देशों के रिश्तों को मजबूत करने पर चर्चा की. पढ़ें विस्तार से...

विदेश मंत्री एस जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर
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Published : Oct 7, 2020, 8:03 PM IST

नई दिल्ली : भारत और जापान ने 5 जी प्रौद्योगिकी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और कई अन्य अहम क्षेत्रों में सहयोग के लिये एक महत्वाकांक्षी समझौते को अंतिम रूप दिया है. साथ ही, दोनों रणनीतिक साझेदारों (भारत और जापान) ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र सहित अन्य क्षेत्रों में अपने संबंधों को और व्यापक बनाने का संकल्प लिया.

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जापान के विदेश मंत्री तोशिमित्सु मोतेगी के साथ द्विपक्षीय बैठक की. इसके बाद यह घोषणा की गई कि जापान हिंद प्रशांत महासागर की पहल (आईपीओआई) के संपर्क स्तंभ में प्रमुख साझेदार बनने के लिये सहमत हुआ.

विदेश मंत्री एस जयशंकर का ट्वीट.
विदेश मंत्री एस जयशंकर का ट्वीट.

आईपीओआई, भारत समर्थित एक ढांचा है, जिसका लक्ष्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक सुरक्षित समुद्री अधिकार क्षेत्र बनाने की सार्थक कोशिश करना है, जहां चीन की बढ़ती सैन्य आक्रामकता से विश्व की चिंताएं बढ़ रही हैं.

जयशंकर ने एक ट्वीट में कहा कि विकास परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए भारत-जापान सहयोग को तीसरे देशों में और अधिक विस्तारित करने का विषय भी 13वें भारत-जापान विदेश मंत्रियों की रणनीतिक वार्ता में उठा.

विदेश मंत्रालय ने कहा कि डिजिटल प्रौद्योगिकी की बढ़ती भूमिका को मान्यता देते हुए दोनों मंत्रियों ने मजबूत साइबर प्रणाली की जरूरत का जिक्र किया तथा इस संदर्भ में साइबर सुरक्षा समझौते के मसौदा को अंतिम रूप देने का स्वागत किया.

मंत्रालय ने कहा कि यह समझौता महत्वपूर्ण सूचना ढांचा में क्षमता निर्माण, अनुसंधान और विकास, सुरक्षा, 5 जी, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, एआई सहित अन्य में सहयोग को बढ़ावा देता है.

उल्लेखनीय है कि, कई देशों ने अपने यहां चीनी टेलीकम्युनिकेशंस कंपनी हुवावेई द्वारा 5 जी सेवाएं शुरू करने के प्रति अनिच्छा प्रकट की है. ऐसे में भारत और जापान के बीच 5 जी प्रौद्योगिकी पर यह सहयोग काफी मायने रखता है.

अमेरिका सुरक्षा कारणों को लेकर पहले ही इस चीनी कंपनी को प्रतिबंधित कर चुका है. वह अन्य देशों पर भी इस चीनी कंपनी को प्रतिबंधित करने का दबाव बना रहा है.

गौरतलब है कि, 5 जी अगली पीढ़ी की सेल्युलर प्रोद्योगिकी है, जिसमें डेटा डाउनलोड की गति मौजूदा 4 जी एलटीई नेटवर्क से 10 से लेकर 100 गुना तक तेज होगी.

मंत्रालय ने बताया कि जयशंकर और उनके जापानी समकक्ष ने अपनी वार्ता में समुद्री सुरक्षा, व्यापार एवं निवेश, विनिर्माण, संपर्क एवं बुनियादी ढांचा तथा संयुक्त राष्ट्र में सुधारों सहित कई मुद्दों पर चर्चा की.

मंत्रालय ने बताया कि उन्होंने स्वतंत्र, खुले और समावेशी हिंद प्रशांत क्षेत्र की हिमायत की.

विदेश मंत्री ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि दोनों नेताओं ने विनिर्माण, कौशल विकास, बुनियादी ढांचे, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा की.

उन्होंने कहा कि भारत और जापान के बीच विशेष साझेदारी कोविड से उबरने के बाद भारी परिवर्तन ला सकती है.

यह भी पढ़ें-विदेश मंत्री जयशंकर ने जापानी समकक्ष के साथ द्विपक्षीय वार्ता की

यह सुरक्षा वार्ता क्वाड के विदेश मंत्रियों के साथ बैठक के एक दिन बाद हुई है. क्वाड चार देशों का समूह है, जिसमें अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं.

जयशंकर ने कहा कि हमने तीसरे देश में अपने गठबंधन को और बढ़ाने के तरीके तलाशे, जिसमें पूरा ध्यान विकासात्मक परियोजनाओं पर रहा. वैश्विक स्थिति की समीक्षा की और संयुक्त राष्ट्र में सुधार से जुड़ी प्रगति पर चर्चा की. हमारी साझा प्रतिबद्धता हिंद प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता, सुरक्षा और समृद्धि में मदद कर सकती है.

गौरतलब है कि, पिछले महीने जयशंकर ने कहा था कि भारत और जापान दोनों देश श्रीलंका, बांग्लादेश और म्यांमार जैसे तीसरे देशों में साथ काम करने पर विचार कर रहे हैं जो रणनीतिक हितों पर उनके बढ़ते मेल को दर्शाते हैं.

दोनों देशों के बीच रक्षा और सुरक्षा, विनिर्माण और सूचना और संचार प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में सहयोग तेजी से बढ़ रहा है.

क्वाड की बैठक में जापान ने उम्मीद जताई थी कि बैठक चीन की बढ़ती आक्रामकता का मुकाबला करने पर केंद्रित 'स्वतंत्र और मुक्त हिन्द-प्रशांत' पहल पर चारों सदस्य देशों की भागीदारी को बढ़ाने में मदद करेगी.

बैठक के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि जापान के प्रधानमंत्री योशीहाइड सुगा और अन्य क्वाड विदेश मंत्रियों के साथ मुलाकात की.

इस दौरान विशेष भागीदारी के द्विपक्षीय और वैश्विक आयामों के बारे में बात की.

गौरतलब है कि, कल हुई क्वाड समूह के विदेश मंत्रियों की बैठक में चीन की आक्रामकता पर चर्चा की गई.

इसी क्रम में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ के बीच भी वार्ता चली. आपको बता दें कि, 'क्वाड' नाम के चतुर्भुजीय संगठन में हिन्द-प्रशांत क्षेत्र के चार देश भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं.

नई दिल्ली : भारत और जापान ने 5 जी प्रौद्योगिकी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और कई अन्य अहम क्षेत्रों में सहयोग के लिये एक महत्वाकांक्षी समझौते को अंतिम रूप दिया है. साथ ही, दोनों रणनीतिक साझेदारों (भारत और जापान) ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र सहित अन्य क्षेत्रों में अपने संबंधों को और व्यापक बनाने का संकल्प लिया.

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जापान के विदेश मंत्री तोशिमित्सु मोतेगी के साथ द्विपक्षीय बैठक की. इसके बाद यह घोषणा की गई कि जापान हिंद प्रशांत महासागर की पहल (आईपीओआई) के संपर्क स्तंभ में प्रमुख साझेदार बनने के लिये सहमत हुआ.

विदेश मंत्री एस जयशंकर का ट्वीट.
विदेश मंत्री एस जयशंकर का ट्वीट.

आईपीओआई, भारत समर्थित एक ढांचा है, जिसका लक्ष्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक सुरक्षित समुद्री अधिकार क्षेत्र बनाने की सार्थक कोशिश करना है, जहां चीन की बढ़ती सैन्य आक्रामकता से विश्व की चिंताएं बढ़ रही हैं.

जयशंकर ने एक ट्वीट में कहा कि विकास परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए भारत-जापान सहयोग को तीसरे देशों में और अधिक विस्तारित करने का विषय भी 13वें भारत-जापान विदेश मंत्रियों की रणनीतिक वार्ता में उठा.

विदेश मंत्रालय ने कहा कि डिजिटल प्रौद्योगिकी की बढ़ती भूमिका को मान्यता देते हुए दोनों मंत्रियों ने मजबूत साइबर प्रणाली की जरूरत का जिक्र किया तथा इस संदर्भ में साइबर सुरक्षा समझौते के मसौदा को अंतिम रूप देने का स्वागत किया.

मंत्रालय ने कहा कि यह समझौता महत्वपूर्ण सूचना ढांचा में क्षमता निर्माण, अनुसंधान और विकास, सुरक्षा, 5 जी, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, एआई सहित अन्य में सहयोग को बढ़ावा देता है.

उल्लेखनीय है कि, कई देशों ने अपने यहां चीनी टेलीकम्युनिकेशंस कंपनी हुवावेई द्वारा 5 जी सेवाएं शुरू करने के प्रति अनिच्छा प्रकट की है. ऐसे में भारत और जापान के बीच 5 जी प्रौद्योगिकी पर यह सहयोग काफी मायने रखता है.

अमेरिका सुरक्षा कारणों को लेकर पहले ही इस चीनी कंपनी को प्रतिबंधित कर चुका है. वह अन्य देशों पर भी इस चीनी कंपनी को प्रतिबंधित करने का दबाव बना रहा है.

गौरतलब है कि, 5 जी अगली पीढ़ी की सेल्युलर प्रोद्योगिकी है, जिसमें डेटा डाउनलोड की गति मौजूदा 4 जी एलटीई नेटवर्क से 10 से लेकर 100 गुना तक तेज होगी.

मंत्रालय ने बताया कि जयशंकर और उनके जापानी समकक्ष ने अपनी वार्ता में समुद्री सुरक्षा, व्यापार एवं निवेश, विनिर्माण, संपर्क एवं बुनियादी ढांचा तथा संयुक्त राष्ट्र में सुधारों सहित कई मुद्दों पर चर्चा की.

मंत्रालय ने बताया कि उन्होंने स्वतंत्र, खुले और समावेशी हिंद प्रशांत क्षेत्र की हिमायत की.

विदेश मंत्री ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि दोनों नेताओं ने विनिर्माण, कौशल विकास, बुनियादी ढांचे, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा की.

उन्होंने कहा कि भारत और जापान के बीच विशेष साझेदारी कोविड से उबरने के बाद भारी परिवर्तन ला सकती है.

यह भी पढ़ें-विदेश मंत्री जयशंकर ने जापानी समकक्ष के साथ द्विपक्षीय वार्ता की

यह सुरक्षा वार्ता क्वाड के विदेश मंत्रियों के साथ बैठक के एक दिन बाद हुई है. क्वाड चार देशों का समूह है, जिसमें अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं.

जयशंकर ने कहा कि हमने तीसरे देश में अपने गठबंधन को और बढ़ाने के तरीके तलाशे, जिसमें पूरा ध्यान विकासात्मक परियोजनाओं पर रहा. वैश्विक स्थिति की समीक्षा की और संयुक्त राष्ट्र में सुधार से जुड़ी प्रगति पर चर्चा की. हमारी साझा प्रतिबद्धता हिंद प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता, सुरक्षा और समृद्धि में मदद कर सकती है.

गौरतलब है कि, पिछले महीने जयशंकर ने कहा था कि भारत और जापान दोनों देश श्रीलंका, बांग्लादेश और म्यांमार जैसे तीसरे देशों में साथ काम करने पर विचार कर रहे हैं जो रणनीतिक हितों पर उनके बढ़ते मेल को दर्शाते हैं.

दोनों देशों के बीच रक्षा और सुरक्षा, विनिर्माण और सूचना और संचार प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में सहयोग तेजी से बढ़ रहा है.

क्वाड की बैठक में जापान ने उम्मीद जताई थी कि बैठक चीन की बढ़ती आक्रामकता का मुकाबला करने पर केंद्रित 'स्वतंत्र और मुक्त हिन्द-प्रशांत' पहल पर चारों सदस्य देशों की भागीदारी को बढ़ाने में मदद करेगी.

बैठक के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि जापान के प्रधानमंत्री योशीहाइड सुगा और अन्य क्वाड विदेश मंत्रियों के साथ मुलाकात की.

इस दौरान विशेष भागीदारी के द्विपक्षीय और वैश्विक आयामों के बारे में बात की.

गौरतलब है कि, कल हुई क्वाड समूह के विदेश मंत्रियों की बैठक में चीन की आक्रामकता पर चर्चा की गई.

इसी क्रम में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ के बीच भी वार्ता चली. आपको बता दें कि, 'क्वाड' नाम के चतुर्भुजीय संगठन में हिन्द-प्रशांत क्षेत्र के चार देश भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं.

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