इस्लामाबाद : पाकिस्तान सरकार खरीद-फरोख्त के आरोपों से बचने और प्रत्यक्ष मतदान के जरिए पारदर्शी तरीके से सीनेट का चुनाव कराने को लेकर उच्चतम न्यायालय का रूख करने पर विचार कर रही है. मीडिया की एक खबर में बुधवार को बताया गया कि प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व में मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक में फरवरी में 52 सीटों पर सीनेट का चुनाव कराने का फैसला किया गया.
नेशनल एसेंबली में एक विधेयक पेश किया
बैठक के बाद सूचना मंत्री शिबली फराज ने संवाददाताओं को बताया कि प्रत्यक्ष तरीके से सीनेट का चुनाव कराने पर निर्देश के लिए सरकार उच्चतम न्यायालय का रूख करेगी. उन्होंने कहा कि चूंकि सीनेट का चुनाव हमेशा विवादास्पद हो जाता है और खरीद-फरोख्त के आरोप लगते हैं, इसलिए सरकार पारदर्शी और सही तरीके से यह चुनाव कराना चाहती है. मंत्री ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के पूर्व के फैसले के आधार पर इस संबंध में नेशनल एसेंबली में एक विधेयक पेश किया गया था और मंत्रिमंडल ने चर्चा की है कि यह विधेयक किस रूप में पारित होना चाहिए.
52 सीटों पर चुनाव होगा
देश में 104 सदस्यीय सीनेट के कई सदस्यों के 11 मार्च को सेवानिवृत्त होने के मद्देनजर 52 सीटों पर चुनाव होगा. सीनेट के सदस्य छह साल के लिए चुने जाते हैं. इसके सदस्य आनुपातिक प्रतिनिधित्व के आधार पर चार प्रांतीय एसेंबली द्वारा चुने जाते हैं. बैठक के दौरान प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि चुनाव के संबंध में सुधार का मकसद पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना है और मुद्दे पर बातचीत के वास्ते सभी राजनीतिक दलों के लिए द्वार खुले हैं.