तोक्यो : दुनिया में पहले परमाणु बम हमले की 76वीं बरसी पर शुक्रवार को हिरोशिमा के मेयर ने वैश्विक नेताओं से परमाणु हथियारों को खत्म करने के लिए उसी तरह एकजुट होने का अनुरोध किया जैसे कि वे कोरोना वायरस के खिलाफ एकजुट हुए.
जापान के इस शहर के मेयर काजुमी मात्सुई ने विश्व नेताओं से आग्रह किया कि वे परमाणु निस्त्रीकरण को उतनी ही गंभीरता से लें जितनी कि वैश्विक महामारी को लेते हैं जिसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय 'मानवता के लिए खतरा' मानता है.
उन्होंने कहा, 'युद्ध जीतने के लिए बनाए गए परमाणु हथियार संपूर्ण विनाश का खतरा पैदा करते हैं जिसे अगर सभी देश एक साथ काम करें तो निश्चित तौर पर खत्म किया जा सकता है. इन हथियारों के साथ किसी भी समाज का कायम रहना संभव नहीं है.'
गौरतलब है कि अमेरिका ने दुनिया का पहला परमाणु बम छह अगस्त 1945 को हिरोशिमा में गिराया था और इसमें 1,40,000 लोगों की मौत हो गयी थी. उसने तीन दिन बाद नागासाकी पर दूसरा बम गिराया था जिसमें 70,000 लोगों की मौत हो गई थी.
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परमाणु बम हमले में बचे लोगों के संयुक्त प्रयासों से वर्षों बाद परमाणु हथियार निषेध पर एक वैश्विक संधि जनवरी में प्रभावी हुई.
हिरोशिमा में कार्यक्रम में शामिल हुए प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा ने संधि का जिक्र नहीं किया और इसके बजाय परमाणु हथियार सम्पन्न तथा गैर परमाणु हथियार देशों के प्रति और अधिक 'वास्तविक' रुख अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया. बाद में एक संवाददाता सम्मेलन में सुगा ने कहा कि संधि पर हस्ताक्षर करने की उनकी कोई योजना नहीं है.
उन्होंने कहा, 'इस संधि को अमेरिका समेत परमाणु हथियारों से संपन्न देशों की ओर से समर्थन नहीं है बल्कि उन देशों का भी समर्थन नहीं है जिनके पास परमाणु हथियार नहीं हैं.'
(एपी)