हांगकांग : कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए हांगकांग के सैकड़ों चिकित्साकर्मियों ने सोमवार को काम ठप कर दिया. इन लोगों की मांग है कि चीन के साथ लगने वाली सीमा को बंद किया जाए. कई महत्वपूर्ण कर्मचारियों ने आने वाले दिनों में भी यह हड़ताल जारी रखने की चेतावनी दी है.
आर्थिक केंद्र माने जाने वाले हांगकांग में बीमारी के 15 मामले सामने आए हैं जिनकी पुष्टि हो चुकी है. इनमें से ज्यादातर चीनी मुख्य भूभाग से आए लोग हैं जहां से यह महामारी शुरू हुई है. वायरस के प्रकोप के चलते अब तक वहां 360 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं.
गैर आकस्मिक चिकित्सा कर्मियों की ओर से यह कदम उस वक्त उठाया गया है जब शहर के चीन समर्थक नेतृत्व ने सीमा को पूरी तरह से बंद किए जाने का विरोध किया है.
अधिकारियों का तर्क है कि ऐसा करना भेदभावपूर्ण, आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचाने वाला और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की सलाह के खिलाफ जाने वाला होगा.
इसकी बजाए, शहर की सरकार ने कुछ पारगमन स्थलों को बंद कर दिया है और कहा है कि चीन से आने वाले लोगों की संख्या में काफी कमी आई है.
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लेकिन शहर में जन आक्रोश बढ़ा हुआ है क्योंकि वह 2003 के सार्स प्रकोप के बाद से चीन पर भरोसा नहीं करता है जब बीजिंग ने इस प्रकोप पर पर्दा डालने की कोशिश की थी और जिससे हांग कांग में करीब 300 लोगों की मौत हो गई थी.
नवगठित चिकित्सा कर्मी संघ के हजारों सदस्यों ने सीमा बंद करने संबंधी अपनी मांग माने जाने तक हड़ताल करने के पक्ष में शनिवार को मतदान किया था और पहले समूह ने सोमवार से काम करना बंद भी कर दिया.
संघ ने कहा कि अभी 'गैर आकस्मिक' कर्मियों ने हड़ताल की है लेकिन चिकित्सकों एवं नर्सों समेत अन्य महत्त्वपूर्ण स्टाफ मांग नहीं माने जाने पर मंगलवार को काम नहीं करेंगे.