लाहौर : 2008 मुंबई आतंकी हमले के मास्टर माइंड हाफिज मोहम्मद सईद को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) के फैसले के बाद रिहा किया जा सकता है. सूचना सूत्रों के अनुसार सईद की गिरफ्तारी के फैसले में जानबूझकर ऐसी खामियां दिखाई गईं हैं, जिससे वह रिहा किया जा सकता है.
बता दें कि एफएटीएफ की बैठक 16 फरवरी को पेरिस में होगी, जो यह निर्णय देगी कि आतंक के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहने के लिए पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट करने की जरूरत है या नहीं.
जमात उद दावा (जेयूडी) प्रमुख हाफिज के वकील ने कहा कि वह आतंक विरोधी अदालत के फैसले को लाहौर हाईकोर्ट में चुनौती देंगे.
सईद के वकील का तर्क है कि एफएटीएफ के दबाव के कारण उसके मुवक्किल को दोषी ठहराया गया था और कोई अन्य वजह नहीं है.
गौरतलब है कि हाफिज सईद को टेरर फंडिंग के दो मामलों में साढ़े पांच साल की सजा सुनाई गई है.
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बता दें कि आतंकवाद निरोधक अदालत (एटीसी) ने सईद और उसके करीबी सहयोगियों को 11 दिसंबर को दोषी ठहराया था. अदालत ने सईद को दोनों मामलों में साढ़े पांच साल (अलग-अलग) की सजा सुनाई और प्रत्येक मामले में पंद्रह हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
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