यांगून : म्यांमार में जेल में बंद समाचार एजेंसी रायटर्स के दो पत्रकारों - वा लोन और क्याव सू ओ को राष्ट्रपति द्वारा माफी देने के बाद रिहा कर दिया गया. उन्हें सितंबर में दोषी ठहराया गया था और सात साल की जेल की सजा सुनाई गई थी.
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, म्यांमार के नववर्ष के आस-पास राष्ट्रपति कैदियों की सजा माफ करते हैं. इसी के तहत हजारों अन्य कैदियों के साथ ही दोनों पत्रकारों को भी रिहाई मिल गई.
यांगून के बाहरी इलाके में बनी जेल से रिहा होने के बाद वा लोन (Wa Lone) ने कहा कि 'मैं अपने परिवारजनों और दोस्तों से मिलने के लिए बेहद उत्साहित हूं.'
क्याव सू ओ (Kyaw Soe Oo) ने कहा कि 'मैं बेसबरी से अपने परिवार से मिलने का इंतजार कर रहा हूं और आज रात उनके साथ सिनेमा देखने भी जाउंगा.'
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लोन और सू ओ को ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया था और पिछले साल सितंबर में उन्हें सात साल जेल की सजा सुनाई गई थी.
उन्हें यह सजा तब दी गई थी जब इन्होंने साल 2017 में सरकारी सुरक्षा बलों द्वारा एक सैन्य अभियान के दौरान 10 रोहिंग्या मुस्लिमों को मारे जाने की रिपोर्टिग की थी.
उन्हें जेल में डाले जाने की विश्व भर में निंदा की गई थी और इसे म्यांमार में प्रेस की आजादी पर हमला बताया गया था.
पिछले महीने पत्रकारों को अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टिंग के लिए पुलित्जर पुरस्कार मिला था जो पत्रकारिता के सर्वोच्च सम्मानों में से एक है.