बैंकाक: थाईलैंड की एक अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री थाकसिन शिनवात्रा की गैरमौजूदगी में उन्हें एक लॉटरी कार्यक्रम के मामले में दो साल की सजा सुनाई है. उन्होंने एक दशक पहले अपने कार्यकाल के दौरान इस कार्यक्रम की शुरुआत की थी.
उन्हें उच्चतम न्यायालय की एक शाखा ने इस अपराध में सजा सुनायी. उन्हें अपने कार्यकाल के दौरान एक ऐसी नीति शुरू करने का दोषी पाया गया जो कानून एवं आधिकारिक नियमों का उल्लंघन था.
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थाकसिन को 2006 में एक सैन्य तख्तापलट के बाद अपदस्थ कर दिया गया था और वह 2008 से थाइलैंड में नहीं हैं . हितों के टकराव के मामले में दोषसिद्धि पर दो साल की सजा से बचने के लिए वह देश से बाहर चले गए थे.
उन्हें अप्रैल में तीन साल की सजा सुनायी गयी. थाईलैंड के एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट बैंक को म्यामां को कर्ज देने के आदेश के मामले में सजा दी गयी थी. इस कर्ज का इस्तेमाल एक उपग्रह संचार कंपनी को भुगतान करने में हुआ और इस कंपनी पर उनके और उनके परिवार का नियंत्रण था.
थाकसिन का दुबई में एक घर है और वहां वह अक्सर आते-जाते रहते हैं. उनसे संपर्क नहीं हो पाया लेकिन वह किसी भी गड़बड़ी से लगातार इनकार करते रहे हैं.