इस्लामाबादः पाक परमाणु परीक्षणों की 21 वर्षगांठ मना रहा है. इस मौके पर पाक के पूर्व पीएम नवाज शरीफ ने बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि देश को परमाणु शक्ति बनाने के उनके फैसले से ही पाक रक्षा क्षेत्र में अपराजेय बना है.
पाकिस्तान की जेल में 7 सालों के कारावास की सजा भुगत रहे नवाज शरीफ ने मंगलवार को यह बयान दिया.
बता दें 28 मई 1998 को बलूचिस्तान के छगी में पांच परमाणु परीक्षण किए. यह परमाणु परीक्षण नवाज शरीफ के प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान हुए थे. उस दिन से पाकिस्तान में यह दिन 'यॉम ए तकबीर' के रूप में मनाया जाता है.
11 मई को भारत द्वारा पोखरण में सफलतापूर्वक परमाणु परीक्षण किए जाने के कुछ दिनों बाद पाकिस्तान के परमाणु परीक्षण हुए थे.
पाकिस्तान मुस्लिम लीग (पीएमएल-एन) द्वारा ट्विटर हैंडल के जरिये साझा अपने बयान में इमरान ने कहा, '28 मई पाकिस्तान के इतिहास का एक अविस्मरणीय दिन है. इस दिन, देश की रक्षा को परमाणु शक्ति के रूप में विश्व मानचित्र पर लाया गया था.'
बता दें, इमरान खान कोट लखपत जेल में भ्रष्टाचार के मामले में सात साल की सजा काट रहे हैं जेल से दिए अपने बयान में उन्होंने कहा, 'यॉम ए तकबीर' देश के सम्मान का दिन है, देश की अभूतपूर्व वीरता का प्रतीक है. यह देश के दुश्मनों को भी संदेश देता है कि पाकिस्तान के खिलाफ किसी भी दुस्साहस के मामले में परिणाम गंभीर होंगे.
शरीफ ने कहा कि उनकी सरकार को परमाणु परीक्षणों के मामले में आर्थिक प्रतिबंधों की धमकी दी गई थी.
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उन्होंने यह भी कहा कि 'परीक्षणों का संचालन न करने के लिए पाकिस्तान को अरबों डॉलर की पेशकश की गई थी. लेकिन मैंने सभी चुनौतियों को स्वीकार करते हुए परीक्षणों को आगे बढ़ाया.'
पीएमएल-एन प्रमुख ने दावा किया कि चीन-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर की उनकी मंजूरी के तहत देश को एक आर्थिक शक्ति बनाने के लिए बाहरी ताकतों ने उनके खिलाफ गहरी साजिश रची.
जिसके कारण उन्हें पहले निर्वासन पर जाने के लिए मजबूर किया गया और बाद में जेल की सजा सुनाई गई.
उन्होंने कहा, 'एकान्त कारावास में, मैं राष्ट्र को आश्वस्त करता हूं कि मैं लोगों के संवैधानिक अधिकारों, लोगों के मतदान के अधिकार, देश की सुरक्षा और संप्रभुता से कभी समझौता नहीं करूंगा.'
आपको बता दें, पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ 24 दिसंबर, 2018 से जेल में सात साल की कैद की सजा काट रहे हैं, अदालत ने उन्हें 28 जुलाई, 2017 के आदेश में पनामा पेपर्स मामले में दायर तीन भ्रष्टाचार के मामलों में दोषी ठहराया था.