कोलंबो : भारत के 'कोविशील्ड' टीके की पांच लाख खुराकें बृहस्पतिवार को कोलंबो पहुंचीं. श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने हवाईअड्डे पर इस खेप को स्वीकार किया. भारत ने अपनी 'पड़ोसी पहले' नीति के तहत श्रीलंका को टीके दान दिए हैं. भारत ने पिछले सप्ताह घोषणा की थी कि वह श्रीलंका और सात अन्य देशों - भूटान, मालदीव, बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार और सेशेल्स, अफगानिस्तान और मॉरीशस को सहायता के तौर पर कोविड-19 के टीके देगा.
भारत अपनी 'पड़ोसी प्रथम' नीति के तहत सहायता के तौर पर नेपाल, बांग्लादेश, भूटान और मालदीव को सहायता के रूप में कोविड-19 टीके भेजे चुका है. एअर इंडिया के विशेष विमान में जब टीके कोलंबो अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पहुंचे, तब राष्ट्रपति राजपक्षे भी वहां मौजूद थे. टीकों की ये खुराकें 42 डिब्बों में बंद थीं. राजपक्षे के साथ हवाईअड्डे पर कोलंबो में भारतीय दूत गोपाल बागले भी मौजूद थे. भारतीय उच्च आयोग ने ट्वीट किया कि पोया दिवस पर 'कोविशील्ड' टीकों की पांच लाख खुराकें प्राप्त कर धन्य हैं.
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श्रीलंका द्वारा ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा उत्पादित टीके के आपात इस्तेमाल की मंजूरी देने के बाद टीके भेजे गए हैं. स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार देश में शुक्रवार से कोलंबो के आस-पास छह अस्पतालों में टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी.