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हांगकांग में सोशल मीडिया साइट्स सरकार को नहीं देंगी उपयोक्ताओं की जानकारी - National security law

फेसबुक, वाट्सएप, टेलीग्राम, गूगल और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया साइट्स ने कहा कि वह हांगकांग में सरकार को खाताधारकों की जानकारी नहीं देंगी. इसके साथ ही वह देश में लागू नए सुरक्षा कानूनों का अध्ययन करेंगी. बता दें कि

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प्रतीकात्मक तस्वीर
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Published : Jul 8, 2020, 1:54 AM IST

हांगकांग : फेसबुक, वाट्सएप, टेलीग्राम, गूगल और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया साइट्स का कहना है कि वह हांगकाग में कानून-व्यवस्था लागू करने वाली एजेंसियों को अपने खाताधारकों की सूचना नहीं देंगी. इन कंपनियों ने कहा है कि वह वहां चीन सरकार के पिछले सप्ताह लागू राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के पहलुओं का अध्ययन कर रही हैं.

फेसबुक और उसकी मेसेजिंग एप वाट्सएप ने सोमवार को अलग-अलग बयानों में कहा कि वह हांगकांग में अपने उपयोक्ताओं के डेटा की जानकारी मांगने वाली दरख्वास्तों की समीक्षा फिलहाल रोकेंगी. इस मामले में आगे कोई कार्रवाई करने से पहले वह मौलिक मानवाधिकारों के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून की समीक्षा करेंगी और इस विषय में मानवाधिकारों के अंतररार्ष्टीय विशेषज्ञों की राय भी लेंगी.

चीन ने पिछले हफ्ते से इस राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को लागू किया है. इसमें ऐसी गतिविधिंयों पर हांगकांग में पाबंदी है जो चीन की नजर में अलगाववादी, विध्वंसक और आतंकवादी हैं या देश के अंदरूनी मामलों में विदेशी दखल है.

यह कानून 'हांगकांग को आजाद करो, हमारे समय की क्रांति' जैसे लोकतंत्र उन्मुखी नारों को आपराधिक करार देता है. चीन इसे अलगाववादी धारणा बताता है.

इस नए कानून का सबसे बड़ा डर है कि यह हांगकांग जैसे 'अर्द्ध स्वायत्त शहर' की स्वतंत्रता को कम करता है. हांगकांग में चीन की 'एक राष्ट्र, दो विधान' नीति के अनुरूप शासन चलता है. हांगकांग ब्रिटेन का उपनिवेश था, जिसे उसने 1997 में चीन को सौंपा और तब से वहां इसी नीति के आधार पर कामकाज होता है.

पढ़ें : हांगकांग सरकार ने फेसबुक से मांगा उपभोक्ताओं का डेटा, कंपनी का इनकार

'एक राष्ट्र, दो विधान' की व्यवस्था हांगकांग को गैर-बाधा वाले इंटरनेट तक पहुंच समेत कई तरह की आजादी देती है जैसी मुख्य चीन में नहीं है.

टेलीग्राम के प्रवक्ता माइक रैवडोनिकस ने सोमवार को कहा कि कंपनी अपने हांगकांग के उपयोक्ताओं की निजता की सुरक्षा के अधिकार को अच्छे से समझती है.

हांगकांग में लोकतंत्र उन्मुखी नारों समेत विरोध प्रदर्शनों की जानकारी देने के लिए टेलीग्राम का बहुत उपयोग किया जाता है.

रैवडोनिकस ने कहा कि टेलीग्राम ने हांगकांग के प्रशासन के साथ ना तो पहले किसी तरह की जानकारी साझा की है और ना ही करने का इरादा है जब तक कि इस कानून को लेकर कोई अंतरराष्ट्रीय सहमति नहीं बन जाती.
ट्विटर ने भी स्थानीय प्रशासन से मांगी गई उपयोक्ताओं की जानकारी देने से मना कर दिया है. इसी तरह का बयान गूगल ने भी जारी किया है.

इन सभी एप को हांगकांग में अभी बंद नहीं किया गया है. अन्यथा इन सभी को मुख्य चीन में परिचालन की अनुमति नहीं है. इन्हें वहां 'ग्रेट फायरबॉल' के माध्यम से ब्लॉक किया गया है.

हांगकांग : फेसबुक, वाट्सएप, टेलीग्राम, गूगल और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया साइट्स का कहना है कि वह हांगकाग में कानून-व्यवस्था लागू करने वाली एजेंसियों को अपने खाताधारकों की सूचना नहीं देंगी. इन कंपनियों ने कहा है कि वह वहां चीन सरकार के पिछले सप्ताह लागू राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के पहलुओं का अध्ययन कर रही हैं.

फेसबुक और उसकी मेसेजिंग एप वाट्सएप ने सोमवार को अलग-अलग बयानों में कहा कि वह हांगकांग में अपने उपयोक्ताओं के डेटा की जानकारी मांगने वाली दरख्वास्तों की समीक्षा फिलहाल रोकेंगी. इस मामले में आगे कोई कार्रवाई करने से पहले वह मौलिक मानवाधिकारों के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून की समीक्षा करेंगी और इस विषय में मानवाधिकारों के अंतररार्ष्टीय विशेषज्ञों की राय भी लेंगी.

चीन ने पिछले हफ्ते से इस राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को लागू किया है. इसमें ऐसी गतिविधिंयों पर हांगकांग में पाबंदी है जो चीन की नजर में अलगाववादी, विध्वंसक और आतंकवादी हैं या देश के अंदरूनी मामलों में विदेशी दखल है.

यह कानून 'हांगकांग को आजाद करो, हमारे समय की क्रांति' जैसे लोकतंत्र उन्मुखी नारों को आपराधिक करार देता है. चीन इसे अलगाववादी धारणा बताता है.

इस नए कानून का सबसे बड़ा डर है कि यह हांगकांग जैसे 'अर्द्ध स्वायत्त शहर' की स्वतंत्रता को कम करता है. हांगकांग में चीन की 'एक राष्ट्र, दो विधान' नीति के अनुरूप शासन चलता है. हांगकांग ब्रिटेन का उपनिवेश था, जिसे उसने 1997 में चीन को सौंपा और तब से वहां इसी नीति के आधार पर कामकाज होता है.

पढ़ें : हांगकांग सरकार ने फेसबुक से मांगा उपभोक्ताओं का डेटा, कंपनी का इनकार

'एक राष्ट्र, दो विधान' की व्यवस्था हांगकांग को गैर-बाधा वाले इंटरनेट तक पहुंच समेत कई तरह की आजादी देती है जैसी मुख्य चीन में नहीं है.

टेलीग्राम के प्रवक्ता माइक रैवडोनिकस ने सोमवार को कहा कि कंपनी अपने हांगकांग के उपयोक्ताओं की निजता की सुरक्षा के अधिकार को अच्छे से समझती है.

हांगकांग में लोकतंत्र उन्मुखी नारों समेत विरोध प्रदर्शनों की जानकारी देने के लिए टेलीग्राम का बहुत उपयोग किया जाता है.

रैवडोनिकस ने कहा कि टेलीग्राम ने हांगकांग के प्रशासन के साथ ना तो पहले किसी तरह की जानकारी साझा की है और ना ही करने का इरादा है जब तक कि इस कानून को लेकर कोई अंतरराष्ट्रीय सहमति नहीं बन जाती.
ट्विटर ने भी स्थानीय प्रशासन से मांगी गई उपयोक्ताओं की जानकारी देने से मना कर दिया है. इसी तरह का बयान गूगल ने भी जारी किया है.

इन सभी एप को हांगकांग में अभी बंद नहीं किया गया है. अन्यथा इन सभी को मुख्य चीन में परिचालन की अनुमति नहीं है. इन्हें वहां 'ग्रेट फायरबॉल' के माध्यम से ब्लॉक किया गया है.

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