नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना आतंक के मुद्दे पर लताड़ा है. उन्होंने कहा है कि मुंबई में हुए आतंकी हमलों के अपराधियों को संरक्षण ही नहीं, बल्कि पांच सितारा आतिथ्य (फाइव स्टार) सुविधाएं मिल रही हैं.
जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद और देशों में संगठित अपराध के बीच जुड़ाव की पहचान की जानी चाहिए और दृढ़ता से इसका समाधान किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमने 1993 के मुंबई धमाके के लिए जिम्मेदार आपराधिक गिरोहों को राज्य का संरक्षण ही नहीं, बल्कि पांच सितारा आतिथ्य सुविधाएं मिलते हुए भी देखा है.
बकौल जयशंकर, 'संयुक्त राष्ट्र की पाबंदी के तहत लोगों और संगठनों के नाम सूची में शामिल करने और बाहर करने का काम निष्पक्षता के साथ होना चाहिए.' मंगलवार को यूएनएससी में बोलते हुए जयशंकर ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आतंकवाद को उचित ठहराने और उसका महिमामंडन करने की इजाजत नहीं देनी चाहिए.
भारत ने संभवत: पाकिस्तान में छिपे दाउद इब्राहिम का परोक्ष तौर पर हवाला देते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से कहा कि 1993 के मुंबई बम विस्फोटों के लिए जिम्मेदार आपराधिक गिरोहों को न केवल सरकार का संरक्षण ही नहीं मिल रहा बल्कि वे पांच सितारा आतिथ्य का आनंद उठा रहे हैं.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने डिजिटल तरीके से बैठक को संबोधित करते हुए कहा, 'सबसे पहले हमें आतंकवाद के खिलाफ मुकाबले के लिए दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखानी होगी. इस लड़ाई में किंतु-परंतु नहीं होना चाहिए.'
उन्होंने कहा, 'आतंकवाद को कभी भी उचित नहीं ठहराया जा सकता, ना ही इसका गुणगान किया जा सकता है. सभी सदस्य राष्ट्रों को आतंकवाद से निपटने के लिए अपनी प्रतिबद्धताओं और समझौते का पालन करना चाहिए.'
जयशंकर प्रस्ताव 1373 (2001) को अंगीकृत किए जाने के बाद '20 साल में आतंकवाद से लड़ाई में अंतरराष्ट्रीय सहयोग और आतंकवादी कृत्यों के कारण अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को खतरा' विषय पर यूएनएससी की मंत्रिस्तरीय बैठक को संबोधित कर रहे थे.
गौरतलब है कि इस महीने 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद में भारत के अस्थायी सदस्य के तौर पर दो साल के कार्यकाल की शुरुआत हुई है. इसके बाद से मंत्री ने पहली बार संबोधित किया.